करियर खत्म, अब बस एक काम करना चाहते हैं माइकल फेल्प्स
वीके/आईबी (एपी)१६ अगस्त २०१६
माइकल फेल्प्स ने कह दिया है कि उनका स्विमिंग करियर अब खत्म हुआ. तो अब क्या करेगा यह महानतम ओलंपियन? फेल्प्स की बस एक तमन्ना है.
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स्विमिंग पूल में तो माइकल फेल्प्स सारी गहराइयां नाप चुके हैं. अब वह अपने जैसे कुछ और फेल्प्स तैयार करना चाहते हैं, यानी पिता बनना चाहते हैं. स्विमिंग के करियर के बाद जो काम यह महानतम ओलंपियन करना चाहता है, उसमें सबसे ऊपर है अच्छा पिता बनना.
ओलंपिक इतिहास के सबसे महान खिलाड़ी का दर्जा हासिल कर चुके अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स ने रियो में अपना 23वां गोल्ड मेडल जीतने के बाद कहा कि उनका करियर अब समाप्त हुआ. अपने मुकाबले खत्म होने के बाद फेल्प्स ने अपनी मंगेतर निकोल जॉनसन और तीन महीने के बेटे बूमर के साथ वक्त बिताया. उन्होंने कहा, "तीन-चार हफ्ते हो गए थे उसे देखे. इतने दिनों में ही वह इतना बड़ा हो गया है. रात को मैंने उसका डायपर बदला. वह बैठा मुझे देखता रहा और मुस्कुराता रहा. इससे मेरी आंखें भीग गईं. उसे मेरी ओर मुस्कुराते देखना, हंसते-खिलखिलाते देखना इतना अच्छा था कि क्या बताऊं!"
अपने करियर की आखिरी रेस जीतने के बाद फेल्प्स जब होटल पहुंचे तो बूमर सो रहा था. उन्होंने जाते ही उसे गोद में उठा लिया. इस अनुभव को उन्होंने कुछ यूं बताया, "मैंने बस उसे उठाया और थामे रखा. यही है, जो अब मैं करना चाहता हूं. मैं उसे बड़े होते देखना चाहता हूं." फेल्प्स कहते हैं कि वह अपने घर के आंगन में अपने बेटे के साथ खेलते हुए वक्त बिताना चाहते हैं, उसे खेल मुकाबले दिखाने ले जाना चाहते हैं और वैसा सब कुछ करना चाहते हैं जो बूमर की जिंदगी का हिस्सा हो. वह कहते हैं, "मेरे लिए यही नंबर एक काम है. मैं हर कदम पर उसके साथ होना चाहता हूं. मैं एक पल भी खोना नहीं चाहता. कितने सारे लोग कह चुके हैं कि आप पलक झपको और वे पल बीत जाते हैं. वे इतनी जल्दी बड़े होते हैं. आपको पता भी नहीं चलता और वे कॉलेज पहुंच जाते हैं. मैं तो कुछ भी खोना नहीं चाहता."
सिरदर्द से कम नहीं है ओलंपिक आयोजन
2016 के ओलंपिक खेलों में कितने गोल्ड मेडल होंगे, कितने देश हिस्सा लेंगे. टैक्सियों का आंकड़ा भी दिलचस्प है. एक नजर रियो ओलंपिक्स की खास बातों पर.
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कितने एथलीट
ओलंपिक दुनिया का सबसे बड़ा खेल आयोजन है. रियो डि जेनरो में होने वाले ओलंपिक खेलों में 10,500 खिलाड़ी जुटेंगे. 4,500 खिलाड़ी सितंबर में वहीं होने वाले पैरालंपिक्स में हिस्सा लेंगे. फिलहाल खिलाड़ियों की संख्या बदल रही है क्योंकि कई एथलीट डोपिंग में फंस गए.
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कितने देश
फिलहाल यह संख्या 206 बताई जा रही है. लेकिन यह तय नहीं है कि पांच अगस्त को होने वाले उद्घाटन में कितने देश हिस्सा लेंगे. कुवैत की भागीदारी फिलहाल साफ नहीं है. यह पहला मौका होगा जब कोसोवो और साउथ सूडान जैसे देश ओलंपिक में हिस्सा लेंगे.
