1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारी बारिश से फसलें बर्बाद, कटाई के समय किसानों को नुकसान

११ अक्टूबर २०२२

भारत में भारी बारिश ने चावल, सोया, कपास, दाल और सब्जियों जैसी गर्मियों में उगाई जाने वाली फसलों का नुकसान कर दिया है. आशंका है कि फसल कटाई के ठीक पहले इस तरह के नुकसान की वजह से महंगाई भी और बढ़ सकती है.

भारत में खेती
प्रतीकात्मक तस्वीरतस्वीर: abaca/picture alliance

36 साल के नरेंद्र शुक्ला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में खेती करते हैं. वो बताते हैं कि पिछले एक हफ्ते में इतनी बारिश हुई है कि अब "धान के बीजों में अंकुर दिखाई देने लगे हैं." उनकी धान की पूरी फसल की 15 दिनों के अंदर कटाई होनी थी लेकिन अब वो बारिश की वजह से पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

शुक्ला अब मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वो बची खुची फसल को काट सकें और आलू बो सकें. उत्तर प्रदेश देश का दूसरा सबसे चावल का उत्पादक राज्य है. प्रदेश में इस साल अक्टूबर में ही सामान्य से 500 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है.

कम दबाव के असर की वजह से दक्षिण-पश्चिमी मानसून के अंत में देर हुई हैतस्वीर: Altaf Qadri/AP

विक्रेताओं का कहना है पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान में भी भारी बारिश हुई है, जिससे गर्मी में उगाई जाने वाली फसलों को नुकसान हुआ है.

तैयार फसलें हुई बर्बाद

कृषि उत्पादों की ट्रेडिंग करने वाली कंपनी आईएलए कमोडिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हरीश गलीपेल्ली बताते हैं कि इससे उत्पादन में कमी हो सकती है और उत्पादों की गुणवत्ता भी गिर सकती है.

उन्होंने बताया कि फसलें कटाई के लिए तैयार थीं और कुछ स्थानों पर तो कटाई हो कर सुखाने के लिए रखी हुई थीं. भारतीय किसान अमूमन गर्मीं की फसलों को जून-जुलाई में मानसून की बारिश के आगमन के साथ बोते हैं और सितंबर के मध्य से कटाई शुरू कर देते हैं.

लेकिन इस साल जून में बारिश की कमी की वजह से पूरा चक्र देर से चल रहा है. फसलें कटाई के लिए तैयार हैं लेकिन कम दबाव के असर की वजह से देश के उत्तर पश्चिमी और पूर्वी इलाकों में भारी बारिश हो रही है. इस वजह से दक्षिण-पश्चिमी मानसूनके अंत में भी देर हुई है.

भारत के किसानों पर मौसम की मार

03:26

This browser does not support the video element.

बढ़ सकती है महंगाई

मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सप्ताह भी उत्तरी और पूर्वी इलाकों में भारी बारिश हुई है, और बारिश होने का पूर्वानुमान है. अधिकारी ने बताया कि दक्षिणी भारत में भी इस सप्ताह के अंत में औसत से ज्यादा बारिश हो सकती है.

मुंबई में एक वैश्विक ट्रेडिंग कंपनी के साथ काम करने वाले एक विक्रेता ने बताया कि फसलों के नुकसान की वजह से पहले से बढ़े हुए खाद्य पदार्थों के दाम और ऊपर जा सकते हैं. खाद्य पदार्थों के दाम अगर और बढ़े तो केंद्र सरकार चावल, गेहूं, चीनी जैसे उत्पादों के निर्यात पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगा सकती है.

इसके अलावा रिजर्व बैंक ब्याज दरों को फिर से बढ़ा भी सकता है. बैंक इस साल अपनी मानदंड रेपो दर को 190 बेसिस अंक बढ़ा चुका है. विक्रेता ने बताया, "सरकार और आरबीआई पर मुद्रास्फीति को नीचे लाने का दबाव है. फसलों के उत्पादन में कमी की वजह से निर्यात पर और अधिक और ज्यादा लंबे समय तक रहने वाले प्रतिबंध लग सकते हैं."

सीके/एए (रॉयटर्स)

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें