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अपराधएशिया

यूरोपीय पुलिस ने वियतनामी मानव तस्करों पर कसा शिकंजा

डेविड हट
९ दिसम्बर २०२२

पूरे यूरोप में पुलिस ने वियतनामी मानव तस्कर समूह के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है. इसके साथ ही कई देशों की सरकारों ने वीजा से जुड़े सख्त नियम भी लागू किए हैं.

Kontrollen der britischen Grenzbehörde
तस्वीर: Gareth Fuller/empics/picture alliance

हाल के वर्षों में वियतनाम से यूरोप में होने वाली मानव तस्करी बड़ी समस्या बनकर सामने आयी है. इस समस्या को दूर करने के लिए, यूरोपीय संघ की कानून प्रवर्तन एजेंसी ‘इंटरपोल' तस्करों के समूह पर नकेल कस रही है और उसे कुछ सफलता भी मिली है. जून महीने में यूरोपोल ने चेक गणराज्य, जर्मनी, हंगरी, पोलैंड और बेल्जियम में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान, वियतनाम से यूरोप में अवैध रूप से प्रवासियों की तस्करी करने के आरोप में एक ही आपराधिक समूह के नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया.

दरअसल, वियतनाम से मानव तस्करी का गंभीर मामला अक्टूबर 2019 में सामने आया था. उस समय ब्रिटेन के एसेक्स में औद्योगिक इलाके के बाहर खड़े रेफ्रिजरेटर ट्रक में 39 वियतनामी नागरिकों की दम घुटने से मौत हो गई थी. कहा जाता है कि पीड़ितों में से कई को बंधुआ मजदूर के तौर पर काम कराने के लिए तस्करी करके यूरोप लाया गया था.

यूरोप ें मानव तस्करी वाले गैंग के 205 लोग गिरफ्तार

जानकारों का कहना है कि वियतनामी नागरिकों ने तस्करों को फ्रांस और ब्रिटेन के बीच इंग्लिश चैनल पार करने में मदद करने के लिए पैसे भी दिए थे. इस साल की शुरुआत में ब्रिटिश गृह मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी और जून 2022 के बीच 279 वियतनामी नागरिकों ने छोटी नाव की मदद से इंग्लिश चैनल को पार किया है. 

जनवरी में, बेल्जियम की एक अदालत ने वियतनामी नागरिक वो वैन होंग को 15 साल की जेल की सजा सुनाई. फैसला सुनाने के दौरान अदालत ने कहा कि यह व्यक्ति उस गिरोह का सरगना है जो ब्रिटेन में मृत पाए गए वियतनामी लोगों की तस्करी कर रहा था. इसी तरह, 19 अन्य लोगों को भी दोषी ठहराया गया है. ये सभी या तो वियतनामी नागरिक हैं या वियतनामी मूल के बेल्जियम निवासी.

2019 में 39 वियतनामी नागरिक इस ट्रक में मिले थेतस्वीर: Aaron Chown/empics/picture alliance

काम दिलाने का वादा

लंदन में कानूनी फर्म विल्सन सॉलिसिटर एलएलपी प्रवासी मामलों से जुड़ी कानूनी सहायता उपलब्ध कराती है. इस फर्म के लिए काम करने वाली मानव तस्करी के मामलों की जानकार नुसरत उद्दीन ने कहा, "हमारे कई वियतनामी क्लाइंट सबसे पहले पूर्वी यूरोपीय देश पहुंचते हैं. सभी को इस वादे के साथ लाया जाता है कि उन्हें उचित वेतन के साथ काम मिलेगा, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर होती है. कई को यूरोप के जरिए कहीं और ले जाया जाता है और अकसर हर बार उनसे झूठे वादे किए जाते हैं.”

मानव तस्करी से लड़ाई की तैयारी

उद्दीन ने कहा कि तस्करी के जरिए यूरोप लाए गए कई वियतनामी लोगों को यह एहसास ही नहीं है कि उन्हें ‘आधुनिक गुलाम' बनाकर रखा गया है. उन्होंने आगे कहा, "ज्यादातर लोग गरीब होते हैं और वे जो पैसे यहां से भेजते हैं उसी से उनके देश में उनके परिवार का भरण-पोषण होता है. ऐसे में उनके पास काम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है. वर्क परमिट वीजा की वजह से भी कभी-कभी समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि इससे शोषणकारी कामकाजी परिस्थितियों को बढ़ावा मिलता है.”

उद्दीन बताती हैं, "कई वर्षों तक दुर्व्यवहार होने के बावजूद वे शिकायत नहीं कर पाते हैं, क्योंकि वे अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने में असमर्थ होते हैं.”

