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समाज

अमेरिका में भूख से बेहाल लोग ले रहे फूड बैंकों का सहारा

२० अप्रैल २०२०

अमेरिका में लोग भूखे हैं, बेरोजगार हैं. ऐसे में उनका सहारा फूड बैंक बन रहे हैं जहां लोगों को अपना पेट भरने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. महामारी के कारण देश में 2.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो चुके हैं.

USA Texas Coronavirus Food Bank
तस्वीर: Imago Images/Zuma Wire/B. Daemmrich

कोरोना वायरस महामारी का सबसे ज्यादा दंश झेल रहे अमेरिका में परिवार अब भोजन के संकट से जूझ रहे हैं. उन्हें अपना पेट भरने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. लोग घंटों कतारों में लगे रहते हैं ताकि उन्हें भोजन मिल सके. जहां तक नजर जा सकती है वहां तक कारों की कतारें लगी हुई हैं और लोग दान लेने के लिए खड़े हैं. तालाबंदी और सख्त पाबंदियों के कारण एक के बाद एक कारोबार बंद होने से 2.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए और वे खाने-पीने के लिए दान दाताओं पर निर्भर हो गए हैं. दान दाताओं को भय है कि एक दिन ऐसा आएगा कि मांगों की सुनामी को वह पूरा नहीं कर पाएंगे.

उदाहरण के लिए पेंसिल्वेनिया के ग्रेटर पिट्सबर्ग कम्युनिटी फूड बैंक द्वारा स्थापित एक वितरण केंद्र में 1,000 कारें कतार में खड़ी हो गईं. वितरण केंद्र में भोजन के पैकेट की मांग मार्च महीने में 40 फीसदी तक बढ़ गई. इस तरह के आठ वितरण केंद्रों में करीब 227 टन भोजन पैकेट बांटे जा रहे हैं, क्योंकि परिवार भोजन का इंतजाम करने में नाकाम है. संगठन के उपाध्यक्ष ब्रायन गुलिश कहते हैं, "बहुत से लोग पहली बार हमारी सेवा ले रहे हैं. उन्होंने पहले कभी भी फूड बैंक का रुख नहीं किया था." उन्होंने बताया कि दक्षिण पश्चिम पेंसिल्वेनिया में 350 फूड बैंक हैं और इनके बारे में लोगों को पता नहीं है इसलिए लोग एक ही केंद्र पर आ जाते हैं. गुलिश कहते हैं, "इसलिए ये कतारें इतनी लंबी हैं क्योंकि लोगों को मालूम ही नहीं है कि हमारा नेटवर्क इतना बड़ा है." न्यू ऑरलीन्स से लेकर डेट्रोइट तक पूरे अमेरिका में लोग अचानक से बेरोजगार हो गए हैं और वे फूड बैंकों की तरफ रुख कर रहे हैं.

 

शायद कुछ अमेरिकी नागरिकों के नए खाद्य असुरक्षा की सबसे दुखद तस्वीर टेक्सास के सैन एंटोनियो में 9 अप्रैल को सामने आई, जहां एक फूड बैंक के बाहर 10,000 कारें दिखाई दीं. कुछ परिवार रात में ही आकर इंतजार में बैठ गए थे. बॉस्टन के चेल्सी में खाद्य वितरण केंद्र के बाहर खड़ी एक महिला ने कहा, "हमारे पास महीनों से काम नहीं है." वह अपना नाम सिर्फ एलाना बताती है. अलाना कहती है, "मैंने एक दिन पहले एक महिला को देखा था उसके पास 15 दिन का बच्चा था, एक नवजात. उसका पति काम नहीं कर रहा है. उसके दो और बच्चे हैं. उसके घर में भोजन नहीं है."

लॉकडाउन की वजह से रेस्तरां बंद हैं. लोग सुपर मार्केट से हर चीज उठाकर घर में जमा कर ले रहे हैं. कुछ बड़े कारोबारी फूड बैंकों की नकद मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं. फीडिंग अमेरिका को अनजाने लोगों से लेकर कारोबारी जेफ बेजो तक मदद कर रहे हैं. गुलिश कहते हैं, "अभी सप्लाई अच्छी है लेकिन अब से एक महीने बाद क्या होगा हमें नहीं पता है."

एए/सीके (एएफपी)

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