अमेरिका में अश्वेतों और एशियाई नागरिकों से नफरत बढ़ी
१ सितम्बर २०२१
अमेरिका में अश्वेतों और एशियाई लोगों के खिलाफ घृणा अपराध पिछले एक साल में तेजी से बढ़े हैं. 2020 में पुलिस को रिपोर्ट किए गए ऐसे अपराधों की संख्या में 40 से 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
विज्ञापन
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) की ओर से मंगलवार, 31 अगस्त को जारी ताजे आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पिछले साल अश्वेत और एशियाई अमेरिकियों के खिलाफ विभिन्न अपराध दर का उल्लेख किया गया है. अश्वेतों और एशियाई लोगों के खिलाफ अपराध के मामले में साल 2020 विशेष रूप से बुरा रहा.
पिछले साल जब बड़े पैमाने पर ब्लैक लाइव्स मैटर पर विरोध हुआ, तो अमेरिका में नस्लवाद से जुड़े अपराध भी बढ़े. अमेरिका में अश्वेत नागरिकों के खिलाफ नस्लवादी और विशेष रूप से घृणा अपराधों की संख्या में 40 फीसदी की वृद्धि हुई और उनकी संख्या जो कि 2019 में 1,972 थी वह बढ़कर 2020 में 2,755 हो गई.
2019 की तुलना में 2020 में सालाना दर्ज किए गए अपराधों की संख्या पिछले 12 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर रही. इसके अलावा यह उन अपराधों की संख्या है जो पुलिस को सूचित किए गए हैं. जिन घटनाओं की पुलिस में शिकायत नहीं की गई है, उनमें यह संख्या काफी अधिक है.
अश्वेत नागरिकों के खिलाफ अपराध
एफबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अमेरिका में पुलिस अधिकारियों द्वारा अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए. इसके बावजूद देश में अश्वेत नागरिकों के खिलाफ नस्लवादी और विशेष रूप से घृणा अपराधों की बढ़ोतरी हुई.
एफबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल देश में कई एशियाई लोगों को भी विभिन्न नस्लवादी कारणों से निशाना बनाया गया था. 2019 में, एशियाई अमेरिकियों के खिलाफ पुलिस को कुल 161 नस्लवादी या जानबूझकर किए गए आपराधिक हमलों की सूचना मिली थी. इसके विपरीत पिछले साल ऐसे अपराधों की संख्या 70 फीसदी बढ़कर 274 हो गई.
एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अमेरिका में एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ घृणा अपराधों की दर कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से बढ़ी है और ताजा आंकड़े इस प्रवृत्ति की पुष्टि करते हैं.
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने अश्वेतों और एशियाई लोगों के खिलाफ घृणा अपराधों पर ताजा वार्षिक आंकड़ों के जारी होने के बाद कहा कि आंकड़े समस्या की ओर इशारा करते हैं और इसके समाधान के लिए तत्काल और पूर्ण ध्यान देने की जरूरत है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से आधे से अधिक अपराधों में पीड़ितों को अपमानित, प्रताड़ित और धमकाया गया. लगभग 18 फीसदी अपराध के मामलों में पीड़ितों पर गंभीर शारीरिक हमले शामिल थे. अमेरिका में पिछले साल रंग या नस्ल से जुड़े घृणा अपराधों में कम से कम 22 लोग मारे गए थे.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
अमेरिका में नस्लीय नफरत से भड़के दंगों का इतिहास
अमेरिका वैसा नहीं है जैसा हॉलीवुड की ज्यादातर फिल्में दिखाती हैं. अमेरिका अपने ही भीतर त्वचा के रंग को लेकर संघर्ष करने वाला देश भी है. एक नजर बीते 60 साल में अमेरिका में हुए दंगों पर.
तस्वीर: picture-alliance/AA/I. Tayfun Salci
अगस्त 1965
लॉस एजेंलिस शहर में पुलिस ने आईडेंटिटी चेक के लिए दो अश्वेत पुरुषों को रोका और फिर उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पुलिस पर आरोप लगा कि उसने ऐसा नस्लीय घृणा के चलते किया. इसके बाद 11-17 अगस्त तक शहर के एक हिस्से में भयानक दंगे हुए. 34 लोगों की मौत हुई.
