कोरोना की दूसरी लहर ने कैसे दूसरे मरीजों को प्रभावित किया
११ जून २०२१
कोरोना की दूसरी लहर ने पिछले दो महीनों में, पहले से ही बोझिल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को पंगु बना दिया है. कैंसर, हृदय और गुर्दे की गैर-कोविड पुरानी बीमारियों से पीड़ित भारतीयों को बुरी तरह प्रभावित किया है.
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कोरोना की दूसरी लहर की वजह से पिछले दो महीनों के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं, क्योंकि कोविड-19 के मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई, जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे के समाप्त होने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को कोविड देखभाल की ओर मोड़ दिया गया. विशेषज्ञों के मुताबिक, अन्य प्रमुख कारणों में कोरोना के संक्रमण का डर, गलत सूचना और लॉकडाउन के कारण आवाजाही पर प्रतिबंध शामिल हैं.
एम्स, नई दिल्ली के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर साल्वे कहते हैं कोविड-19 महामारी ने समुदाय से लेकर तृतीय स्तर तक स्वास्थ्य देखभाल के सभी स्तरों पर गैर-कोविड देखभाल को प्रभावित किया. कैंसर देखभाल, उच्च रक्तचाप और मधुमेह प्रबंधन जैसी पुरानी बीमारियों की देखभाल की सेवाएं कोविड देखभाल में बदलने के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुईं. लोग महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों और भय के कारण स्वास्थ्य सेवा लेने में सक्षम नहीं थे.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि दूसरी लहर में अधिकांश राज्य सरकारों ने प्रतिबंध और प्रोटोकॉल लगाए हैं, जिस कारण हृदय, गुर्दे, लीवर और फेफड़ों के रोगियों के नियमित उपचार और जांच से इनकार कर दिया गया है.
बच्चे कैसे देखते हैं कोरोना महामारी को
कोरोना वायरस महामारी के बारे में बच्चे क्या महसूस कर रहे हैं, यह जानने के लिए डीडब्ल्यू ने एक चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की थी. देखिए दुनिया भर के बच्चों ने कैसे कैसे चित्र बनाए.
तस्वीर: Marie
गुआदालुप
11 साल, कोलंबिया
तस्वीर: Guadalupe
जूड
पांच साल, लेबनान
तस्वीर: Jude
ऐंटोनिस
छह साल, ग्रीस
तस्वीर: Antonis
जेसिका
11 साल, सिंगापुर
तस्वीर: Jessika
पौला
14 साल, जर्मनी
तस्वीर: Paula
वीनस
10 साल, ईरान
तस्वीर: Venus
डैनिल
10 साल, रूस
तस्वीर: Daniil
जोशी
17 साल, भारत
तस्वीर: Joshi
अनीसा
11 साल, इंडोनेशिया
तस्वीर: Annisa
यास्मीन
10 साल, मोरक्को
तस्वीर: Yasmine
मीरा जेनेप
10 साल, तुर्की
तस्वीर: Mira Zeynep
सखा
छह साल, इंडोनेशिया
तस्वीर: Sakha
नूर
11, इंडोनेशिया
तस्वीर: Nur
एमिलिया
नौ साल, चिली
तस्वीर: Emilia
लूसिया
नौ साल, वेनेजुएला
तस्वीर: Lucía
बिलाल
आठ साल, इंडोनेशिया
तस्वीर: Bilal
रिजकी
नौ साल, इंडोनेशिया
तस्वीर: Rizki
आगुस्तीना
12 साल, चिली
तस्वीर: Agustina
वोकिम
10 साल, चिली
तस्वीर: Joaquin
एलेग्जेंडर
10 साल, रूस
तस्वीर: Alexander
आंद्रे
10 साल, रूस
तस्वीर: Andrej
अलिसा
11 साल, रूस
तस्वीर: Alisa
रेजिना
10 साल, मेक्सिको
तस्वीर: Regina
क्लावियो
11 साल, कोलंबिया
तस्वीर: Clavijo
रफन
सात साल, भारत
तस्वीर: Rafan
लोपेज
11 साल, कोलंबिया
तस्वीर: Camillo
आमिर
नौ साल, मेक्सिको
तस्वीर: Amir
साल्वादोर
पांच साल, चिली
तस्वीर: Salvador
रैदनि
दो साल, भारत
तस्वीर: Radnyi
सोसिच
13 साल, फ्रांस
तस्वीर: Soazic
गेब्रियल
सात साल, बोलीविया
तस्वीर: Gabriel
रिया
नौ साल, भारत
तस्वीर: Riya
दानिएला
10 साल, कोलंबिया
तस्वीर: Daniela
डेलीला
छह साल, भारत
तस्वीर: Delilah
मार्क
आठ साल, लेबनान
तस्वीर: Mark
मारी
11 साल, जर्मनी
तस्वीर: Marie
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याचिकाकर्ता ने कहा, "गैर-कोविड-19 रोगियों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सभी अस्पतालों में प्रमुख सर्जरी स्थगित कर दी गई है, क्योंकि डॉक्टर कोविड-19 रोगियों के इलाज में व्यस्त हैं... हृदय रोगियों या गर्भवती महिलाओं के लिए अस्पताल में प्रवेश बहुत मुश्किल है."
जेपी अस्पताल, नोएडा के प्लास्टिक, सौंदर्य और पुनर्निर्माण सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. आशीष राय ने आईएएनएस को बताया कि कैंसर के मरीज खासकर बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, "कैंसर के बुजुर्ग मरीज अक्सर अस्पताल जाने में देरी करते हैं, यह सोचकर कि इससे उनके बच्चों को कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है."
