लोगों को निकलने से रोकने लिए उत्तर कोरिया क्या कर रहा है?
यूलियन रयाल
२ दिसम्बर २०२२
उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने चीन से लगने वाली अपनी सीमा की व्यापक किलेबंदी की है और ऐसे किसी भी संदिग्ध को ‘गोली मार देने’ की नीति का कड़ाई से पालन किया जा रहा है जो सीमा पार करने की कोशिश करेंगे.
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उत्तर कोरिया ने नाटकीय रूप से चीन से लगी अपनी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है. सीमा पर नई बाड़ें लगा दी गई हैं, दीवारें बना दी गई हैं और गार्ड टावर बनाए गए हैं ताकि कोरोनावायरस के साथ किसी भी व्यक्ति को देश की सीमा के भीतर घुसने से रोका जा सके.
एक मानवाधिकार समूह ने इसका निष्कर्ष कुछ इस तरह निकाला है कि उत्तर कोरिया ने ऐसा इसलिए किया है ताकि भुखमरी और राजनीतिक दमन जैसी स्थितियों के चलते उत्तर कोरिया के लोग देश से बाहर न जा सकें.
न्यूयॉर्क स्थित एक मानवाधिकार संगठन की ओर से यह रिपोर्ट 19 नवंबर को प्रकाशित हुई है जिसे तैयार करने के दौरान चीन से लगी करीब तीन सौ किमी लंबी उत्तर कोरिया की सीमा पर उपग्रह के जरिए तस्वीरें ली गईं. उत्तर कोरिया की उत्तरी सीमा करीब 1,300 किमी लंबी है जिसमें एक छोटा हिस्सा रूस से भी लगता है.
बाड़ और गार्ड टावर्स
जानकारों का कहना है कि साल 2019 के अंत में चीन में कोविड के मामले सामने आने के बाद से ही सीमा पर उत्तर कोरिया की यह तैयारी देखने में आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, "शुरुआती पड़ताल से पता चलता है कि 2020 की शुरुआत से ही कई इलाकों में नई बाड़ों का निर्माण किया गया है. बाड़ों की एक दूसरी पंक्ति भी बनाई गई है, पहले से ही बनी बाड़ों को और मजबूत किया गया है, पेट्रोलिंग वाले रास्तों को चौड़ा किया गया है और सीमा पर नए गैरिजन टॉवर, वॉचटावर और गॉर्ड पोस्ट्स बनाए गए हैं.”
कितने परमाणु हथियार हैं दुनिया में और किसके पास
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के तीन दिन बाद ही परमाणु हथियारों को भी हाई अलर्ट पर रखने का हुक्म दिया. रूस के पास कुल कितने परमाणु हथियार हैं. रूस के अलावा दुनिया में और कितने परमाणु हथियार है?
तस्वीर: AP Photo/picture-alliance
कितने परमाणु हथियार
स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान यानी सीपरी हर साल दुनिया भर में हथियारों के बारे में रिपोर्ट तैयार करती है. सीपरी के मुताबिक 2021 की शुरुआत में दुनिया भर में कुल 13,080 परमाणु हथियार मौजूद थे. इनमें से 3,825 परमाणु हथियार सेनाओं के पास हैं और 2,000 हथियार हाई अलर्ट की स्थिति में रखे गए हैं, यानी कभी भी इनका उपयोग किया जा सकता है. तस्वीर में दिख रहा बम वह है जो हिरोशिमा पर गिराया गया था.
तस्वीर: AFP
किन देशों के पास है परमाणु हथियार
सीपरी के मुताबिक दुनिया के कुल 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया के नाम शामिल हैं. दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कमी आ रही है हालांकि ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों में कटौती की वजह से हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
उत्तर कोरिया
डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी उत्तर कोरिया ने 2006 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. वर्तमान में उसके पास 40-50 परमाणु हथियार होने का अनुमान है.
तस्वीर: KCNA/KNS/AP/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण कब किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल इस्राएल के पार 90 परमाणु हथियार होने की बात कही जाती है. इस्राएल ने भी परमाणु हथियारों की कहीं तैनाती नहीं की है. तस्वीर में शिमोन पेरेज नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर नजर आ रहा है. इस्राएल ने बहुत समय तक इसे छिपाए रखा था.
तस्वीर: Planet Labs Inc./AP/picture alliance
भारत
भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 156 हथियार हैं जिन्हें रिजर्व रखा गया है. अब तक जो जानकारी है उसके मुताबिक भारत ने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है. भारत ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण 1974 में किया था.