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लोगो
पहली नजर में लोगो भले ही स्पष्ट न हो, लेकिन इसमें एक दूसरे का हाथ थामे तीन लोग हैं. हरा रंग प्रकृति के लिए, पीला रंग सूर्य के लिए और नीला रंग सागर के लिए है. ब्राजील का राष्ट्रध्वज भी इन्हीं तीन रंगों से मिलकर बना है.
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नए और पुराने खेल
इस साल ओलंपिक में कुल 28 खेल हैं. इनमें बॉस्केटबॉल और बैडमिंटन भी शामिल हैं. बेसबॉल और सॉफ्टबॉल को हटाया गया है. गोल्फ भी ओलंपिक में वापसी कर रहा है. पहली बार ओलंपिक में रग्बी सेवन्स गेम शामिल किया गया है.
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मेडल, मेडल और मेडल
जर्मन दल को उम्मीद है कि वह 2012 में जीते के गए 44 पदकों को बरकरार रख पाएगी. पिछले ओलंपिक में जर्मनी पदक तालिका में पांचवा था. पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे नंबर पर चीन था.
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कितनी लागत
यह जानकर बहुत लोगों को हैरानी होगी कि ब्राजील के ओलंपिक पर 38.7 अरब डॉलर खर्च होंगे. एक ऐसे वक्त में जब ब्राजील आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, वैसे में कई आलोचक इसे फिजूल खर्च भी बता रहे हैं.
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खेल गांव
ओलंपिक विलेज में 45,000 लोगों के लिए इंतजाम करना आसान बात नहीं. खेल गांव में कुल 34,000 बिस्तर हैं, 72,000 मेज और 1,00,000 कुर्सियां हैं. इसके अलावा 4,50,000 कॉन्डम भी मुफ्त में उपलब्ध होंगे.
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टैक्सी
टैक्सियों की संख्या है 33,000. रियो डि जेनेरो शहर की आबादी 64.5 लाख है. अगस्त में हजारों नए लोग इसमें जुड़ेंगे. शहर के ट्रांसपोर्ट को दुरुस्त बनाये रखने के लिए हजारों नई टैक्सियां उतारी गई है.
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फेल्प्स के माता-पिता का तलाक हो गया था, तब वह बच्चे ही थे. उनके अपने पिता से काफी तनावपूर्ण रिश्ते रहे. जब शराब पीकर गाड़ी चलाने पर दोबारा पकड़े जाने के बाद फेल्प्स को थेरेपी में छह महीने गुजारने पड़े, तब वह अपने पिता के दोबारा करीब आए. और अब स्थिति यह है कि एक महीना पहले जब अमेरिका में ओलंपिक ट्रायल हो रहे थे तो फेल्प्स के पिता फ्रायड उनका हौसला बढ़ाने के लिए स्टेडियम में थे. हालांकि वह ब्राजील नहीं आ पाए.
अब फेल्प्स की योजना कुछ यूं है कि वह अपनी होने वाली पत्नी के साथ फीनिक्स के पास कहीं रहेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि बाल्टिमोर हमेशा उनका घर रहेगा लेकिन कम से कम अगले दो साल तो वह फीनिक्स में रहेंगे. वह अपनी फाउंडेशन को ज्यादा वक्त देंगे और बच्चों को तैरना भी सिखाएंगे.
रियो में सिर्फ एक मुकाबला ऐसा था जो फेल्प्स नहीं जीत पाए. इस मुकाबले में उन्हें 21 साल के जोसेफ स्कूलिंग ने हराया जो सिंगापुर के तैराक हैं. जोसेफ बचपन में फेल्प्स के फैन थे और एक बार तो उनके साथ बतौर फैन फोटो भी खिंचा चुके हैं. अब वह फेल्प्स की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे.
डोपिंग से दागदार हुए चमकते खेल सितारे
पूर्व विश्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा की स्वीकारोक्ति से खेल जगत हैरान है. उनके अलावा भी कई मशहूर खिलाड़ियों और एथलीटों ने ड्रग टेस्ट फेल किए हैं.
