भारत में इन दिनों द कश्मीर फाइल्स नामक फिल्म चर्चा का विषय बनी हुई है. फिल्म में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को दर्शाया गया है. बीजेपी समर्थक लोगों से फिल्म देखने के लिए कह रहे हैं.
तस्वीर: Samaan Lateef
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द कश्मीर फाइल्स फिल्म कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्या और उनके पलायन पर आधारित है. इसका निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है. बीजेपी के कई नेता सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से फिल्म को देखने की अपील कर रहे हैं और कह रहे हैं कि फिल्म से पता चलता है कि किस तरह से कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार किया गया था. हाल ही में फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और मोदी ने फिल्म बनाने वाली टीम को इसके लिए बधाई भी दी थी.
इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार ने अभिनय किया है और फिल्म के प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल हैं.
फिल्म को बीजेपी किस तरह से प्रमोट कर रही इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी-शासित राज्यों में इसे टैक्स-फ्री कर दिया गया है. बीजेपी के कई समर्थक भी अन्य राज्य सरकारों से इसे टैक्स फ्री करने की मांग कर रहे हैं.
फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग राजस्थान में भी उठ चुकी है. राजस्थान में कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने कहा है कि वे राज्य सरकार को पत्र लिखकर इसकी मांग करने वाले हैं. गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है.
बैटमैन का सफरः द डार्क नाइट का इतिहास
यूक्रेन में जंग के कारण वार्नर ब्रदर्स ने बैटमैन फिल्म को रूस में रिलीज करने से रोक दिया है. तस्वीरों में देखिए कई दशकों से चली आ रहे इस कहानी और उसके किरदारों को.
तस्वीर: Jonathan Olley/Warner Bros. Pictures via AP/picture alliance
'द बैटमैन' (2022)
फिल्म निर्देशक मैट रीव्स को बैटमैन सीरीज की नई फिल्म बनाने में पांच साल लगे हैं. "ट्वाइलाइट" में अभिनय करने वाले रॉबर्ट पैटीसन ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है. इस बार का बैटमैन पिछली फिल्मों की तुलना में ज्यादा युवा और आक्रामक नजर आ रहा है. यह उसकी लड़ाई का महज दूसरा साल है. अपने मां बाप के हत्यारे की तलाश में उसे एक सीरियल किलर से निबटना है.
तस्वीर: Jonathan Olley/Warner Bros. Pictures via AP/picture alliance
1943 वाली ओरिजिनल 'बैटमैन'
1939 में बॉब केन और बिल फिंगर की लिखी कॉमिक बुक से जन्मा मास्क वाला यह सुपरहीरो 15 अध्याय वाली सीरीज के रूप में 1943 में पहली बार पर्दे पर उतरा. दूसरे विश्वयु्द्ध के दौरान बनी इस सीरीज में हिटलर की बुराइयों की भी चर्चा हुई है. सेंसरशिप के डर से बैटमैन को एक स्वघोषित प्रतिशोधी की बजाय अंडरकवर एफबीआई एजेंट के रूप में दिखाया गया.
तस्वीर: Everett Collection/picture alliance
1949 में बैटमैन की दूसरी सीरीज
15 कड़ियों वाले बैटमैन की दूसरी सीरीज बैटमैन एंड रॉबिन में बैटमैन आज के बैटमैन से काफी अलग था. आज की स्लीक बैटमोबाइल की जगह रॉबर्ट लॉरी बैटमैन के रूप में कंवर्टिबल मर्करी में गोथम शहर के चक्कर काटते हैं. पहनावा भी बहुत सरल था और उसे कॉमिक से मिलता जुलता ही रखा गया था.
तस्वीर: /picture-alliance
1966 में हुआ अपग्रेड
पहली फुल लेंथ बैटमैन फिल्म में हमारा हीरो थोड़ा और तैयार हुआ. तब ये किरदार एडम वेस्ट ने निभाया था. बैटमोबाइल से लैस होने के साथ ही उसे बैट सिग्नल से पुकारे जाने की क्षमता मिली साथ ही उसे एक स्पीडबोट भी मिल गई. इसमें बैटमैन और रॉबिन आपने चिरशत्रु द जोकर, कैटवूमन, रिडलर और पेंग्विन को हराने में कामयाब हुए. वैसे ये किरदार इस फिल्म में आखिरी बार नहीं दिखे थे.
