पर्यावरण को बर्बाद करती लाल सुनहरे मूंगे की हवस
३ मार्च २०२३ट्युनीशिया के छोटे से बंदरगाह शहर टबारका में 20 साल से दुकान चला रहे मुराद अरफौई और उनका परिवार, बेशकीमती मूंगों को गहनों मे बदलता है. वो कहते हैं, "सब खिंचे चले आते हैं. मेरे बेटे तो पैदा भी इसी स्टोर में हुए."
लेकिन उन्हें शक है कि आगे उनके बेटों के लिए ये कारोबार बचा रहेगा. मूंगों की सप्लाई में किल्लत आने लगी है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इटली के सार्डिनिया द्वीप से करीब 200 किमी दूर उत्तरी अफ्रीकी शहर टबारका के 10 में से 9 कोरल ज्वेलरी स्टोर बंद हो चुके हैं. गोताखोरों का भेजा माल अक्सर बहुत ऊंची कीमत पर मिलता है. मुराद अरफौई कहते हैं, "एक दिन ऐसा आएगा कि यहां एक भी मूंगा नहीं बचेगा. सारे के सारे बस गायब हो जाएंगे."
नष्ट होता समुद्री पर्यावरण
बेशकीमती लाल मूंगे मुख्यतः लाल सागर और भूमध्य सागर में पाए जाने वाले साधारण जीव हैं. वे रोशनी से परहेज करते हैं और पानी की सतह से सैकड़ों फुट नीचे रहना पसंद करते हैं. स्थानीय लोग उन्हें भूमध्य सागर के लाल पेड़ कहते हैं क्योंकि वे ईकोसिस्टम को बहाल रखते हैं. उनकी खूबसूरती ही उनके लिए मुसीबत बन गई है. गहनों में लगाने के लिए उनकी भारी मांग है लेकिन इसकी बड़ी कीमत धरती को चुकानी पड़ती है.
दशकों से लोग, उन्हें बड़ी नावों से जाल डालकर खींच ले आते थे और इस तरह मूंगे के द्वीपों यानी रीफ का सफाया भी कर देते थे. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने मूंगो को खतरे में पड़ी प्रजातियों की लाल सूची में रखा है. उनका बड़े पैमाने पर दोहन ही नहीं हो रहा- जलवायु परिवर्तन की मार भी उन पर पड़ी है. महासागर इतनी तेजी से तपने लगे हैं कि दुनिया के तमाम मूंगे आने वाले दशकों में पूरी तरह खत्म हो जाएंगे. रही सही कसर गहनों में उनकी मांग के चलते अपार दोहन से पूरी हो जाती है.
1980 के दशक से, कई देशों ने मूंगों के लिए ट्रॉलर उतारने पर रोक लगा दी है. 2019 में जनरल फिशरीज कमीशन फॉर द मेडिटरेनियन (जीएफसीएम) ने उनकी हिफाजत के लिए और नियम बना दिए थे. गोताखोर सिर्फ 50 मीटर (164 फुट) से ज्यादा की गहराई में ही उन्हें जमा करने के लिए उतर सकते हैं और सरकारों को ये सुनिश्चित करना होगा कि निकाले गए मूंगों की मूल जगह की शिनाख्त की जा सके. ट्यूनीशिया में सिर्फ कुछ दर्जन लाइसेंसधारी गोताखोरों को ही मूंगे निकालने की इजाजत है.
'खाली कर दिया समंदर'
लेकिन टबारका के कारोबारी, बंद दरवाजों में फलती-फूलती कालाबाजारी की शिकायत करते हैं. नियम लागू करना मुश्किल है और ऊंची कीमतें संगठित अपराध को बढ़ावा देती है. यूरोपीय संघ के कराए एक अध्ययन में पाया गया कि हर साल करोड़ों की कीमत वाले मूंगों की भूमध्य क्षेत्र से तस्करी की जाती है. इसमें उत्तर अफ्रीका और दक्षिणी इटली सबसे महत्वपूर्ण ठिकाने बन गए हैं.
