कनाडा में एक मंदिर के पुजारी को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. इस पुजारी ने दो लड़कियों की आपस में शादी कराई थी, जिसके बाद उन्हें समाज से बाहर कर दिया गया.
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कनाडा के टोरंटो में एक हिंदू पुजारी को इसलिए धमकियां मिल रही हैं क्योंकि उन्होंने समलैंगिक शादी संपन्न कराई. श्रीरंगनाथन कुरुकल को ऑनलाइन और अन्य कई तरीकों से प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है. टोरंटो पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है.
कुरुकल ने स्थानीय मीडिया को बताया है कि उन्हें फोन, मैसेज और सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. उन्हें अपने हिंदू समाज से भी बहिष्कार झेलना पड़ रहा है. कई स्थानीय हिंदू संस्थाओं ने उन्हें बाहर निकाल दिया है और पुजारियों की स्थानीय एसोसिएशन भी उनसे नाराज है.
ना लड़का, ना लड़की
07:51
हिंदू प्रीस्ट एसोसिएशन ऑफ कनाडा ने एक बयान जारी कर कहा है कि वे इस शादी की निंदा करते हैं. तमिल में लिखे इस बयान में एसोसिएशन ने कहा, "हम ग्राफ्टन में पिछले रविवार को हुई एक शादी की कड़ी निंदा करते हैं जो हिंदू मान्यताओं के विपरीत कराई गई और जिसने बहुत से हिंदुओं को आहत किया.”
शादी कराने से नाराज
एसोसिएशन के इस बयान की न सिर्फ कनाडा में बल्कि भारत और अन्य देशों में भी कई विचारकों ने निंदा की है. टोरंटो में रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सुमाथी फेसबुक इस पूरे घटनाक्रम के बारे में लिखा है.
सुमाथी ने लिखा, "एक हिंदू पुजारी ने पिछले हफ्ते कनाडा में दो लड़कियों की शादी कराई. उसके फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं. लेकिन तब से पुजारी को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. हिंदू मंदिर एसोसिएशन ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने तमिल में एक बयान जारी किया है.”
सुमाथी ने इस घटना को समलैंगिकों के खिलाफ नफरत से जुड़ा हुआ बताया. उन्होंने कहा, "साम्राज्यवाद ने हमारे समुदायों से तीसरे लिंग को खत्म करने की कोशिश की और समलैंगिकों के प्रति नफरत आजतक जारी है जबकि दक्षिण एशियाई लोग कनाडा में बस चुके हैं. यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है.”
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कई जगह विरोध
दुनिया के दर्जनों मानवाधिकार संगठनों और सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने पुजारी कुरुकल के समर्थन में एक बयान भी जारी किया है. अमेरिका स्थित साधना कोएलिशन की ओर से जारी इस बयान में कुरुकल के साथ हो रहे बर्ताव की आलोचना की गई है.
यह बयान कहता है,"बतौर धार्मिक प्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि और सचेत सामाजिक सदस्य होने के नाते हम श्री रंगननाथन कुरुकल को दी जारी धमकियों और प्रताड़ना से बेहद परेशान हैं. कुरुकल ने यह शादी कराने पर तब सहमति दी जबकि क्षेत्र के कई मंदिर और पुजारी उन्हें लौटा चुके थे."
तस्वीरेंः कहां कहां है समलैंगिक विवाह की आजादी
किन देशों में इजाजत है समलैंगिक विवाह की
कोस्टा रिका में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिल जाने के बाद, अब दुनिया में कम से कम 29 देशों में समलैंगिक विवाह की अनुमति है. जानिए कौन कौन से हैं ये देश.
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समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता
कोस्टा रिका के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, वहां 26 मई को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिल गई. इसी के साथ कोस्टा रिका समलैंगिक विवाहों को कानूनी रूप से वैध मानने वाला दक्षिण अमेरिका का आठवां देश बन गया. अब दुनिया में कम से कम 29 देशों में समलैंगिक विवाह की अनुमति है. जानिए कौन कौन से हैं ये देश.