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टेनिस स्टार मारिया शारापोवा
पांच बार ग्रैंड स्लैम खिलाब जीतने वाली रूसी टेनिस खिलाड़ी शारापोवा ने 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन मुकाबले में हुआ ड्रग टेस्ट फेल करने की बात स्वीकार की है. अभी साफ नहीं हुआ है कि इसके लिए उन्हें कितना लंबा प्रतिबंध झेलना होगा.
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बेन जॉनसन से विश्व रिकॉर्ड भी छिना
1998 के सियोल ओलंपिक में 100 मीटर की फर्राटा दौड़ का गोल्ड मेडल कनाडा के धावक बेन जॉनसन ने जीता था, जिसे डोपिंग टेस्ट में फंसने के बाद उनसे छीन लिया गया. फिर उन्होंने 1987 में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के दौरान स्टीरॉयड लेने की बात मानी तो वह भी उनसे वापस ले लिया गया.
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टाइसन गे को दूसरा मौका
मानव इतिहास में उसैन बोल्ट के बाद सबसे तेज इंसान माने जाने वाले अमेरिकी स्प्रिंटर गे ने 2009 में 100 मीटर की दूसरी मात्र 9.69 सेकंड में पूरी की थी. 2013 में प्रतिबंधित स्टीरॉएड लेने का दोषी पाए जाने पर अमेरिकी एंटी-डोपिंग एजेंसी ने एक साल के लिए बैन कर दिया. 2012 लंदन ओलंपिक में जीता सिल्वर मेडल भी छिन गया.
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ट्रैक से जेल तक मारियन जोन्स
अमेरिका की ट्रैक एंड फील्ड वर्ल्ड चैम्पियन और ओलंपिक की गोल्ड विजेता मारियन जोन्स से 2000 की सारी इनामी राशि छीन ली गई. 2007 में मारियन ने माना कि उसने उन मुकाबलों के दौरान डोपिंग की थी. मारियन ने इस मामले में ग्रैंड ज्यूरी के सामने झूठ बोलने की बात स्वीकारी और तब उन्हें छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई.
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आर्मस्ट्रांग ने बदनाम की साइक्लिंग
अमेरिका की एंटी डोपिंग एजेंसी ने 2012 में लांस आर्मस्ट्रांग को प्रतिबंधित दवा लेने का दोषी पाया. उनसे टूअर डे फ्रांस के सात टाइटल छीन लिए गए और जीवन भर के लिए उन पर पाबंदी लगा दी गई. 2013 में ओप्रा विन्फ्री के शो पर आर्मस्ट्रांग ने बताया कि 1998 से 2004 तक वो झूठ बोल कर डोपिंग में फंसने से बचते रहे.
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नशीली दवा का खतरा
1997 में रिटायर होने वाले धुरंधर अर्जेंटीनियाई फुटबॉलर डियेगो मैराडोना 1986 विश्वकप के क्वाटर फाइनल में अर्जेंटीना को इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से जिता कर हीरो बन गए थे. अमेरिका में 1994 के वर्ल्ड कप के दौरान डोपिंग में फंसे और टूर्नामेंट से बाहर कर दिए गए. उन पर 1991 में भी कोकीन लेने का दोषी पाए जाने पर 15 महीनों का प्रतिबंध लगा था.
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फेल्प्स ने भी तैराकी को विदा नहीं कहा है. पिछली बार ओलंपिक के बाद मोटे हो गए फेल्प्स कहते हैं, "मैं कभी खुद को 230 पाउंड का नहीं होने देना चाहता. स्विमिंग अच्छी एक्सरसाइज है. यह मुझे आती है. हफ्ते में एक दो बार दो मील की स्विमिंग अच्छी ही रहेगी."
चलते वक्त फेल्प्स ने पत्रकारों से कहा, "अब आप लंबे समय तक मुझे ऐसी किसी जगह नहीं देखेंगे, फिर मिलते हैं."
ओलंपिक में लैंगिक बराबरी का सफर
रियो ओलंपिक खेलों में दुनिया के 200 से भी अधिक देशों के करीब 11,000 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं. देखिए प्राचीन ग्रीक ओलंपिक में केवल पुरुषों के मुकाबले से शुरु हुए खेलों में लैंगिक बराबरी का सफर अब कहां तक पहुंचा है.
