भारत को इस साल ऑस्कर पुरस्कारों में बड़ी सफलता हासिल हुई है. तेलुगु फिल्म 'आरआरआर' के गीत "नाटू-नाटू" और डॉक्यूमेंट्री "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" ने ऑस्कर पुरस्कार जीत लिए हैं.
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95वें ऑस्कर पुरस्कारों ने भारत में विशेष रूप से जश्न के मौके को जन्म दिया है. अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के सबसे चमकदार मंच पर एक साथ दो अलग अलग भारतीय फिल्मों ने बाजी मारी है. तेलुगु फिल्म "आरआरआर" और डॉक्यूमेंट्री "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" ने दो अलग अलग श्रेणियों में ऑस्कर पुरस्कार जीत लिए हैं.
"आरआरआर" के गीत "नाटू नाटू" को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग और "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शार्ट फिल्म के पुरस्कार से नवाजा गया है. ऑस्कर पुरस्कारों के 94 साल के इतिहास में भारत को चौथी बार ऑस्कर हासिल हुआ है.
इससे पहले 1983 में "गांधी" फिल्म के लिए भानु अथैया को बेस्ट कॉस्ट्यूम अवॉर्ड, 1992 में सत्यजीत रे को लाइफटाइम अचीवमेंट और फिर 2009 में "स्लमडॉग मिलियनेयर" को तीन अलग अलग श्रेणियों में ऑस्कर मिला था.
एक लोकप्रिय गीत
"नाटू नाटू" को लिखने वाले गीतकार चंद्राबोस और संगीतकार एमएम कीरावानी ने ऑस्कर स्वीकार किया. यह गीत हिंदी में "नाचो नाचो" के नाम से भी मशहूर है. इससे पहले इस गीत ने इसी श्रेणी में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार भी जीता था.
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फिल्म में इस गीत को फिल्म के दो मुख्य भारतीय किरदारों और कई अंग्रेज किरदारों के बीच एक डांस प्रतियोगिता की तरह फिल्माया गया है. गीत के अंत में जीत भारतीय किरदारों की होती है. फिल्म के निर्देशक एसएस राजामौली ने इस गीत को कहानी के अंदर कहानी बताया.
2009 में फिल्म "स्लमडॉग मिलियनेयर" के गीत "जय हो" को इसी श्रेणी में ऑस्कर मिला था. गाने को गुलजार ने लिखा था और एआर रहमान ने उसका संगीत दिया था.
हाथियों के संरक्षण पर फिल्म
इस साल ऑस्कर जीतने वाली दूसरी फिल्म "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" हाथियों के संरक्षण के विषय पर बनी एक महत्वपूर्ण फिल्म है. इसमें तमिलनाडु के मुदुमलई राष्ट्रीय उद्यान में घायल हाथियों को बचा कर लाने और उनके संरक्षण की कहानी है.
इस डाक्यूमेंट्री के मुख्य किरदार इस उद्यान में हाथियों का ख्याल रखने वाले दो कर्मी बोमन और बेली हैं. उन्हें हाथी के एक अनाथ बच्चे रघु को पालने का काम सौंपा जाता है और उसका ध्यान रखने में उन्हें उससे जिंदगी भर का लगाव हो जाता है. फिल्म की निर्देशक हैं कार्तिकी गोंसाल्वेस और प्रोडूसर हैं गुनीत मोंगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों फिल्मों की टीमों को बधाई दी है. उन्होंने ट्विटर पर "नाटू नाटू" की लोकप्रियता को अंतरराष्ट्रीय बताया और कहा कि इस गीत को कई सालों तक याद रखा जाएगा. "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" के बारे में उन्होंने कहा कि यह फिल्म सस्टेनेबल डेवलपमेंट और प्रकृति के साथ तालमेल बना कर रहने का संदेश देती है.
कैसे चुने जाते हैं ऑस्कर विजेता
फिल्मों की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ काम को पहचान देने वाले ऑस्कर को इस क्षेत्र का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है. आइए जानें कि साल दर साल कैसे चुने जाते हैं ऑस्कर विजेता.