तस्वीर: AFP
जुलाई 1967
दो श्वेत पुलिस अधिकारियों ने एक मामूली ट्रैफिक नियम उल्लंघन के लिए एक अश्वेत टैक्सी ड्राइवर को गिरफ्तार किया और पीटा. इसके बाद नेवार्क में 12-17 जुलाई तक दंगे हुए. 26 लोगों की मौत हुई और 1,500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए. इसके हफ्ते भर बाद डेट्रॉएट और मिशीगन में भी दंगे हुए, वहां 43 लोग मारे गए और 2,000 से ज्यादा घायल हुए.
तस्वीर: AFP
अप्रैल 1968
मार्टिन लूथर किंग की हत्या के बाद टेनेसी में हिंसा भड़ गई. 4-11 अप्रैल तक चले इन दंगों में 46 लोग मारे गए और 2,600 से ज्यादा घायल हुए. हिंसा इस कदर भड़की कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन को दंगा रोकने के लिए सेना भेजनी पड़ी.
तस्वीर: AFP
मई 1980
दिसंबर 1979 में चार श्वेत पुलिस अधिकारियों पर एक अश्वेत मोटरसाइकिल सवार को पीट पीटकर मार डालने का आरोप लगा. सुनवाई के बाद मई में पुलिस अधिकारियों को बरी कर दिया गया. इससे नाराज अश्वेत समुदाय ने मियामी लिबर्टी सिटी में भारी हिंसा की. चार दिन के दंगों में 18 लोग मारे गए.
तस्वीर: AFP
अप्रैल 1992
लॉस एंजेलिस के दंगों में 59 लोग मारे गए. अश्वेत कार चालक की पिटाई के वीडियो बनाने वाले श्वेत पुलिस अधिकारियों की रिहाई की वजह से ये दंगे हुए. यह दंगे अटलांटा, कैलिफोर्निया, लॉस वेगस, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और सैन जोस में भी फैले.
तस्वीर: picture-alliance/AP/K. Djansezian
अप्रैल 2001
19 साल के अश्वेत युवक टिमोथी थॉमस को एक पुलिस अधिकारी ने मार डाला. इसके बाद सिनसिनैटी शहर में दंगे भड़क उठे. चार रातों तक शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
तस्वीर: AFP/D. Maxwell
अगस्त 2014
श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों एक निहत्थे अश्वेत किशोर की मौत के बाद फर्गुसन शहर में दंगे हुए. 9-19 अगस्त तक हुई हिंसा में काफी आर्थिक नुकसान हुआ. नवंबर में आरोपी पुलिस अधिकारी से हत्या की धाराए हटाने के बाद शहर में फिर तनाव लौट आया.
तस्वीर: AFP/S. Olson
अप्रैल 2015
25 साल के अश्वेत युवा फ्रेडी ग्रे को गिरफ्तार करते समय पुलिस ने इतनी ताकत लगाई कि युवक की पुलिस वैन में मौत हो गई. फ्रेडी की गिरफ्तारी का वीडियो भी सामने आया. वीडियो के प्रसारित होने के बाद बाल्टीमोर में भारी हिंसा हुई जिसके इमरजेंसी लगानी पड़ी.
तस्वीर: Reuters/M. Stone
सितंबर 2016
पुलिस फायरिंग में 43 साल के कीट लैमॉन्ट स्कॉट की मौत के बाद शारलोटे शहर में दंगे हुए. प्रशासन को हिंसा रोकने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना बुलानी पड़ी.
तस्वीर: AFP/S. Rayford
मई 2020
मिनियापोलिस शहर में पुलिस अधिकारियों ने जॉर्ज फ्लॉएड नाम के एक अश्वेत शख्स को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के दौरान फ्लॉएड ने पुलिस को अपनी बीमारी के बारे में बताया. इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों ने उन पर ताकत आजमाई. फ्लॉएड की मौके पर ही मौत हो गई. उनकी मौत के एक दिन बाद से ही अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं. ओएसजे/एके (एएफपी)