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प्राचीन ग्रीक ओलंपिक में केवल पुरुष हिस्सा ले सकते थे. महिलाएं प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकती थीं और दर्शक के रूप में खेल देखने का अधिकार भी केवल अविवाहित महिलाओं को ही था. स्पार्टा के राजा आर्किडामोस की बेटी किनिस्का 396 ईसा पूर्व में 96वें ओलिंपियाड में हुई रथ प्रतियोगिता में चार घोड़ों वाले रथ से मुकाबला जीत कर दुनिया की पहली महिला ओलंपिक विजेता बनी.
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19वीं सदी में ओलंपिक आयोजनों को पुनर्जीवित करने के प्रयास की शुरुआत में भी महिलाओं के हिस्सा लेने पर प्रतिबंध था. 1896 में एथेंस में हुए पहले आधुनिक ओलंपिक में एक भी महिला एथलीट हिस्सा नहीं ले सकी. आधुनिक ओलंपिक के जनक माने जाने वाले पियरे डे कुबेर्टीन ने कथित तौर पर महिलाओं के हिस्सा लेने का इसलिए विरोध करते थे क्योंकि उनके हिसाब से ऐसा करना "अव्यवहारिक, अरोचक, अनाकर्षक और गलत" था.
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सन 1900 के पेरिस ओलंपिक में पहली बार कुल 997 एथलीटों में से 22 महिलाएं थीं. स्विट्जरलैंड की काउंटेस हेलेना डे पोर्टेलिस महिला-पुरुष संयुक्त सेलिंग क्रू मुकाबले में पहला गोल्ड मेडल जीता. वहीं ब्रिटिश टेनिस खिलाड़ी शार्लट कूपर पहली एकल विजेता बनीं. सन 1991 में आईओसी ने तय किया कि ओलंपिक में जोड़े जाने वाले सभी नए खेलों में महिलाओं और पुरुषों दोनों के अलग मुकाबले होने ही चाहिए.
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2012 लंदन में पहली बार ऐसा हुआ कि ओलंपिक में शामिल सभी खेलों में महिलाओं ने हिस्सा लिया. पहली बार सऊदी अरब, कतर और ब्रुनेई समेत सभी देशों के प्रतियोगी दल में कम से कम एक महिला एथलीट शामिल की गई. सिनक्रोनाइज्ड स्विमिंग और रिदमिक जिम्नास्टिक में पुरुष हिस्सा नहीं ले पाए और 2016 रियो ओलंपिक में भी यही हाल है.
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2016 में सऊदी अरब की महिला टीम में काफी महिलाएं हैं लेकिन कतर और ब्रुनेई ने इस बार भी केवल एक एक महिला एथलीट को ही भेजा है. जाहिर है कि ऐसा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों की मजबूरी के कारण किया गया है और अभी भी ये देश महिला एथलीटों के अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने का रास्ता रोक रहे हैं.
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कई खेलों में लैंगिक आधार पर अंतर रखा गया है. जैसे कि महिलाएं केवल फ्रीस्टाइल रेसिंग में हिस्सा ले सकती हैं, ग्रेको-रोमन में नहीं. बॉक्सिंग में महिलाओं के केवल तीन भार-वर्ग हैं जबकि पुरुषों के लिए दस. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अनुसार रियो दे जनेरो 2016 में रिकॉर्ड संख्या में महिला एथलीटों ने हिस्सा लिया है. पिछले ओलंपिक में करीब 44 फीसदी महिला प्रतियोगी थीं.
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2016 ओलंपिक में महिलाओं के नए खेल रग्बी सेवेंस की शुरुआत की गई है. 292 महिला एथलीटों के साथ अमेरिका ने आज तक की सबसे बड़ी महिला टीम उतारी है. खेलों में लैंगिक बराबरी लाने की कोशिश करने वाली आईओसी की गवर्निंग बॉडी के 126 सदस्यों में अभी खुद केवल 25 ही महिलाएं हैं.