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हर साल दिए जाने वाले ऑस्कर पुरस्कारों का प्रसारण दुनिया भर के करोड़ों दर्शक देखते हैं. इस चमक दमक से भरी रात में जब फिल्मी दुनिया के सितारे सजधज कर रेड कार्पेट पर उतरते हैं तो सभी दिल थाम उन्हें देखते हैं. लेकिन पुरस्कार कुछ ही अपने नाम कर पाते हैं.
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मनोरंजन उद्योग के करीब 8,000 खास शख्स विजेताओं को चुनते हैं. उन्हें ऑस्कर की रात से चार रात पहले तक अपने वोट दे देने होते हैं. चुनाव के लिए 24 श्रेणियां होती हैं और हर श्रेणी में केवल एक विजेता बनता है.
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पुरस्कार का आयोजक मंडल है लॉस एंजेलिस में आधारित 'एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज'. फिलहाल इनके पैनल पर 7,902 वोटिंग सदस्य दर्ज हैं. वोटिंग सदस्य बनने की प्रक्रिया भी दिलचस्प है.
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अकादमी की सदस्यता को भी 17 शाखाओं में बांटा गया है. इन शाखाओं में एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर जैसी भूमिकाएं शामिल हैं. सदस्य बनने के लिए इन क्षेत्रों से जुड़े पेशेवरों को सक्रिय रूप से कार्यरत होना चाहिए या फिर इंडस्ट्री में कोई "खास मुकाम" हासिल होना चाहिए.
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किसी नए सदस्य को कम से कम दो अकादमी सदस्यों का समर्थन होना चाहिए. ऑस्कर जीत चुके या नामांकित किए गए लोगों के नाम पर सीधे ही सदस्यता के लिए विचार किया जा सकता है. उन्हें किसी स्पॉन्सर की जरूरत नहीं होती. हर साल एक बार अकादमी के बोर्ड ऑफ गवर्नर सभी ऐसे आवेदनों पर विचार करते हैं और उनका फैसला ही अंतिम होता है.
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पहले सभी सदस्यों को आजीवन वोट देने का अधिकार मिल जाता था. लेकिन 2016 से "वोटिंग स्टेटस" 10 साल के लिए सीमित कर दिया गया है. अगर सदस्य इसके बाद भी सक्रिय हैं तो उसकी सदस्यता को आगे बढ़ाया जा सकता है. जो सक्रिय नहीं रहते, उन्हें "अमेरिटस" सदस्य की श्रेणी में रखा जाता है और वे वोट नहीं करते.
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साल 2015 और 2016 में हैशटैग #OscarsSoWhite के साथ पुरस्कारों की दौड़ में अश्वेतों का नामांकन कम होने को लेकर बड़ी आलोचना हुई थी. इसके बाद अकादमी ने 2020 तक अपने सदस्यों में महिलाओं और अल्पसंख्यकों की तादाद दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया.
सभी 17 श्रेणियों के विशेषज्ञ अपने अपने क्षेत्र के उत्कृष्ट काम को नामांकित करते हैं. यानि एक्टर दूसरे एक्टरों को और डायरेक्टर किसी अच्छे डायरेक्टर के काम को प्रस्तावित कर सकता है. केवल सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म और एनीमेशन फिल्म चुनने का काम विशेष समिति करती हैं. बेस्ट फिल्म के अलावा, सभी 24 श्रेणियों में वही विजेता चुना जाता है जिसे सबसे ज्यादा वोट मिले.
बेस्ट फिल्म चुने जाने के लिए सभी श्रेणियों के सदस्य वोट करते हैं और उसके बाद एक जटिल प्रक्रिया के तहत विजेता फिल्म चुनी जाती है. अगर तब भी फैसला ना हो पाए तो अकाउंटिंग फर्म प्राइसवॉटरहाउसकूपर एक तत्काल-रनऑफ वोटिंग प्रक्रिया से नतीजे पर पहुंचती हैं. बेस्ट फिल्म को हर हाल में 50 फीसदी से अधिक सदस्यों की पसंद का होना चाहिए.