तस्वीर: Indian Defence Research and Development Organisation/epa/dpa/picture alliance
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के पास कुल 165 परमाणु हथियार मौजूद हैं. पाकिस्तान ने भी अपने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है और उन्हें रिजर्व रखा है. पाकिस्तान ने 1998 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
ब्रिटेन
ब्रिटेन के पास मौजूद परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 225 हथियार है. इनमें से 120 परमाणु हथियारों को ब्रिटेन ने तैनात कर रखा है जबकि 105 हथियार उसने रिजर्व में रखे हैं. ब्रिटेन ने पहला बार नाभिकीय परीक्षण 1952 में किया था. तस्वीर में नजर आ रही ब्रिटेन की पनडुब्बी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
तस्वीर: James Glossop/AFP/Getty Images
फ्रांस
फ्रांस ने 1960 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था और फिलहाल उसके पास 290 परमाणु हथियार मौजूद हैं. फ्रांस ने 280 परमाणु हथियारों की तैनाती कर रखी है और 10 हथियार रिजर्व में रखे हैं. यह तस्वीर 1971 की है तब फ्रांस ने मुरुरोआ एटॉल में परमाणउ परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
चीन
चीन ने 1964 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. उसके पास कुल 350 परमाणु हथियार मौजूद हैं. उसने कितने परमाणु हथियार तैनात किए हैं और कितने रिजर्व में रखे हैं इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
तस्वीर: Zhang Haofu/Xinhua/picture alliance
अमेरिका
परमाणु हथियारों की संख्या के लिहाज से अमेरिका फिलहाल दूसरे नंबर पर है. अमेरिका ने 1,800 हथियार तैनात कर रखे हैं जबकि 2,000 हथियार रिजर्व में रखे गए हैं. इनके अलावा अमेरिका के पास 1,760 और परमाणु हथियार भी हैं. अमेरिका ने 1945 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: Jim Lo Scalzo/EPA/dpa/picture alliance
रूस
वर्तमान में रूस के पास सबसे ज्यादा 6,255 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,625 हथियारों को रूस ने तैनात कर रखा है. 2,870 परमाणु हथियार रूस ने रिजर्व में रखे हैं जबकि दूसरे परमाणु हथियारों की संख्या 1,760 है. रूस के हथियारों की संख्या 2020 के मुकाबले थोड़ी बढ़ी है. रूस ने 1949 में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल की थी.
तस्वीर: AP Photo/picture-alliance
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ह्यूमन राइट्स वॉच यानी एचआरडब्ल्यू ने ट्यूमेन नदी के किनारे बसे सीमावर्ती शहर होएरुंग की गहन पड़ताल की है जो चीन के जिलिन प्रांत के सामने है.
सीमा का यह हिस्सा लंबे समय से तस्करों और भगोड़े लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है क्योंकि यहां नदी चौड़ी और छिछली है जिससे इसे पार करने में आसानी होती है. साल 2019 में, इस क्षेत्र के 7.4 किमी लंबे हिस्से को पूरी तरह से घेर दिया गया और पांच वॉच टावर लगा दिए गए.
अप्रैल 2022 में, उपग्रह से प्राप्त नए चित्रों से पता चलता है कि इस इलाके में 169 नई गार्ड चौकियां बना दी गईं, 9.5 किमी तक बाड़ को और मजबूत कर दिया गया और 9.2 किमी की दूरी में नई बाड़ तैयार कर दी गई.
जनवरी 2020 में, उत्तर कोरिया दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया जिसने अपनी सीमाओं को पूरी तरह से बाहरी दुनिया के लिए सील कर दिया, ये कहकर कि ऐसा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किया गया है.
अगस्त 2020 में, उत्तर कोरिया ने सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘बफर जोन' बनाने की भी घोषणा की और वहां सैनिक तैनात कर दिए. इन सैनिकों को आदेश दिया गया कि जो भी इस इलाके को बिना अनुमति पार करने की कोशिश करते हैं, उन्हें ‘बिना शर्त गोली मार दी जाए'. यह आदेश अभी भी लागू है.
