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अपराधयूरोप

डरा डरा के ले ली डॉक्टर की जान

२ अगस्त २०२२

महीनों से धमकियां और नफरत झेल कर थक चुकी ऑस्ट्रिया की एक डॉक्टर ने हाल ही में आत्महत्या कर ली. इस नफरत के खिलाफ और उनकी याद में हजारों लोगों ने निकाला जुलूस.

Proteste gegen Corona-Politik | Österreich Wien
कोरोना की पाबंदियों के खिलाफ बीते दो सालों में लगातार होते रहे हैं प्रदर्शन तस्वीर: Lisa Leutner/AP/picture alliance

जर्मनी से सटे यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया में सोमवार शाम हजारों लोगों ने इकट्ठे होकर जुलूस निकाला. कई महीनों से देश के कुछ लोगों की नफरत और धमकियों की शिकार बनी एक डॉक्टर की खुदखुशी के बाद लोगों ने ऐसी एकजुटता दिखाई. 

कैसे बने इतने बुरे हालात? 

ऑस्ट्रिया की डॉक्टर लीसा-मारिया केलेनमायर को कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लगी पाबंदियों और टीके का विरोध करने वाले एक्टिविस्ट लगातार निशाना बना रहे थे. डॉक्टर को डराने धमकाने के लिए कई लोगों ने पहले तो उन्हें इंटरनेट पर भला बुरा कहा और फिर उनके क्लिनिक पहुंच कर भी सामने से जान की धमकी दी थी.

जान पर खतरे के चलते कुछ हफ्ते पहले ही उन्होंने अपनी क्लीनिक बंद कर दी थी. अपनी जेब से काफी बड़ी रकम वह सुरक्षा के नाम पर खर्च कर चुकी थीं. उन्होंने अपना डर जताते हुए कहा था कि पुलिस और प्रशासन उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं.

नेताओं के आह्वान का असर

सोमवार को राजधानी विएना के सेंट स्टीफेन्स कैथीड्रल के पास जुटे लोगों ने डॉक्टर की याद में मोमबत्तियां और फोन की लाइटें जलाकर शोक और शांति का संदेश दिया. बीते शुक्रवार वह अपने क्लीनिक में मृत पाई गई थीं.

ऑस्ट्रिया के कई बड़े नेताओं ने डॉक्टर की मौत पर शोक जताते हुए देशवासियों से एकजुट होने का आग्रह किया. राष्ट्रपति अलेक्जांडर फान डेय बेलेन ने कहा, "इस तरह डराने धमकाने और डर को हवा देने को यहीं रोकते हैं.” उन्होंने कहा कि नफरत और असहिष्णुता की ऑस्ट्रिया में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. 

आखिर चली ही गई जान

प्रशासन ने उनकी मौत की पुष्टि करते हुए इसे आत्महत्या बताया है. पोस्ट मॉर्टम का आदेश नहीं दिया गया. सरकारी वकील ने शव के साथ एक सुसाइड नोट मिलने की जानकारी दी है लेकिन उसमें क्या लिखा था यह बताने से इंकार किया.

इस बीच, स्थानीय मेडिकल एसोसिएशन ने बताया है कि उसने हाल ही में क्लीनिक को जारी रखने के तरीकों पर चर्चा की थी लेकिन फौरन कुछ हो ना सका. एसोसिएशन ने इस बात पर चिंता जताई कि देश भर में मेडिकल पेशेवरों के लिए इतना गुस्सा और नफरत है.      

डॉक्टर केलेरमायर एक जनरल प्रैक्टिशनर थीं और अपने पेशे में लगातार खुल कर कोरोना के टीकों के फायदों की वकालत करती थीं. उनकी क्लिनिक ग्रामीण इलाके में थी. एक महीने पहले उन्होंने अपनी क्लिनिक बंद कर दी. इसके पहले करीब सात महीने उन्होंने धमकियों का सामना किया. 

ऑस्ट्रिया के स्वास्थ्य मंत्री योहानेस राउखतस्वीर: Helmut Fohringer/APA/picturedesk/picture alliance

जुलाई के मध्य में डॉक्टर ने ट्विटर पर लिखा था कि अब वे अपनी क्लीनिक हमेशा के लिए बंद करने जा रही हैं. उनकी मौत पर देश के स्वास्थ्य मंत्री योहानेस राउख ने भी "गहरा झटका” लगने की बात कही और अपने ट्वीट में मामले की गहराई की ओर इशारा किया. उन्होंने लिखा, "उनके और उनके सहयोगियों को मिलने वाली धमकियां एक क्रूर सच्चाई थी.” 

टीके के खिलाफ लॉबी

जून में एक जर्मन आरोपी के ऊपर डॉक्टर को धमकी देने का मुकदमा चला था लेकिन मामले की सुनवाई बंद कर दी गई. इसके अलावा ऑस्ट्रिया में अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस जांच जारी थी. 

हाल ही में ऑस्ट्रिया में सभी वयस्कों के लिए कोरोना वायरस का टीका अनिवार्य करने की अपनी योजना रद्द कर दी है. यूरोप में सबसे कम टीका दर वाले देशों में ऑस्ट्रिया शामिल है. कोरोना महामारी का टीका आने के बाद से ही देश के अलग अलग हिस्सों में आम जनता ने सड़कों पर उतर कर अनिवार्य टीकाकरण और उसके पहले लॉकडाउन के खिलाफ भी अनगिनत बार विरोध प्रदर्शन किए.

आरपी/एनआर (डीपीए, रॉयटर्स, एपी)

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