मुंबई पुलिस ने ट्विटर पर विराट कोहली की 10 महीने की बच्ची का बलात्कार करने की धमकी देने वाले को खोज निकाला है. युवक ने आईआटी से पढ़ाई की है और हैदराबाद में रहता है.
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मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि गिरफ्तार किए गए 23 साल के इस युवक का नाम है रामनगेश अकुबातिनी. वो हाल तक एक फूड डिलीवरी ऐप के लिए काम करता था और अब बेरोजगार है. उसने ट्विट्टर पर नकली नाम से वो अकाउंट बनाया था जिससे उसने बलात्कार की धमकी दी थी.
मामला 24 अक्टूबर का है जब दुबई में हो रहे टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट एक मैच में भारतीय टीम पाकिस्तान की टीम से हार गई. हार के बाद कई लोगों ने भारतीय टीम की आलोचना की. टीम में शामिल एकलौते मुस्लिम खिलाड़ी मोहम्मद शमी के खिलाफ विशेष रूप से उनके धर्म को निशाना बनाते हुए नफरत भरी टिप्पणी की गई.
नकली नाम का खाता
शमी के बचाव में जब टीम के कप्तान विराट कोहली ने बयान दिया तो फिर उन्हें इस नफरत का निशाना बनाया गया. इसी क्रम में @criccrazygirl नाम के एक खाते से कोहली की 10 महीने की बेटी के बलात्कार की धमकी दी गई. कोहली के मैनेजर ने इस ट्वीट के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने हैदराबाद से रामनगेश अकुबातिनी को खोज निकाला.
डिप्टी कमिश्नर रश्मी करंदीकर ने पत्रकारों को बताया कि उससे मुंबई में पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने ऐसी टिप्पणी क्यों की. मुंबई साइबर पुलिस के एक और अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि आरोपी इंटरनेट पर अपनी पहचान को छुपाने के लिए कई नकली नामों का इस्तेमाल करता था.
बढ़ते साइबर अपराध
इससे पहले फेक न्यूज के मामलों की पड़ताल करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने दावा किया था कि उसकी पड़ताल में सामने आया है कि यह ट्विटर हैंडल पाकिस्तानी हैंडल होने का दावा करता है लेकिन असल में इसे चलाने वाला व्यक्ति भारतीय है और हैदराबाद में रहता है. ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने एक ट्वीट में यह भी बताया कि यह व्यक्ति दक्षिणपंथी विचारों वाले ट्वीट्स को रीट्वीट करता है.
नकली नामों से सोशल मीडिया पर खाते बना कर लोगों को गालियां देना, डराना और धमकाना एक बड़ी समस्या बन गई है. विशेष रूप से महिलाओं को इस तरह के आपराधिक व्यवहार का बहुत सामना करना पड़ता है. इससे पहले भी कई महिला राजनेता, पत्रकार और सेलिब्रिटी इस तरह के व्यवहार की शिकायत कर चुकी हैं.
इन देशों में कानून के सहारे सजा से बच जाते हैं रेपिस्ट
यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में भी कई ऐसे देश हैं जहां बलात्कारी अगर पीड़िता से शादी कर लें तो वे सजा से बच सकते हैं. इस कानून के आलोचक इसे "मैरी योर रेपिस्ट" कानून कहते हैं. डालते हैं एक नजर ऐसे कुछ देशों पर.
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रूस
रूस की दंड संहिता के अनुच्छेद 134 के अनुसार अगर बलात्कार के दोषी सिद्ध हुए पुरुष की उम्र 18 वर्ष है और पीड़िता की उम्र 16 वर्ष से कम, तो वह पीड़िता से शादी करने पर बलात्कार की सजा से मुक्त हो सकता है. हालांकि कानून ऐसा विकल्प केवल पहली बार अपराध करने वालों को देता है.
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थाईलैंड
थाईलैंड में शादी बलात्कार के लिए एक समझौता माना जाता है. अगर अपराधी 18 वर्ष से ज्यादा उम्र का है और पीड़िता 15 वर्ष से ऊपर है और उसने सेक्स संबंध के लिए "सहमति" दी थी या अदालत विवाह की अनुमति देती है तो भी बलात्कारी सजा से बच सकता है.
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वेनेजुएला
वेनेजुएला के पीनल कोड में अगर बलात्कारी पीड़िता से कानूनी रूप से शादी कर ले तो वह बलात्कार की सजा से बच सकता है. सामाजिक कार्यकर्ता इसके खिलाफ कहते रहे हैं कि इस कानून से महिलाओं के खिलाफ बलात्कार जैसे अपराध को अंजाम देने को बढ़ावा मिलता है.
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कुवैत
कुवैत की दंड संहिता के अनुच्छेद 182 में भी बलात्कार के दोषियों के लिए सजा से बचने का प्रावधान है, अगर वह उस महिला से शादी कर ले जिसका उसने बलात्कार किया था. इस कानून को 1960 में लागू किया गया था.
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फिलीपींस
सन 1997 में फिलीपींस में रिपब्लिक एक्ट या एंटी रेप लॉ लागू किया गया था. इस कानून के अनुच्छेद 266-D के अनुसार अगर रेपिस्ट पीड़िता से कानूनी तौर पर शादी कर लेता है तो सजा माफ हो सकती है.
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इराक
इराक की दंड संहिता के अनुच्छेद 398 के अनुसार अगर बलात्कारी पीड़ित से कानूनी रूप से शादी कर लेता है, तो वह बलात्कार की सजा से बच सकता है. यह कानून 1969 में लागू किया गया था. मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे निरस्त करने की मांग करते रहे हैं.
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बहरीन
बहरीन की दंड संहिता के अनुच्छेद 353 के तहत बलात्कारियों को सजा से छूट मिल सकती है अगर वे पीड़िता से शादी कर लें. इस कानून को 1976 में लागू किया गया था. हालांकि संसद ने 2016 को इसे समाप्त करने के लिए मतदान किया, लेकिन सरकार अभी भी इसका विरोध कर रही है.