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२० फ़रवरी २०१८
ग्लोबल वार्मिंग से संकट में पड़े सर्द इलाकों के जीव
भयानक सर्दियों में लंबे सफेद बालों के आवरण के सहारे जिंदा रहने वाले जीव ग्लोबल वार्मिंग के कारण संकट में आ गए हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि क्रमिक विकास के जरिए वो इन इलाकों में रहने के लिए खुद को ढाल लेंगे.
ग्लोबल वार्मिंग से संकट में पड़े सर्द इलाकों के जीव
भयानक सर्दियों में लंबे सफेद बालों के आवरण के सहारे जिंदा रहने वाले जीव ग्लोबल वार्मिंग के कारण संकट में आ गए हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि क्रमिक विकास के जरिए वो इन इलाकों में रहने के लिए खुद को ढाल लेंगे.
उत्तर का चरम
बहुत से जीवों के लिए अस्तित्व बचाने का एकमात्र जरिया है छद्मावरण, लेकिन आप तब क्या करेंगे जब आपका आवास मौसम बदलने के साथ नाटकीय रूप से बदल जाए? ऊंचे पहाड़ों से लेकर उत्तर आर्कटिक के जीवों में यह मौसमी आवरण ही उनका अस्तित्व बचाए रखता है.
छोटे बड़े जीव
दुनिया भर में ऐसे 21 जीव हैं जो गर्मियों के भूरे रंग से सर्दियों के बर्फीले सफेद रंग में बदल जाते हैं. इनमें साइबेरियन लेमिंग से लेकर पीयरे कारिबू तक शामिल हैं. सर्दियों में जब इनके आसपास का इलाका बर्फ में ढंक जाता है तो इनके रंग बदल जाते हैं और रोएं बढ़ कर एक कोट जैसा आवरण तैयार कर देते हैं.
जरूरत से ज्यादा आवरण
हालांकि अत्यधिक मौसमी बदलाव वाले आवास जलवायु परिवर्तन के लिहाज से सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. सर्दियां देर से आ रही हैं, और बर्फ जल्दी पिघल जा रही है. ऐसे में इस स्नोशू खरगोश जैसे जीव मौसम के हिसाब से गलत रूप में दिखते हैं.
गर्म होती दुनिया
साइंस जर्नल में प्रकाशित एक नया अध्ययन बताता है कि तस्वीर में दिख रहा स्नोशू खरगोश मुसीबत में है. आबादी घट रही है क्योंकि सर्दियों वाले सफेद बाल के साथ उन्हें बिना बर्फ वाली जमीन पर दूर से ही देखा जा सकता है और शिकारी उन्हें आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं.
हर तरफ संकट
जीवविज्ञानी एल स्कॉट मिल्स और उनकी टीम अपने रिसर्च में दूसरे जीवों को भी शामिल करने वाली है लेकिन प्टारमिगान जैसे जीव भी जोखिम में है. यूरेशियाई आर्कटिक और सबआर्कटिक के साथ ही पाइरेनीस से लेकर जापान तक के ऊंचे पहाड़ों में इनके आवास बहुत तेजी से बदल रहे हैं.
शिकार शिकारी दोनों पर संकट
शिकारी भी संकट में है. आर्कटिक लोमड़ी अपना रंग बदल कर छिपते हुए शिकार के सामने जाती है लेकिन वह सबसे बड़ी शिकारी नहीं है. बाज लोमड़ी का मीट खाते हैं और चमकते सफेद वालों वाली लोमड़ी उन्हें दूर आसमान से ही दिख जाती है और वो झपट्टा मार कर उन्हें ले उड़ते हैं.
क्रमिक विकास से बचाव
हालांकि एक उम्मीद भी है. शिकारी और शिकार की नजरों से बचने के लिए आवरण बदलने वाला नेवला केवल बेहद ऊंचे पहाड़ों या फिर सुदूर उत्तरी इलाकों में ही ऐसा कर पाता है.
हर मौसम में एक जैसा रंग
दक्षिण यूरोप या फिर दूसरे गर्म इलाकों में रहने वाले नेवले पूरे साल भूरे रंग के ही दिखते हैं. यह फर्क उनके जीनों तक आ गया है और यही उम्मीद की वजह है क्योंकि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि क्रमिक विकास उनके लिए फायदेमंद होगा.
बचने के लिए परिवार
ऐसे इलाकों में जहां दो जीन संरचना एक दूसरे के पार जा रही है वहां वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि संकरण के जरिए जीव गर्म वातावरण के अनुकूलित हो सकेंगे. हालांकि इसके साथ ही वे यह चेतावनी भी देते हैं कि केवल "क्रमिक विकास के जरिए बचाव" ही उनके अस्तित्व के लिए काफी नहीं है. असल उपाय तो हर हाल में जलवायु परिवर्तन को धीमा करना ही है. change.
कार्बन की कटौती
रिसर्च में शामिल यूजेनिया ब्रैगिना का कहना है कि आखिरकार दुनिया को कार्बन डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन को ही घटाना होगा नहीं तो जलवायु का प्रभाव कई जीवों के अनुकूलन पर भारी पड़ जाएगा.