लंबे समय से चली रही समस्या

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद की 2017 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वियतनामी तस्कर गिरोह हर साल करीब 18,000 लोगों को वियतनाम से यूरोप लाते हैं. यह लगभग 31.56 करोड़ डॉलर का अवैध कारोबार है.

हाल के वर्षों में वियतनाम यूरोपीय संघ के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारों में से एक बन गया है. 2020 में वह मुक्त व्यापार समझौते में शामिल हुआ. यूरोपीय आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल दोनों देशों के बीच करीब 49 अरब यूरो का कारोबार हुआ था.

हालिया सरकारी अनुमान के मुताबिक, यूरोप में काफी संख्या में वियतनाम के लोग प्रवासी के तौर पर रहते हैं, खासकर चेक गणराज्य में. यहां की राष्ट्रीय आबादी में एक फीसदी हिस्सा वियतनामी प्रवासियों का है.

वियतनाम में मानव तस्करों के खिलाफ मुकदमा सार्वजनिक अदालतों में चल रहा है ताकि लोग उनके बारे में जान सकेंतस्वीर: Blue Dragon Foundation

तस्करों के कई गिरोह चेक गणराज्य में मौजूद हैं. यूरोपोल ने जून में छापेमारी के बाद जारी बयान में कहा कि ‘कई लाख चेक क्राउन जब्त किए गए हैं.'

नाम नहीं छापने की शर्त पर यूरोपोल के एक अधिकारी ने कहा कि यूरोप के भीतर वियतनामी नागरिकों की तस्करी के लिए जिम्मेदार आपराधिक गिरोह पर नकेल कसने में इस साल बड़ी सफलता मिली है. 

अधिकारियों में इस बात को लेकर ‘काफी भरोसा' दिखा कि जून में पूरे यूरोप में एक साथ हुई छापेमारी ने तस्करों के बड़े गिरोह की कमर तोड़ दी. अब तस्करी में शामिल कई अन्य लोगों को भी दोषी साबित किया जाएगा.

मूल समस्या को दूर करे की कोशिश

अमेरिका स्थित चैरिटी ‘पैसिफिक लिंक्स फाउंडेशन' वियतनामी समुदायों के साथ काम करती है और इसने एसेक्स ट्रक हादसे की जांच में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस चैरिटी के अध्यक्ष डाइप वुओंग कहते हैं, "आपराधिक गिरोहों को खत्म करना बड़ी जीत है. हालांकि, हमें इस दिशा में और काम करने की जरूरत है.”

उन्होंने कहा, "तस्करों द्वारा फैलायी गई गलत सूचना और नौकरी के झूठे वादों के बारे में लोगों को जागरूक करना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अभी भी कमजोर और गरीब वियतनामी लोगों को तस्करी के जाल में फंसाया जा रहा है.”

विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस द्वारा हाल में तस्कर गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने के बावजूद यह समस्या बनी रहेगी.

यूरोपोल के अधिकारी ने बताया कि वियतनाम में प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 3,520 यूरो है, जो जर्मनी के दसवें हिस्से से भी कम है. साथ ही, दक्षिण पूर्व एशियाई देश के साथ व्यापारिक समझौतों की वजह से वियतनामियों के लिए यूरोप में प्रवेश करना आसान हो गया है, खासकर अपने परिवार से मिलने के बहाने.

जून में छापेमारी के बाद यूरोपोल ने अपने बयान में कहा, "सबसे पहले प्रवासी किसी खास देश में वर्क वीजा के आधार पर विमान से यूरोप पहुंचते हैं. इसके बाद, पीड़ितों को उनके अंतिम ठिकाने, आमतौर पर फ्रांस या ब्रिटेन तक पहुंचाने का काम तस्कर गिरोह करता है.”

बयान में आगे कहा गया, "संदिग्धों ने कई बार अपने वाहनों के जरिए पीड़ितों की तस्करी करके उनको ठिकाने तक पहुंचाया. कुछ मामलों में पीड़ितों के जीवन को खतरे में डालते हुए अंतिम ठिकाने तक पहुंचाने के लिए रबड़ वाले मोटरबोट का इस्तेमाल किया गया.”

इस साल की शुरुआत में, चेक गणराज्य और जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों ने उन नए पासपोर्ट धारकों को वीजा नहीं देने का फैसला किया जिनके जन्म स्थान की जानकारी नहीं है.

वियतनाम के लोगों के नाम में समानता होने की वजह से यूरोपीय अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पासपोर्ट और वीजा की वैधता की पर्याप्त जांच करने के लिए जन्म स्थान जैसी अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता है. चेक गणराज्य के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने डीडब्ल्यू को बताया कि यह फैसला तस्करी पर लगाम लगाने के इरादे से लिया गया है.

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