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समाजविश्व

सिगरेट कैसे छोड़ें? फ्लोरेंस करेगी आपकी मदद

आशुतोष पाण्डेय
२९ जुलाई २०२०

तंबाकू छोड़ने की कोशिश करने वाले अपनी परेशानियां जल्द ही फ्लोरेंस के साथ साझा कर सकेंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वर्चुअल हेल्थ वर्कर फ्लोरेंस हर किसी को उसके लिए सिगरेट छोड़ने के सही तरीके बताएगी.

Neuseeland | WHO Soulmachines | Virtuelle Pflegekraft
वर्चुअल असिस्टेंट फ्लोरेंसतस्वीर: WHO/Soulmachines

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फ्लोरेंस नाम की एक वर्चुअल हेल्थ वर्कर को पेश किया है. फ्लोरेंस उन लोगों के साथ व्यक्तिगत तौर पर काम करने के लिए बनाई गई है जो सिगरेट छोड़ना चाहते हैं. यह डिजीटल अवतार ऐसे लोगों के हिसाब से सही सलाह देती है. कोरोना महामारी के काल में रिसर्चर पहले ही बता चुके हैं कि कोविड-19 वायरस के कारण सिगरेट पीने वाले लोगों में इसका सेवन ना करने वालों की अपेक्षा ज्यादा गंभीर असर होते हैं.

कितने लोग छोड़ना चाहते हैं तंबाकू

इस दौरान दुनिया भर में कई लोगों ने सिगरेट छोड़ने की कोशिश की लेकिन किसी ना किसी कारण से वे इसमें सफल नहीं हुए. अब इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद के लिए सिगरेट पीने वाले लोग फ्लोरेंस के साथ डेट कर सकते हैं. इस वर्चुअल डेट में फ्लोरेंस किसी व्यक्ति की जरूरत के हिसाब से उसे सही जानकारी मुहैया कराएगी और एक पूरी कस्टम-मेड योजना बना कर देगी जिसका पालन कर व्यक्ति लत से छुटकारा पा सकता है. इस वर्चुअल हेल्थ वर्कर से आप टेक्स्ट संदेश या वीडियो के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर फ्लोरेंस कोरोना वायरस के बारे में भ्रांतियां भी दूर करती है.

विश्व भर में करीब 1.3 अरब लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो इनमें से 60 फीसदी के करीब लोग इसकी लत छोड़ना चाहते हैं. संगठन का मानना है कि फिलहाल इनमें से केवल 30 फीसदी लोगों के पास ही वे औजार या ऐसी मदद मौजूद है जो उनकी तंबाकू की लत छोड़ने में मदद कर सकती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हर साल लगभग 80 लाख लोगों की तंबाकू के सेवन से जुड़ी परेशानियों के कारण जान जाती है. तंबाकू के कारण दिल की बीमारियां, कैंसर, सांस की बीमारी और डायबिटीज होने के भी प्रमाण हैं. यही कारण है कि जब ऐसी पहले से मौजूद बीमारियों से ग्रस्त लोगों को  कोविड-19 वायरस का संक्रमण होता है तो वह उनके शरीर में काफी गंभीर रूप ले लेता है. सिगरेट पीने के कारण फेफड़ों की गतिविधि पहले से ही प्रभावित हो चुकी होती है और ऊपर से जब उसे कोरोना वायरस से लड़ना पड़ता है तो यह काफी मुश्किल हो जाता है. 

मशीन शर्मिंदा नहीं करती

फ्लोरेंस को न्यूजीलैंड की सोल मशीन नाम की कंपनी ने विकसित किया है. यह टेक कंपनी असली इंसानों जैसे दिखने वाले डिजीटल ह्यूमन असिस्टेंट बनाने के लिए जानी जाती है और इसके लिए यह अमेजन वेब सर्विसेज और गूगल क्लाउड की मदद लेती है. सोल मशीन के सह-संस्थापक ग्रेग क्रॉस ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा, "जब सिगरेट छोड़ने की बात आती है तो लोगों को बार बार इसकी कोशिश करने और असफल होने में बहुत शर्म महसूस होती है." क्रॉस कहते हैं कि ”डिजीटल अवतार काफी मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि इसमें और लोगों के सामने शर्मिंदा होने का डर नहीं होता."

फ्लोरेंस को सबसे पहले जुलाई 2020 की शुरुआत में जॉर्डन में पेश किया गया, जो विश्व के उन देशों में आता है जहां तंबाकू के इस्तेमाल की दर सबसे अधिक है. इस वर्चुअल असिस्टेंट की सेवा अंग्रेजी भाषा में अब पूरे विश्व में उपलब्ध है और आगे इसे यूएन की अन्य आधिकारिक भाषाओं में लाने की तैयारी है. डीडब्ल्यू से बातचीत में विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता ने बताया कि फ्लोरेंस को "इसे इस्तेमाल करने वाले हजारों लोगों से अब तक काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है.”

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