हांग कांग: 'देशद्रोह' के आरोप में 6 पत्रकार गिरफ्तार
२९ दिसम्बर २०२१
हांग कांग में पुलिस ने लोकतंत्र समर्थक स्टैंड न्यूज के कार्यालय पर छापा मारा और इसके मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को "देशद्रोही प्रकाशन प्रकाशित करने की साजिश" के लिए गिरफ्तार किया.
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अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि हांग कांग में पुलिस ने एक ऑनलाइन मीडिया संस्थान के मौजूदा छह पत्रकारों और पूर्व स्टाफ को गिरफ्तार किया है. सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "देशद्रोही प्रकाशनों को प्रकाशित करने की साजिश" के लिए छह मीडियाकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने घर और कार्यालय पर मारे छापे
बुधवार को एक बयान में हांग कांग पुलिस ने कहा कि उन्होंने एक "ऑनलाइन मीडिया कंपनी" की तलाशी ली थी, जिसमें "200 वर्दीधारी और सादे कपड़े में पुलिस अधिकारी" तैनात थे. आधिकारिक पुलिस बयान ने गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान जारी नहीं की, लेकिन कहा कि वे तीन पुरुष और तीन महिलाएं हैं.
हांग कांग के प्रसारक टीवीबी ने कहा कि ये छह लोग लोकतंत्र समर्थक समाचार वेबसाइट स्टैंड न्यूज के वर्तमान या पूर्व कर्मचारी हैं.
डीडब्ल्यू के संवाददाता फोएबे कोंग ने कहा कि हांग कांग पुलिस के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने हांग कांग पत्रकार संघ के अध्यक्ष रॉनसन चान के घर की तलाशी ली. पुलिस ने एक बयान में कहा कि वह "प्रासंगिक पत्रकारिता सामग्री की तलाशी और जब्ती करने के लिए" अधिकृत वारंट के साथ तलाशी ले रही थी.
स्टैंड न्यूज ने फेसबुक पर पुलिस अधिकारियों का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें पुलिस कह रही है कि उनके पास "देशद्रोही सामग्री के प्रकाशन को प्रकाशित करने की साजिश" की जांच के लिए वारंट है. कोंग के मुताबिक पुलिस स्टैंड न्यूज में चान के सहयोगियों के घरों की भी तलाशी ली है.
एक 'खतरनाक चलन'
जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर एशियन लॉ में हांग कांग के कानून फेलो एरिक लाई ने डीडब्ल्यू को बताया कि गिरफ्तारी एक "खतरनाक मिसाल" होगी क्योंकि सरकार लोगों को "पूर्व क्रियाकलाप के मुताबिक" गिरफ्तार कर सकती है. लाई ने कहा, "देशद्रोही प्रकाशन का आरोप कुछ महीने पहले बच्चों की किताब प्रकाशित करने वाले यूनियनों पर भी लगाया गया था."
वे कहते हैं, "यह काफी परेशान करने वाला है क्योंकि हांग कांग में देशद्रोही कानून एक तरह का भाषण अपराध है जिसे सरकार जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकती है, जब वे सरकार विरोधी किसी भी अभिव्यक्ति या प्रकाशन की व्याख्या करते हैं."
असहमति पर कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब हांग कांग पुलिस ने पत्रकारों पर छापे मारे हैं. जून में, सैकड़ों पुलिस ने लोकतंत्र समर्थक अखबार एप्पल डेली के परिसरों पर छापा मारा था. एप्पल डेली के अधिकारियों को "एक विदेशी देश के साथ मिलीभगत" के लिए गिरफ्तार किया गया था. हांग कांग के अभियोजकों ने मंगलवार को एप्पल डेली के संस्थापक जिमी लाई के खिलाफ एक अतिरिक्त "देशद्रोही प्रकाशन" आरोप दायर किया था.