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अमेरिका
अमेरिका में 2004 तक सिर्फ एक राज्य में समलैंगिक विवाह मान्य था, लेकिन 2015 तक सभी 50 राज्यों में कानूनी वैधता मिल चुकी थी. सभी राज्यों में अलग अलग कानून हैं.
यूनाइटेड किंगडम के सभी हिस्सों में समलैंगिक विवाह मान्य हैं. इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में मान्यता 2014 में मिली थी और नॉर्दर्न आयरलैंड में जनवरी 2020 में. इसके अलावा 14 ब्रिटिश ओवरसीज टेरिटरीज में से नौ में समलैंगिक विवाह मान्य हैं.
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फ्रांस
फ्रांस में समलैंगिक विवाह मई 2013 से कानूनी रूप से मान्य हैं. ये वैधता मेट्रोपोलिटन फ्रांस और फ्रेंच ओवरसीज टेरिटरीज में भी लागू है. फ्रांस में एक सिविल यूनियन योजना नवंबर 1999 से लागू है, जिसके तहत समलैंगिक जोड़े रिश्ता कायम कर सकते हैं.
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जर्मनी
जर्मनी में समलैंगिक विवाहों को अक्टूबर 2017 में मान्यता मिली थी. वैसे देश में समलैंगिक जोड़ों को विवाह के अधिकार सीमित रूप से 2001 से ही प्राप्त थे.
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ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में समलैंगिक विवाह दिसंबर 2017 से वैध हैं. कानून पारित होने से पहले पूरे देश में डाक से एक सर्वेक्षण भी कराया गया था, जिसमें 61.6 प्रतिशत लोगों ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने का समर्थन किया था.
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ब्राजील
ब्राजील में समलैंगिक विवाह मई 2013 से कानूनी रूप से वैध हैं. समलैंगिक रिश्तों को मान्यता 2004 में ही मिल गई थी और विवाह के सीमित अधिकार 2011 में मिल गए थे.
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कनाडा
कनाडा के कुछ प्रांतों में समलैंगिक विवाहों को मान्यता 2003 से ही मिलनी शुरू हो गई थी और जुलाई 2005 में ये वैधता पूरे देश में लागू हो गई.
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नीदरलैंड्स
अप्रैल 2001 को नीदरलैंड्स समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का सबसे पहला देश बन गया था. वहां समलैंगिक जोड़ों के लिए रजिस्टरड पार्टनरशिप जनवरी 1998 से ही उपलब्ध थी.
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दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका अफ्रीका का एकमात्र देश है जहां समलैंगिक विवाह कानूनी रूप से मान्य हैं. यहां समलैंगिक विवाहों को मान्यता नवंबर 2006 में ही मिल गई थी.
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ताइवान
ताइवान में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता मई 2019 में मिली थी. ताइवान यह मान्यता देने वाला एशिया का एकलौता देश है. हालांकि समलैंगिक जोड़ों को बच्चा गोद लेने जैसे कुछ अधिकार अभी भी नहीं मिले हैं.
तस्वीर: Reuters/T. Siu
20 और देश
इसके अलावा समलैंगिक विवाहों को अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कोलंबिया, डेनमार्क, इक्वाडोर, फिनलैंड, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, माल्टा, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और उरुग्वे में भी कानूनी मान्यता प्राप्त है. इनके आलावा मेक्सिको और इस्राएल में सीमित रूप से इन्हें मान्यता दी जाती है.
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अमेरिका स्थित एक अन्य हिंदू संगठन ‘हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स' ने डॉयचे वेले को बताया कि कुछ रूढ़िवादी लोगों का यह व्यवहार निंदनीय है. संगठन ने कहा, "एक धार्मिक प्रतिनिधि ने एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय के दो लोगों के प्यार को सम्मान देने का फैसला किया. उन पर हो रहे हमलों की हम निंदा करते हैं. हम श्री रंगनाथन कुरुकल के समर्थन में खड़े हैं.”