अल्जीरिया में मूंगों को "रेड बुल्स ब्लड" कहा जाता है. वहां उन्हें निकालने के नियम काफी सख्त हैं लेकिन एक छाया उद्योग पनप गया है. जानकारों के मुताबिक हर साल वहां से करीब तीन टन मूंगों की तस्करी होती है. टबारका में एक पूर्व कोरल गोताखोर, सलाह बजोई का कहना है कि इस गैरकानूनी गतिविधि ने समंदर के कुछ हिस्सों में मूंगे करीब करीब बचे ही नहीं. "ब्लैक मार्केट फिशिंग बड़े पैमाने पर होती है और उसकी वजह से हमारे सामने बड़ी समस्याएं खड़ी हो गई हैं."
पुलिस ने ऐसे वाहन जब्त किए हैं जिनमें आनंदवर्धक गोलियों के साथ बेशकीमती मूंगों को छिपाकर रखा गया था. ये माल आमतौर पर पूरी दुनिया में ट्यूनीशिया के रास्ते निकलता है. वहां उनका मूल स्थान चेक कर पाना कतई नामुमकिन है.
बजौई कहते हैं, "कोरल का मामला तो करीब करीब कोकीन जैसा हो गया है. कुछ ही समय पहले, उन्होंने नाव के साथ इटली के एक शख्स को पकड़ा था जो गैरकानूनी ढंग से मूंगे ले गया था. सभी जानते हैं यहां तस्करी चल रही है."
'एक किस्म की लड़ाई'
इतालवी शहर नेपल्स से कुछ दूर एक छोटे से कस्बे टोरे डेल ग्रेको को मूंगा कारोबारी की अनाधिकृत राजधानी माना जाता है. खानदानी पेशे वाली कई कंपनियां मूंगों से गहने बनाकर उन्हें गुची और बुल्गारी जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांडो को सप्लाई करती हैं. बिजनेस समुदाय को कच्चे माल की बढ़ती कीमतें प्रभावित नहीं करती.
टोरे डेल ग्रेको में कुछ लोग फलते-फूलते ब्लैक मार्केट के बारे में बात करना चाहते हैं. खुलकर बात करने को तैयार ऐसे ही एक मूंगा डीलर हैं मिको कैटाल्डो. वो कहते हैं: "हम लोग हर रोज गैरकानूनी डीलरों की समस्या से जूझते हैं."
और व्यापारियों की तरह, कैटाल्डो ने भी मूंगा व्यापार की बदहवास दौड़ में जम कर मुनाफा कमाया. मांग में तेजी सिर्फ गहनों के लिए नहीं. कुछ एशियाई देशों में बेशकीमती मूंगे सुंदरता बढ़ाने और सेहत की बेहतरी में कारगर माने जाते हैं.
अपराधियों ने कैटाल्डोको उनके स्टोर में जाकर धमकी तक दे डाली क्योंकि उन्होंने अपना मुंह खोला था. वो कहते हैं, "हम तो यहां एक किस्म का युद्ध ही लड़ रहे हैं."
समुद्री वन्यजीवन की हिफाजत के लिए इटली ने एक राष्ट्रीय योजना तैयार की है. लेकिन कैटाल्डो के मुताबिक तस्कर अपना माल स्पेन और फ्रांस के रास्ते ले जा रहे हैं.
ट्यूनीशिया के कारीगर अरफौई का मानना है कि गैरकानूनी व्यापार लालच से पनपता है. "बेशकीमती मूंगों पर खतरा है- दूसरी और नस्लों की तरह- क्योंकि हम उन्हें पनपने का वक्त तो दे ही नहीं रहे. हम लोगों को न तो सब्र है और ना ही समंदर की इस दौलत की कद्र."
रिपोर्ट: यान-फिलिप शॉल्त्स