जर्मन पुलिस ने ध्वस्त किया डार्कनेट का रूसी किला
६ अप्रैल २०२२2015 से चल रहे इस ऑनलाइन बाजार में अवैध नशीली दवाइयों के अलावा, फर्जी करेंसी, नकली पहचान साबित करने वाले दस्तावेज और आम लोगों से चोरी किए क्रेडिट कार्ड की जानकारी तक बेची जाती रही. टोर जैसी साइट का इस्तेमाल करने वाले अकसर नकली पहचान खरीदते हैं. केवल इसी साइट पर 1.7 करोड़ से अधिक ग्राहकों के खाते थे और 19,000 से भी अधिक विक्रेताओं के खाते.
इसकी जानकारी देते हुए जर्मनी की संघीय पुलिस बीकेए ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई में करीब 2.3 करोड़ यूरो (2.5 करोड़ डॉलर) के मूल्य वाले बिटकॉइन भी जब्त किए. एक बयान जारी करते हुए बीकेए ने बताया, "हाइड्रा मार्केट शायद दुनिया में सबसे बड़े टर्नओवर वाला अवैध बाजार था." पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, केवल 2020 में ही हाइड्रा ने 1.23 अरब यूरो की बिक्री की थी.
अब मामले की गहराई से पड़ताल की जा रही है. जांचकर्ताओं ने जर्मनी में हाइड्रा के सर्वर का नियंत्रण अपने हाथों में ले कर ऑनलाइन साइट को बंद कर दिया है. इसे चलाने वालों पर "इंटरनेट पर आपराधिक कारोबार" करने का मुकदमा चलेगा. फिलहाल जांचकर्ताओं को यह जानकारी नहीं है कि हाइड्रा के सर्वर क्या किसी और देश में भी हैं. फ्रैंकफर्ट स्थित इंटरनेट अपराधों के मुख्य कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि जर्मनी में ही उनका सबसे अहम ठिकाना था.
इस अवैध बाजार को लेकर जांच अगस्त 2021 से ही शुरु हो गई थी. बीकेए ने बताया कि इसमें कई अमेरिकी एजेंसियों की भी मदद ली गई. इस साइट पर बिकने वाले "बिटकॉइन बैंक मिक्सर” को डिकोड करने में पुलिस को सबसे ज्यादा चुनौती पेश आई. इस सर्विस में लोगों को डिजिटल खरीद फरोख्त छुपाने की सुविधा बेची जाती थी.
यह खबर सामने आने के बाद अमेरिकी ट्रेजरी ने हाइड्रा के अलावा गैरेंटेक्स नामकी एक साइट पर प्रतिबंध लगा दिया. गैरेंटेक्स वर्चुअल मुद्राओं के एक एक्सचेंज के तौर पर काम करती थी. ट्रेजरी ने अपने कदम की जानकारी देते हुए बताया कि इस साइट पर रैनसमवेयर की राशि इकट्ठी की जाती थी.
रैनसमवेयर एक तरह का साइबर हमला है. हैक की गई साइट या खातों का एक्सेस यूजर को वापस करने के लिए हमलावर यानि हैकर उससे फिरौती की मांग करता है. एस्टोनिया आधारित कंपनी गैरेंटेक्स अपना कामकाज मॉस्को के एक फेडरल टावर से चलाया करती है. ऐसे दो और एक्सचेंजों पर पहले ही अमेरिका रोक लगा चुका था, जिनका नाम स्वेक्स और चार्टेक्स था.
हाइड्रा की तरह कई वेबसाइटें डार्कनेट में सक्रिय हैं. "डार्कनेट" की इन साइटों को केवल किसी खास सॉफ्टवेयर या ऑथराजेशन की मदद से ही खोला जा सकता है. इसके बदले में यूजर्स को अपनी पहचान गुप्त रखने की सुविधा मिलती है और इस तरह उनकी अवैध कारस्तानियां भी कानून के रखवालों के रडार में नहीं पकड़ी जातीं. बीते सालों में ऐसी डार्कनेट साइटों पर दुनिया भर में दबाव बढ़ा है और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां मिलकर गैरकानूनी साइटों के खिलाफ जांच अभियान चला रही हैं.
इस समय डार्कनेट के बाजार के सबसे बड़े खरीदार और विक्रेता जिन चार देशों से आते हैं, वे हैं - अमेरिका, रूस, यूक्रेन और चीन. इसका खुलासा 2021 की एक रिपोर्ट में हुआ जिसे ब्लॉकचेन फोरेंसिक कंपनी चेनैलिसिस ने तैयार किया था. कंपनी ने 2020 की खरीद फरोख्त का हिसाब किया तो तीन-चौथाई बिक्री में केवल इन चार देशों का हाथ था. अमेरिकी ट्रेजरी ने बताया है कि 2020 में हाइड्रा का सालाना रेवेन्यू 1.3 अरब से भी ऊपर रहा. पूर्वी यूरोप के देशों में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों का जाल गहरा गया है.
जर्मन पुलिस ने 2021 में डार्कमार्केट नाम के डार्कनेट बाजार का पर्दाफाश किया था. उसके करीब 500,000 यूजर थे और दुनिया भर में 2,400 वेंडर फैले हुए थे. वह मार्केटप्लेस खुद को "हर तरह के ड्रग्स" और "नकली मुद्रा, चोरी के और नकली क्रेडिट कार्ड के डाटा, एनोनिमस सिम कार्डों, मालवेयर और भी बहुत कुछ" का बाजार बताता था.
आरपी/एनआर (एपी, एएफपी, डीपीए)