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समाज

दिल्ली आ रहे किसानों की पुलिस से भिड़ंत, आंसू गैस दागे

आमिर अंसारी
२६ नवम्बर २०२०

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली आ रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों की कुछ जगहों पर पुलिस के साथ हिंसक भिड़ंत हुई है. किसान दिल्ली चलो आंदोलन के तहत पांच हाईवे से दिल्ली में दाखिल होना चाहते हैं. पुलिस ने कड़ा पहरा बिठाया है.

तस्वीर: Narinder Nanu/AFP/Getty Images

हरियाणा में अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने लोहे के बैरिकेड्स लगाए थे और इस दौरान पुलिस ने किसानों को पुल पर ही रोकने की कोशिश की लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए. किसान पुल पार कर आगे बढ़ने की जिद पर अड़े थे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि किसानों ने पत्थरबाजी की. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया और उनपर ठंडे पानी की बौछार की. हालांकि किसानों पर इन सब कार्रवाई का असर नहीं हुआ और उन्होंने बैरिकेड तोड़ कर नदी में फेंक दिया.

कड़ाके की सर्दी के बावजूद पंजाब और हरियाणा के किसान ट्रैक्टर, ट्रॉला अन्य वाहनों पर सवार हो कर दिल्ली चलो नारे के साथ दिल्ली पहुंचने की कोशिश में हैं. कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर दबाव बनाने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न धड़ों ने एक संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया है. किसान अपने साथ राशन और पानी लेकर चल रहे हैं और उनका कहना है कि पुलिस उन्हें जहां रोकेगी वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे.

पिछले 48 घंटे में हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजधानी में दाखिल होने से रोकने के लिए कई इंतजाम किए हैं. पुलिस ने हरियाणा से लगी दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेड्स लगाए, भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ साथ ड्रोन्स भी निगरानी के लिए लगाए हैं.

किसानों ने कई दिनों तक पंजाब में रेल ट्रैक जाम कर रखा था. तस्वीर: Seerat Chabba/DW

छह राज्यों-उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल और पंजाब के किसान करीब दो महीने से आज यानी 26 नवंबर को जो कि संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, पर विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे थे. किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतर कर अपना विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि नए कानूनों से उनकी कमाई कम हो जाएगी.

तीन कानून का विरोध

दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनो को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी है. किसान संगठन गुरुवार और शुक्रवार को प्रदर्शन करने को लेकर अलग अलग राज्यों से दिल्ली पहुंचने की कोशिश में हैं. गुरुवार को दिल्ली मेट्रो की सेवा और लोकल ट्रेन पर भी इसका असर पड़ा और मेट्रो सेवा कुछ घंटों के लिए बंद की गई. दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले पहले से ही चिंता का कारण बने हुए हैं.

दरअसल किसान कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, कृषक (सशक्‍तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 का विरोध कर रहे हैं और इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से नरमी के संकेत नहीं दिख रहे हैं.

विपक्ष ने भी किसानों के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधा है और केंद्र के कानून की आलोचना की है. कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने किसानों पर पानी की बौछार का वीडियो शेयर किया है और साथ ही कविता भी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों पर पानी की बौछार करने की आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं. ये बिल वापस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं. किसानों पर ये जुर्म बिल्कुल गलत है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है."


केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कहा है कि ये तीनों कानून वक्त की जरूरत हैं. उनके मुताबिक, "आने वाले समय में यह क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. हमने पंजाब में सचिव स्तर के अधिकारी से किसानों के बीच गलत धारणाओं को दूर करने के लिए बात की है. हमने 3 दिसंबर को किसानों को फिर से वार्ता के लिए आमंत्रित किया है." 

गौरतलब है कि किसान संगठन कृषि कानूनों के अलावा बिजली बिल 2020 को लेकर भी विरोध कर रहे हैं. किसान कृषि बिजली (संशोधित) बिल 2020 का भी विरोध कर रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि इस बिल के जरिए बिजली वितरण प्रणाली को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. 

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