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नागरिकों का दमन
एचआरडब्ल्यू में वरिष्ठ रिसर्चर लिना यून कहती हैं, "उत्तर कोरिया की सरकार ने कोविड-19 से बचाव उपायों का उपयोग उत्तर कोरिया के नागरिकों के दमन और उन्हें खतरे में डालने में किया. सरकार को चाहिए कि वो अपनी ऊर्जा खाद्य सामग्री, वैक्सीन और दवाइयां उपलब्ध कराने और लोगों की आवागमन की स्वतंत्र और अन्य अधिकारों का सम्मान करने में करे.”
सोल स्थित कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल यूनिफिकेशन में पीस रिसर्च डिवीजन के डायरेक्टर डो क्युंग ओक कहते हैं कि उत्तर कोरिया ने अक्टूबर 2021 में इमर्जेंसी कम्युनिकेबल डिजीज कंट्रोल एक्ट में संशोधन पारित किए थे.
इसके मुताबिक, "सीमावर्ती क्षेत्र में नागरिकों और विदेशियों का संपर्क किसी कीमत पर नहीं होना चाहिए.”
कानून के अनुच्छेद 63 के मुताबिक, "कोई भी व्यक्ति यदि गुब्बारे जैसी भी किसी अनजान वस्तु के संपर्क में आता है, जो कि संदिग्ध तौर पर सीमा पार से आई हो, तो उस व्यक्ति पर 50,000 उत्तर कोरियाई वॉन का जुर्माना लगेगा.”
कहां है सबसे ज्यादा भुखमरी
कोरोनावायरस महामारी ने कई देशों को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है. ये हैं दुनिया के वे देश जहां सबसे ज्यादा भुखमरी है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/A. Ufumeli
डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम यूएसए के मुताबिक भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या सबसे ज्यादा डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में है, जो पहले सीरिया में थी. यहां 2.7 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हैं जबकि दो साल पहले इनकी तादाद 1.3 करोड़ थी.
तस्वीर: Guerchom Ndebo/AFP/Getty Images
अफगानिस्तान
संयुक्त राष्ट्र की संस्था वर्ल्ड फूड प्रोग्राम कहती है कि भारत के पड़ोसी अफगानिस्तान में एक करोड़ 69 लाख लोगों के सामने रोज खाने का संकट खड़ा हो जाता है.
तस्वीर: Rahmatullah Alizadah/Xinhua/imago images
यमन
युद्ध की मार झेल रहे यमन पर कोविड ने भयंकर कहर ढाया है और यह इलाका आधुनिक इतिहास के सबसे बड़े अकाल की ओर बढ़ रहा है. देश की आधी आबादी यानी लगभग 1.6 करोड़ लोग रोज सुबह खाली पेट जगते हैं.
तस्वीर: Mohammed Mohammed/Xinhua/picture alliance
नाईजीरिया
गरीबी के मारे इस अफ्रीकी देश पर कोविड का कहर ऐसा बरपा है कि एक करोड़ 30 लाख लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है.
तस्वीर: Afolabi Sotunde/Reuters
इथियोपिया
2021 के आंकड़े बताते हैं कि देश के एक करोड़ 29 लाख लोगो खाने के संकट से जूझ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ टिग्रे प्रांत में लगभग 3,50,000 लोगों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है.
तस्वीर: Ben Curtis/AP Photo/picture alliance
सीरिया
एक दशक से जारी युद्ध ने 1.24 करोड़ लोगों को गरीबी और भूख के चंगुल में लपेट लिया है. 67 लाख से ज्यादा लोगों के पास खाना नहीं है.
तस्वीर: Baderkhan Ahmad/AP Photo/picture alliance
सूडान
सूडान में पिछले साल 96 लाख लोग भूखे सोये थे. इस साल यह संख्या और बढ़ सकती है.
तस्वीर: picture-alliance/AA/M. Hjaj
साउथ सूडान
सालों से जारी गृह युद्ध और खराब मौसम से जूझते इस नए देश के सामने कोविड के दौरान भूखा मरने की नौबत आ चुकी है. यहां 72 लाख लोग भूख से लड़ रहे हैं.
तस्वीर: Stefanie Glinski/AFP/Getty Images
हैती
हैती में 44 लाख लोगों के पास खाना नहीं है. पिछले तीन साल से यह संख्या लगातार बढ़ रही है.