फोर्टिस अस्पताल, गुरुग्राम में कैंसर विशेषज्ञ डॉ. राहुल भार्गव के मुताबिक, "कोरोना वायरस महामारी का खामियाजा कैंसर रोगियों को भुगतना पड़ा है. कुल मिलाकर, कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए प्रारंभिक निदान, जांच और उपचार में देरी हुई और कोरोना से संक्रमित लोगों में मृत्युदर का अधिक खतरा था."
शुरुआती दिनों में कैंसर का उपचार सफल हो सकता है, लेकिन रोग की उन्नत अवस्था में इसका उपचार नहीं किया जा सकता. विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड काल में सक्रिय कैंसर रोगियों या पिछले पांच वर्षों से पीड़ित कैंसर रोगियों की मृत्युदर भी बढ़ी है.
आईएएनएस
कोरोना वायरस: कितनी दूरी रखना है जरूरी
कोरोना महामारी के इस लंबे दौर में अब लोग सोशल डिस्टेंसिंग यानि दूसरों से शारीरिक रूप से दूरी बना कर रखने की अहमियत समझ चुके हैं. लेकिन किस जगह पर कम से कम कितने दूर रहने से आप सुरक्षित रहेंगे, ये जानिए.
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दो मीटर काफी नहीं
अमेरिकी मेडिकल जर्नल में छपी 1948 की इस स्टडी में बैक्टीरिया का संक्रमण देखा गया, जो करीब 2.9 मीटर तक फैला. अब बात वायरस की है और उसके लिए तो इस तस्वीर में लोगों के बीच जितनी दूरी भी शायद काफी ना हो.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Nietfeld
सबकी अपनी समझ
आइसलैंड के गड़रिया एसोसिएशन ने अपने समझने की आसानी के लिए अपने माहौल के हिसाब से नियम रखा कि संक्रमण से बचने के लिए कम से कम दो भेड़ों के बराबर दूरी रखनी चाहिए. यह करीब दो मीटर की दूरी होगी.
तस्वीर: AFP/J. Wessels
ब्रिटेन और अमेरिका के रिसर्चरों का साझी सलाह
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपे एक विश्लेषण में ऑक्सफोर्ड, लंदन और केम्ब्रिज के रिसर्चरों ने मिल कर बताया है कि एयरोसॉल के माध्यम से फैलने वाले इस वायरस के लिए अलग अलग जगहों पर कितनी दूरी बरकरार रखनी चाहिए.
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कृपया दूरी बना कर रखें!
दूसरों से 1.5 से 2 मीटर (5 से 6 फुट) की दूरी रखने का नियम सामान्य रूप से प्रचलित है. इसके अलावा साफ सफाई रखने, हाथ धोने और मास्क पहनने से संक्रमण से बचा जा सकता है.
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कहां से आया 2-मीटर वाला नियम
एमआईटी की रिसर्चर लिडिया बोरुइबा बताती हैं कि यह काफी पुराना है. सन 1897 में जर्मन डॉक्टर सी फ्लुगे ने सबसे पहले इसकी सलाह दी थी. इसके बाद 1948 की एक स्टडी में अमेरिका में इसे लेकर एक बड़ी स्टडी हुई थी.
तस्वीर: Reuters/H. McKay
खुली जगहों पर
बाजार से खरीदी कुत्ते की रस्सियां आमतौर पर इतनी ही लंबी होती हैं, जितनी दूरी रखनी है यानि छह फुट. इसे संयोग ही मानें या रस्सी को इतना लंबा बनाने के पीछे भी ऐसा ही कोई आधार था.
तस्वीर: picture-alliance/chromorange
वायरस का माध्यम एयरोसॉल
वायरस असल में बैक्टीरिया से कहीं ज्यादा सूक्ष्म होते हैं. यह हवा में कई घंटों तक तैरते रह सकते हैं और इसीलिए हवा के माध्यम से ज्यादा फैलते हैं. इसीलिए केवल दूरी काफी नहीं हैं, मास्क पहनने के अलावा और भी सारी चीजें करनी चाहिए.
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और किन चीजों का ख्याल
आप जिस कमरे में हैं वहां बाकी लोगों ने मास्क पहना है या नहीं. वे ऊंची आवाज में बात कर रहे हैं या गाना गा रहे हैं तो वायरस ज्यादा दूर तक जा सकता है. आसपास कोई खांसे तो भी वायरस दूर तक फैलते हैं.
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कमरे में कितनी देर सुरक्षित
किसी कमरे में अगर कोई संक्रमित व्यक्ति हो तो उसके साथ वहां अगर बहुत सारे लोग हैं, तो आपको कम से कम समय के लिए वहां होना चाहिए. वह भी तब जब कमरे में हवा की आवाजाही की व्यवस्था हो, मास्क पहना हो और आराम से बात हो रही हो.
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इतना काफी है? या और?
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस तरह स्कूली बच्चों को आसानी से दिखाने की कोशिश की थी कि उन्हें लगभग कितनी दूरी बना कर रखनी चाहिए. एक औसत वयस्क के केवल दो हाथों की लंबाई ही 1.5 मीटर के आसपास होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Evening Standard/L. Young
यहां मास्क नहीं चाहिए
ऐसे खुले माहौल में जितनी देर तक चाहें बिना मास्क के रहा जा सकता है. लेकिन वहां भी आपके आसपास कितने लोगों की भीड़ है और वे कितनी बातें कर रहे हैं - इन चीजों से फर्क पड़ता है. (फाबियान श्मिट/आरपी)