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लाइफस्टाइलहांगकांग

समुद्र में डूबा हांग कांग का मशहूर तैरता रेस्तरां

२१ जून २०२२

हांग कांग की पहचान रहा मशहूर और विशाल तैरता रेस्तरां ‘जंबो’ समुद्र की गहराइयों में समा गया है. सोमवार को कंपनी ने कहा कि रेस्तरां रविवार को दक्षिणी चीन सागर में डूब गया.

डूब गया जंबो
डूब गया जंबोतस्वीर: Peter Parks/AFP

हांग कांग का प्रसिद्ध तैरता रेस्तरां रविवार को दक्षिणी चीन सागर की गहराइयों में समा गया. उसे बांध कर पैरासेल द्वीप के करीब ले जाया गया जहां वह समुद्र में डूब गया. आबेरडीन रेस्ट्रॉन्ट एंटरप्राइजेज ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि रेस्तरां विपरीत परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाया और उसमें पानी भरने लगा था.

कंपनी ने कहा, "जहां यह रेस्तरां डूबा है, वहां गहराई 1,000 मीटर से भी ज्यादा है और इसे बाहर निकालना बेहद मुश्किल काम है.” कंपनी ने कहा कि इस घटना से वह बेहद दुखी है लेकिन इसमें कोई व्यक्ति आहत नहीं हुआ. उसने कहा कि यात्रा की शुरुआत से पहले रेस्तरां की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामुद्रिक इंजीनियरों की सेवाएं ली गई थीं और सारी जरूरी अनिवार्यताएं पूरी की गई थीं.

कोविड की मार

कोविड-19 महामारी के कारण यह रेस्तरां मार्च 2020 में बंद हो गया था. हालांकि यह पहले से ही आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहा था लेकिन महामारी उसके ताबूत में आखिरी कील साबित हुई.

कभी हांगकांग की शान रहा था जंबोतस्वीर: Daniel Suen/AFP

रेस्तरां चलाने वाली मेल्को इंटरनेशनल डिवेलपमेंट ने पिछले महीने कहा था कि 2013 से वह घाटे में चल रही है और उसका कुल घाटा 1.27 करोड़ डॉलर को पार कर गया है. बंद होने के बावजूद उसके रखरखाव में भारी खर्च आ रहा था. मेल्को ने कहा कि उसने अन्य उद्योगों से भी इस रेस्तरां को मुफ्त में ले लेने का आग्रह किया था लेकिन किसी ने यह पेशकश स्वीकार नहीं की.

पिछले महीने ही कंपनी ने कहा था कि जून में उसका लाइसेसं खत्म हो रहा है, जिसके बाद जंबो हांग कांग छोड़ देगा और किसी जगह पर अपने नए मालिक का इंतजार करेगा.

शान ओ शौकत के दिन

बीते हफ्ते मंगलवार को जंबो ने हांग कांग के टाइफून द्वीप स्थित उस जगह से अपनी अंतिम यात्रा शुरू की, जहां उसने लगभग आधी सदी बिताई थी. यह रेस्तरां 1976 में कसीनो व्यापारी स्टेनली हो ने शुरू किया था. उसे बनाने में तीन करोड़ हांग कांग डॉलर यानी लगभग 30 करोड़ भारतीय रूपये का खर्च आया था. अपनी प्रसिद्धि के चरमोत्कर्ष पर जंबो को शान ओ शौकत के प्रतीक के रूप में देखा जाता था.

जंबो का डिजाइन प्राचीन चीनी महलों जैसा था और हांग कांग घूमने जाने वालों के लिए उसे देखना आवश्यक माना जाता था. हॉलीवुड अभिनेता टॉम क्रूज से लेकर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय तक वहां जा चुके थे. यह कई फिल्मों में भी नजर आया था जिनमें स्टीवन सॉडरबर्ग की वह मशहूर फिल्म ‘कंटेजियन' भी शामिल है जिसमें चीन से शुरू हुई एक अंतरराष्ट्रीय महामारी को दिखाया गया था. कोविड फैलने के बाद यह फिल्म बेहद चर्चित रही थी.

जंबो को जाते देखना हांग कांग के बहुत से लोगों के लिए भी उदास करने वाला पल था. सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने इस बारे में अपने विचार जाहिर करते हुए पुरानी तस्वीरें साझा की थीं.

वीके/एए (एपी)

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