जिम्बाब्वे में भूखमरी का शिकार लोगों की संख्या पिछले साल की तुलना में घटी है. 2020 के 43 लाख के मुकाबले 2021 यह 34 लाख पर आ गई है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/A. Ufumeli
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डीडब्ल्यू से बातचीत में डो कहती हैं, "कानून में सीमा से संबंधित नियमों से पता चलता है कि उत्तर कोरियाई अधिकारी सीमा पार से कोरोना वायरस के आने को लेकर बहुत सतर्क रहते हैं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे इस बात की पुष्टि होती है कि सीमा पर इतने अतिरिक्त बैरियर लगाने के पीछे यही वजह है.”
वो कहती हैं, "यह मानना तर्कसंगत लगता है कि इसके जरिए उत्तर कोरियाई अधिकारी कोरोना वायरस और असामाजिक तत्वों, दोनों को रोकना चाहते हैं.”
बैरिकेड्स की वजह से वायरस का उत्तर कोरिया में जाना भले न रुका हो लेकिन भगोड़े और असामाजिक तत्वों को रोकने में ये काफी प्रभावी सिद्ध हुए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में 1,047 भगोड़े सुरक्षित तरीके से दक्षिण कोरिया पहुंच गए थे लेकिन 2020 में इनकी संख्या घटकर 229 और 2021 में सिर्फ 63 रह गई.
संभावना जताई जा रही है कि 2022 में यह संख्या और भी कम हो गई होगी. दूसरी तिमाही में सिर्फ आठ भगोड़े सीमा पार करने में सफल रहे. इन भगोड़ों की मदद करने वाले समूहों का अनुमान है कि इस साल यह संख्या 50 से कम ही रहने वाली है.
पूर्ण नियंत्रण
उत्तर कोरिया में नरसंहार को रोकने वाले विश्वव्यापी गठबंधन के कार्यकर्ता और एकेडमीशियन योंग चाई कहते हैं, "ये नई दीवारें और बाड़ें लोगों को भीतर रखने के लिए तैयार की गई हैं. उत्तर कोरिया पिछले कई साल से बाड़ें बना रहा है क्योंकि वो चाहता है कि उसका अपने देश के नागरिकों पर पूर्ण नियंत्रण रहे. शासन को यह पता है कि ये भगोड़े बाहर जाकर अपने अनुभवों को अन्य लोगों को सुनाते हैं और जाहिर है, ये अनुभव कभी भी सकारात्मक नहीं होते.”
वो कहते हैं, "अधिकारी यह भी नहीं चाहते कि यहां के लोग बाहर जाएं और देखें कि दुनिया के अन्य देशों में लोग कैसे रह रहे हैं. मसलन, वे नहीं चाहते कि ये लोग भोजन, बोलने और यात्रा करने की आजादी जैसी बातों से परिचित हों. नागरिकों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए ये लोग कुछ भी करने को तैयार हैं क्योंकि यदि यह कड़ी टूटी तो शासन के लिए घातक साबित होगी.”
किम जोंग उन के पास क्या क्या है
उत्तर कोरिया में जहां आम लोग कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं, वहीं देश के नेता किम जोंग उन के ऐशो आराम में कोई कमी नहीं है. चलिए देखते हैं उनके पास क्या क्या है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/KCNA
कुमसुसान पैलेस
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के पूर्वोत्तर छोर पर यह शानदार महल स्थित है, जिसे देश के संस्थापक किम इल सुंग का मकबरा भी कहा जाता है. दुनिया में किसी कम्युनिस्ट नेता को समर्पित यह सबसे बड़ा महल है. महल की उत्तरी और पूर्वी दिशाओं की तरफ एक गहरी खायी बनी है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/D. Guttenfelder
होटल रयुगयोंग
रयुगयोंग दुनिया के सबसे बड़े होटलों में से एक है जिसमें 105 मंजिलें हैं. पिरामिड के आकार वाले इस होटल का निर्माण 1987 में शुरू हुआ था. उस वक्त देश पर किम इल सुंग का राज था जो मौजूदा नेता किम इल सुंग के दादा थे. हालांकि यह होटल अब तक अधूरा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Yonhap
आसमानी ताकत
उत्तर कोरिया के पास अलग अलग तरह के लगभग 1000 विमान हैं जिनमें से ज्यादातर सोवियत संघ या चीन में बने हैं. इनमें हमलावर हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और ड्रोन भी शामिल हैं. किम जोंग उन के पास एसएएम और ट्रिपल ए सिस्टम जैसे कई एयर डिफेंस सिस्टम भी हैं.