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'बैटमैन' (1989)
करीब 20 सालों तक दुनिया के बैटमैन से मुक्त रहने के बाद टिम बर्टान ने मास्क वाले हीरो को वापस बड़े पर्दे पर उतारा. इस वर्जन में बैटमैन का किरदार माइकल किटॉन ने निभाया. इसमें पहली बार अपने भरोसेमंद साथी रॉबिन के बगैर उसने जोकर से लोहा लिया. इस भूमिका में जैक निकोल्सन भी खूब चमके.
जब तक कोई महिला जोड़ीदार या प्रतिद्वंद्वी ना हो बैटमैन क्या कर लेगा? बैटमैन रिटर्न्स में मास्क वाले हीरो की मुलाकात कैटवूमन से हुई. यह किरदार मिषेले फाइफर ने निभाया था. यह पात्र पहली बार 1940 के कॉमिक में दिखा था और यह साफ नहीं था कि वह दुष्ट है या फिर अच्छा. उसकी अपनी नीतियां थीं और वो उनके बारे में बात करती. कैटवूमन कभी बैटमैन की विरोधी होती तो कभी उसके साथ दूसरों से लड़ती.
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'बैटमैन फॉरएवर' (1995)
निर्देशक योएल शूमाखर के सिनेमान में कई सितारे थे. बैटमैन के रूप में वाल किल्मर, रिडलर के रूप में जीम केरी और टॉमी ली जोन्स. टीम बर्टान ने जो धुंधला सा ब्रह्मांड रचा था उसके मुकाबले इस रंगीन दुनिया में दर्शक खो गए. फिल्म कारोबारी तौर पर हिट रही लेकिन इसे बैटमैन फिल्मों में बेहतरीन एडेप्टेशन नहीं माना जाता है.
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'बैटमैन एंड रॉबिन' (1997)
डार्क नाइट का अगला रोमांच 1997 में आया और इसमें भी सितारों की कमी नहीं थी. जॉर्ज क्लूनी बैटमैन बने और उनके सामने दो घनघोर खलनायक थेः पॉइजन इवी के रूप में उमा थुर्मान और मि. फ्रीज बने थे अरनॉल्ड श्वार्जनेगर. हालांकि सितारों की ताकत काम नहीं आई और कहानी के झोल में फिल्म उलझ कर रह गई.
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'बैटमैन बिगिन्स' (2005)
बैटमैन की फिल्में एक बार फिर आलोचकों की पसंद बनने लगीं और उसका श्रेय क्रिस्टोफर नोलान की ट्रायोलॉजी को है. बैटमैन के रोमांच में रहस्य और एक्शन के साथ ही कहानियों को भी उभरने की जगह मिल गई. उदास, भावुक बैटमैन बने अभिनेता क्रिश्चियान बेल को असल जिंदगी के शैतानों के साथ अपने आप से भी लड़ना पड़ा.
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'दि डार्क नाइट' (2008)
द डार्क नाइट में बैटमैन की मुलाकात मनोविकारी जोकर से होती है जिसे हीथ लेजर ने बड़े शानदार तरीके से दिखाया. 2008 में लेजर की मौत हो गई और उन्हें इस भूमिका के लिए मरणोपरांत ऑस्कर मिला. इस फिल्म में जोकर का लक्ष्य गोथम शहर में अफरातफरी मचाना है, हालांकि बैटमैन उसे रोक कर शहर को बचा लेता है.
तस्वीर: WARNER BROS/DC COMICS/Ronald/Mary Evans Picture Library/picture alliance
'दि डार्क नाइट राइजेज' (2012)
डार्क नाइट फिल्म ट्राइलॉजी की आखिरी फिल्म में बैटमैन का सामना मजबूत बाजुओं वाले खलनायक बेन से होता है जिसका किरदार टॉम हार्डी ने निभाया था. एक्शन से भरे फिल्म की कहानी में रोमांच और भावुकता खूब थी. हालांकि कुछ अटपटे तत्वों की वजह से इसे क्रिस्टोफर नोलान की ट्राइलॉजी की सबसे कमजोर फिल्म का दर्जा मिला.
2016 की इस फिल्म में डीसी कॉमिक्स के दो सुपरहीरो एक साथ आए. सुपरमैन हेनरी काविल का सामना उम्रदराज होते ब्रूस वेन से होता है जिसका किरदार बेन एफ्लेक ने निभाया था. इस फिल्म में निढाल हुआ ब्रूस वायने बैट का लिबास पहन लेता है और सुपरमैन के सामने खड़े होने की कोशिश करता है, जिसके पास फिल्म में बड़ी भूमिका है. आखिर में दोनों मिलकर दुनिया में अच्छाई के लिए लड़ते हैं.