समलैंगिकता को मान्यता
संगठन कहता है कि हिंदू समुदाय ने हमेशा लैंगिक और यौनिक विविधता का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, "वैसे समलैंगिकों के खिलाफ और ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ नफरत मौजूद रही है लेकिन एलजीबीटीक्यू प्लस लोगों को धार्मिक आख्यानों और पुस्तकों के जरिए मान्यता मिली है.”
कनाडा पुलिस ने इस मामले में एक महिला को नफरत के मकसद से किए गए कृत्यों के आरोप में गिरफ्तार किया है. टोरंटो पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि एक व्यक्ति को एक धार्मिक अनुष्ठान कराने के आरोप में धमकियां मिली थीं. पुलिस के मुताबिक 1 अक्टूबर क टोरंटो में 47 वर्षीय उमानथानी निशानाथन को धमकियां देने और अपराधिक प्रताड़ना के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
कनाडा में समलैंगिक शादियां कानूनन जायज हैं. 2005 में ही कनाडा ने इसे वैध कर दिया था और ऐसा करने वाला वह दुनिया का चौथा और यूरोप के बाहर पहला मुल्क बन गया था. भारत में समलैंगिक शादियां अभी भी वैध नहीं हैं.
जानिए, LGBTQ की ABCD
LGBTQ की ABCD
भारत समेत कई देशों में समलैंगिक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे हैं. लेकिन जिन्हें हम एक शब्द "समलैंगिक" में समेट देते हैं, वे खुद को एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी कहते हैं. आखिर क्या है LGBTQ?
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एल से लेस्बियन
लेस्बियन यानी वे महिलाएं जो महिलाओं की ओर आकर्षित होती हैं. 1996 में आई फिल्म फायर ने जब इस मुद्दे को उठाया तब काफी बवाल हुआ. आज 20 साल बाद भी यह मुद्दा उतना ही संवेदनशील है.
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जी से गे
गे यानी वे पुरुष जो पुरुषों की ओर आकर्षित होते हैं. दोस्ताना और कल हो ना हो जैसी फिल्मों में हंसी मजाक में समलैंगिक पुरुषों के मुद्दे को उठाया गया, तो हाल ही में आई अलीगढ़ में इसकी संजीदगी देखने को मिली.
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बी से बायसेक्शुअल
बायसेक्शुअल एक ऐसा व्यक्ति है जो महिला और पुरुष दोनों की ओर आकर्षित महसूस करे. ऐंजेलिना जोली और लेडी गागा खुल कर अपने बायसेक्शुअल होने की बात कह चुकी हैं.
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टी से ट्रांसजेंडर
एल, जी और बी से अलग ट्रांसजेंडर को उनके लैंगिक रुझान के अनुसार नहीं देखा जाता. भारत में जिन्हें हिजड़े या किन्नर कहा जाता है, वे भी ट्रांसजेंडर हैं और बॉलीवुड में जानेमाने बॉबी डार्लिंग जैसे वे लोग भी जो खुद अपना सेक्स बदलवाते हैं.
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क्यू से क्वीयर
इस शब्द का मतलब होता है अजीब. इसके जरिये हर उस व्यक्ति की बात की जा सकती है जो "सामान्य" नहीं है. चाहे जन्म से उस व्यक्ति में महिला और पुरुष दोनों के गुण हों और चाहे वह किसी की भी ओर आकर्षित हो.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Bruna
और भी हैं
यह सूची यहां खत्म नहीं होती. कई बार एलजीबीटीक्यू के आगे ए भी लगा दिखता है. इसका मतलब है एसेक्शुअल यानी ऐसा व्यक्ति जिसकी सेक्स में कोई रुचि ना हो. इनके अलावा क्रॉसड्रेसर भी होते हैं यानी वे लोग जो विपरीत लिंग की तरह कपड़े पहनना पसंद करते हैं.