तस्वीर: Reuters/Kcna
स्की रिजॉर्ट
किम जोंग उन के आदेश पर समुद्र तल से 1,360 मीटर की ऊंचाई पर मासिक नाम की जगह पर एक स्की रिजॉर्ट बनवाया गया है. यहां हजारों तादाद में सैलानी आते हैं. जाहिर है उन सभी पर उत्तर कोरिया की सेना सख्त निगरानी रखती है. यहां सैलानियों के लिए 120 कमरों वाला एक होटल है.
तस्वीर: picture-alliance/Kyodo/MAXPPP
खुफिया मोबाइल नेटवर्क
बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में एक खुफिया मोबाइल नेटवर्क है जो सिर्फ किम जोंग उन और उनके करीबी लोगों के लिए ही है. उत्तर कोरिया के कोरियोलिंक नेटवर्क के टेक्नीकल डायरेक्टर रहे अहमद अल-नोआमेनी के मुताबिक आम लोग इस नेटवर्क को इस्तेमाल नहीं कर सकते.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/KCNA via KNS
प्राइवेट द्वीप
देश के तटीय इलाके में एक गोपनीय द्वीप है. किम जोंग उन के मेहमान बन कर उत्तर कोरिया गये कई अमेरिका सेलिब्रिटीज को इसी द्वीप पर रखा गया था. बताया जाता है कि यहां पर मौज मस्ती का सब इंतजाम है और किम जोंग उन के लिए एक खास हेलीकॉप्टर फील्ड भी है.
तस्वीर: Tourism DPRK
गोल्फ कोर्स
जोंग उन के उत्तर कोरिया में कुछ बेहतरीन गोल्फ कोर्स हैं. सरकारी कर्मचारी इन्हें हमेशा चकाचक रखते हैं. गोल्फ के अलावा उत्तर कोरिया में फुटबॉल, बास्केटबॉल, आइस हॉकी और कुश्ती लोकप्रिय खेल हैं. ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया ने 16 स्वर्ण, 16 रजत और 24 कांस्य पदकों को मिलाकर कुल 56 मेडल जीते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Kyodo
सैन्य पोत
उत्तर कोरिया के नौसैनिक बेड़े में कई युद्धपोत, गश्ती नौकाएं और बड़े सैन्य शिप शामिल हैं. अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना उत्तर कोरिया की अहम प्राथमिकताओं में शामिल है. परमाणु हथियारों की तरफ बढ़ते उसके कदम अमेरिका समेत पूरी दुनिया के लिए चुनौती हैं.
तस्वीर: REUTERS/KCNA
लग्जरी कारें
बताया जाता है कि 2014 में किम जोंग उन ने जमकर खरीददारी की. लगभग 1.6 करोड़ डॉलर तो उन्होंने कारें खरीदने पर ही खर्च किये. इन कारों में मर्सडीज बेंज लिमोजीन और लग्जरी स्पोर्ट्स कारें शामिल थीं. यह सभी कारें उत्तर कोरिया पर लगाये संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में शामिल हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/E. Jones
पियानो के शौकीन
बताया जाता है कि किम जोंग उन के पास 20 से ज्यादा पियानो हैं जो उनके "साम्राज्य" में फैले अलग अलग घरों में रखे हैं. अफवाहें तो यहां हैं कि वह रोज पियानो बजाते हैं और अगर कोई गलती हो जाये तो दोष पियानो का है, किम का नहीं. (तस्वीर सांकेतिक है)
तस्वीर: AP
पनडुब्बियां
किम जोंग उन के पास सोवियत जमाने की कुछ पुरानी पनडुब्बियां हैं. सोवियत विस्की पनडुब्बियों के अलावा उत्तर कोरिया के पास दर्जनों चीनी रोमियो पनडुब्बियां भी हैं. कुछ पनडुब्बियां उत्तर कोरिया की सेना ने खुद भी तैयार की हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Sinmun
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योंग कहते हैं कि इस किलेबंदी पर बड़ी लागत आई होगी जबकि इन संसाधनों को खाद्य सामग्री और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों पर खर्च होना चाहिए ताकि नागरिकों का जीवन स्तर सुधर सके.
वो कहते हैं, "जो भी लागत आई हो, लेकिन यह धन लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने पर खर्च होना चाहिए था जो कि खाद्य पदार्थों की कमी के कारण अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं. और सरकार का यह दावा करना कि सीमा को मजबूत कर दिया गया है, महज एक झूठ है. दरअसल, यह अपने नागरिकों को ही और ज्यादा नियंत्रित करने का एक उपाय है.”