पिछली फिल्म ने जहां कहानी छोड़ी थी जस्टिस लीग वहीं से शुरू होती है. सुपरमैन और बैटमैन के बाद डीसी कॉमिक्स के दूसरे किरदार भी दुष्टों के खिलाफ लड़ने के लिए साथ आते हैं. द जस्टिस लीग कॉमिक्स में तो 1960 के दशक में ही आ गई थी. जाहिर है कि फिल्म एक्शन से भरी है लेकिन कहानी के आखिर में खुलने वाले रहस्य जैसा कुछ भी नहीं.
रॉबर्ट पैटीसन ने 2022 के फिल्म में बैटमैन की मास्क पहनी है. वो कैटवूमन का साथ देते हैं जिसकी भूमिका जो क्रावित्ज ने निभाई है. ये फिल्म अमेरिका में 4 मार्च को पर्दे पर उतरेगी जबकि कई अंतरराष्ट्रीय सिनेमाघरों में 3 मार्च को ही. यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण वार्नर ब्रदर्स ने कुछ समय के लिए फिल्म को रूस में नहीं दिखाने का फैसला किया है.
तस्वीर: Jonathan Olley/DC Comics /Warner Bors/dpa/picture alliance
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ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बीजेपी का इस तरह से फिल्म को समर्थन देना कहीं कांग्रेस के लिए नई मुसीबत न बन जाए. दूसरी ओर गैर कांग्रेस शासित राज्य जैसे दिल्ली में भी फिल्म को कर मुक्त करने की मांग बीजेपी के ही सांसद मनोज तिवारी ने उठाई है.
बीजेपी के ही कई नेता मुफ्त में फिल्म की टिकटें बांटने की घोषणा कर रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि फिल्म देखने के लिए पुलिसवालों को एक दिन की छुट्टी दी जाएगी. उन्होंने कहा, "फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' देखने के लिए मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों को अवकाश दिया जाएगा. पुलिसकर्मियों को अवकाश देने के लिए डीजीपी सुधीर सक्सेना को निर्देश दिए हैं."
एक दिन पहले केरल कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा था कश्मीर में पंडितों से ज्यादा मुस्लिम मारे गए थे. ट्वीट में कहा गया था, "आतंकी ही थे जिन्होंने पंडितों को निशाना बनाया. पिछले 17 सालों (1990-2007) में हुए आतंकि हमलों में 399 पंडित मारे गए हैं. इसी दौरान आतंकवादियों की ओर से मारे गए मुसलमानों की संख्या 15,000 है." हालांकि बीजेपी के हमले के बाद कांग्रेस ने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया. अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस किस तरह से अपना पक्ष इस फिल्म को लेकर पेश करती है.
श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन की छटा
भारत के उत्तर में हिमालय की छाया में बसा श्रीनगर ट्यूलिप गार्डन के कारण और भी खूबसूरत हो गया है. तस्वीरों में देखिए 25 मार्च से जनता के लिए खोले गए इस रंग बिरंगे फूलों के बगीचे के नजारे.
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भारत के श्रीनगर में स्थित एशिया के इस सबसे बड़े ट़्यूलिप गार्डन में 64 से ज्यादा किस्मों के 15 लाख ट्यूलिप फूल खिले हुए हैं.
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ट़्यूलिप के अलावा यहां गार्डन के किनारे पर हाएसिंथ, डैफोडिल्स और रेनकुलस प्रजाति के हजारों फूल भी खिले हुए हैं.
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महामारी के कारण पिछले साल बंद रहे बगीचे में केंद्र शासित प्रदेश का पर्यटन विभाग 25 मार्च से ट्यूलिप उत्सव आयोजित कर रहा है.
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ट्यूलिप गार्डन 30 हेक्टेयर के इलाके में फैला है. इसे पहले सिराज बाग के नाम से जाना जाता था.
तस्वीर: Modi Twitter/IANS
इस ट्यूलिप गार्डन का उद्घाटन 2008 में उस समय राज्य के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने किया था.
तस्वीर: IANS
इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन जबरवान पर्वत श्रृंखला की घाटी में स्थित है. इस पर्वत से जम्मू कश्मीर की डल झील भी दिखती है.
तस्वीर: Modi Twitter/IANS
इस साल लंबी सर्दी, हल्की बारिश और बर्फ पड़ने के कारण ट्यूलिप के फूल देर से खिले हैं.