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नूंह हिंसा जांच में कांग्रेस विधायक गिरफ्तार

चारु कार्तिकेय
१५ सितम्बर २०२३

हरियाणा पुलिस ने नूंह हिंसा की एफआईआर में कांग्रेस विधायक मामन खान का नाम पीछे की तारीख से जोड़ने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

नूंह, हरियाणा
नूंह में दंगों के बाद सुनसान पड़ा एक इलाकातस्वीर: Altaf Qadri/AP/picture alliance

कांग्रेस नेता मामन खान नूंह विधानसभा क्षेत्र से सटे हुए फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उन्होंने फरवरी, 2023 में जुनैद और नासिर नाम के दो युवकों की हत्या में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे मोहित यादव, उर्फ 'मोनू मानेसर', को हरियाणा विधान सभा में चुनौती दी थी.

31 जुलाई को नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसाको भी भड़काने के आरोपों का सामना कर रहे 'मोनू मानेसर' को हरियाणा पुलिस ने फरवरी वाले मामले में मंगलवार, 12 सितंबर को गिरफ्तार किया. उसके बाद उसे राजस्थान पुलिस को सौंप दिया गया. राजस्थान की एक अदालत के आदेश पर उसे 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

विधायक के खिलाफ आरोप

हरियाणा सरकार ने खान की गिरफ्तारी से एक दिन पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया था कि एफआईआर में नामित 52 मुल्जिमों में से एक तौफीक को नौ अगस्त को गिरफ्तार किया था और खान को तौफीक के बयान पर गिरफ्तार किया गया है.

हिंसा के जख्मों से कराहता नूंह

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सरकार के मुताबिक खान हिंसा से पहले 29 और 30 जुलाई को उस जगह के पास ही थे जहां से 31 जुलाई को हिंसा शुरू हुई. हिंसा से पहले उनके फोन नंबर से तौफीक के नंबर पर कई बार बात भी की गई.

सरकार ने खान को गिरफ्तार करने के पीछे कुछ सोशल मीडिया पोस्टों का हवाला भी दिया. इसके अलावा यह भी कहा कि उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस के सामने आने का समन भी जारी किया गया था, लेकिन वो नहीं आये.

अदालत से की थी अपील

अगस्त में खान ने दावा किया था कि सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए तैनात दो पुलिस कांस्टेबलों को हटा दिया है और अब उनकी जान को खतरा है. उन्होंने फिर से सुरक्षा मुहैया कराये जाने की मांग की थी.

दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तार किये जाने से एक ही दिन पहले खान को हाई कोर्ट में उन्हीं के द्वारा दायर की गई एक अपील पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी मिली थी कि नूह हिंसा में उन्हें भी मुल्जिम बना दिया गया है.

उन्होंने अपनी याचिका में अपील की थी कि नूह हिंसा की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय एसआईटी का गठन किया जाए. अदालत ने राज्य सरकार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए नोटिस भी जारी किया है.

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