एए/सीके (एएफपी, एपी, डीपीए, रॉयटर्स)
पत्रकारों के लिए बेहद खराब रहा 2021
न्यूयॉर्क स्थित मीडिया वॉचडॉग 'कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स' की नई रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में साल की शुरुआत से 1 दिसंबर 2021 तक 293 रिपोर्टरों को जेल में डाला गया. यह अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
तस्वीर: Maja Hitij/Getty Images
जोखिम में रिपोर्टर
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में सलाखों के पीछे पत्रकारों की संख्या 2021 में बढ़कर सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल 1 दिसंबर तक 293 पत्रकारों को जेल में डाला जा चुका है.
तस्वीर: Brent Swails/CNN/AP/picture alliance
कवरेज के दौरान 24 पत्रकार मारे गए
सीपीजे ने 9 दिसंबर को प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया पर हमलों पर अपने वार्षिक सर्वेक्षण में कहा कि कम से कम 24 पत्रकार न्यूज कवरेज के दौरान मारे गए और 18 अन्य की मौत ऐसी परिस्थितियों में हुई, जिससे यह साफ तौर पर तय नहीं किया जा सका कि क्या उन्हें उनके काम के कारण निशाना बनाया गया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Brogca
क्यों जेल में डाले जा रहे है पत्रकार
अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित संस्था का कहना है कि पत्रकारों को जेल में डालने का कारण अलग-अलग देशों में भिन्न है. संस्था के मुताबिक यह रिकॉर्ड संख्या दुनिया भर में राजनीतिक उथल-पुथल और स्वतंत्र रिपोर्टिंग को लेकर बढ़ती असहिष्णुता को दर्शाती है.
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सरकारों का कैसा दखल
सीपीजे के कार्यकारी निदेशक जोएल साइमन ने एक बयान में कहा, "यह लगातार छठा साल है जब सीपीजे ने दुनिया भर में कैद पत्रकारों की संख्या का लेखाजोखा तैयार किया है." उनके मुताबिक, "संख्या दो जटिल चुनौतियों को दर्शाती है - सरकारें सूचना को नियंत्रित और प्रबंधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे ऐसा करने की कोशिश बहुत बेशर्मी से कर रही हैं."
दानिश सिद्दीकी भी 2021 में मारे गए
भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी अफगान सुरक्षाबलों के साथ पाकिस्तान से सटी अहम सीमा चौकी के पास तालिबान लड़ाकों के साथ संघर्ष को कवर रहे थे. 16 जुलाई 2021 को तालिबान ने उनकी हत्या की थी. 2021 में ही मेक्सिको के पत्रकार गुस्तावो सांचेज कैबरेरा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
सीपीजे की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने 50 पत्रकारों को कैद किया, जो किसी भी देश में सबसे अधिक है. इसके बाद म्यांमार (26) का स्थान आता है. म्यांमार में 1 फरवरी को सेना ने तख्तापलट किया था और इसकी रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर कार्रवाई की गई. फिर मिस्र (25), वियतनाम (23) और बेलारूस (19) का नंबर आता है.
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मेक्सिको में बड़े जोखिम
सीपीजे के मुताबिक मेक्सिको में पत्रकारों को अक्सर निशाना बनाया जाता है. ऐसा तब होता है जब उनके काम से आपराधिक गिरोह या भ्रष्ट अधिकारी परेशान होते हैं. मेक्सिको पत्रकारों के लिए पश्चिमी गोलार्ध का सबसे घातक देश बना हुआ है.
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यूरोप में भी हमले के शिकार पत्रकार
छह जुलाई 2021 को नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम के बीचो बीच एक जाने माने क्राइम रिपोर्टर पेटर आर दे विरीज को एक टेलीविजन स्टूडियो के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी. अंदेशा है कि हमले के पीछे संगठित अपराध की दुनिया का एक गिरोह शामिल है. गोली लगने के नौ दिन बाद उनकी मौत हो गई.