जर्मनी के जंगलों में अवैध हथियारों के साथ घूमते शिकारी
७ फ़रवरी २०२२जनवरी के आखिर में पेंशनर विली हाइम्स अपने हिरणों को चारा दे रहे थे. तभी उनकी नजर एक खूनी लकीर पर पड़ी. थोड़ी देर बाद इलाके में हाइकिंग कर रहे कुछ लोगों ने हाइम्स को बताया कि उनके बाड़े के पास एक पशु के अवशेष बिखरे हैं.
विली हाइम्स वहां पहुंचे तो उन्हें एक मरी हुई हिरणी मिली. डीडब्ल्यू से बात करते हुए उन्होंने कहा, "पिछले हिस्से में गोली मारी गई थी, उसे बेरहमी से बाड़े से खींचा गया था. खाए जाने वाले शरीर के भीतरी हिस्से गायब थे." हाइम्स कहते हैं कि वह अब भी सदमे में हैं. जर्मनी के पांचवें बड़े शहर कोलोन से कुछ दूरी पर वह बीते 40 साल लाल हिरण पाल रहे हैं. फिलहाल उनके पास 38 पशु हैं.
हाइम्स के मुताबिक जंगलों में शिकार करने वाले किस्से तो उन्होंने कई सुने हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ने उनके डियर फॉर्म पर घात लगाई हो. हाइम्स समझ नहीं पा रहे हैं कि, "कोई ऐसा क्यों करेगा? पैसा कमाने के लिए? वो भी बहुत ही कम मांस से?"
हाइम्स को उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही शिकारी को पकड़ लेगी. फार्म के बाड़े के पास लगे सर्विलांस कैमरे में एक संदिग्ध का वीडियो रिकॉर्ड हुआ है. हाइम्स कहते हैं, "मुझे घाटे की फिक्र नहीं है. मेरी चिंता तो ये है कि यहां कोई हथियार के साथ घूम रहा है."
पांच साल तक की जेल की सजा
जर्मन राज्य राइनलैंड पलैटिनेट में पिछले हफ्ते दो पुलिस अधिकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. युवा महिला और पुरुष पुलिस अधिकारी एक देहाती इलाके में रात को ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे थे. शक है कि वाहनों की जांच के दौरान गैरकानूनी मांस को छुपाने के लिए संदिग्ध शिकारी ने पुलिस पर हमला किया. पुलिस को एक संदिग्ध के घर से शिकार कर मारे गए पशुओं का सैकड़ों किलोग्राम मांस भी मिला है.
जर्मनी में पुलिसकर्मियों को गोली मारने की घटना में दो संदिग्ध पकड़े गए
जर्मनी में हर साल पुलिस शिकार से जुड़े एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज करती है. देश में आम तौर पर ज्यादातर शिकारी प्रशासन से परमिट लेकर शिकार करते हैं. अनुमति लेकर शिकार करने वाले हर साल 10 लाख से ज्यादा हिरण और करीब 9 लाख जंगली सूअर मारते हैं.
लेकिन पुलिस अधिकारियों की हत्या के बाद अब अवैध शिकार से जुड़ी कई परतें खुल रही हैं. कई शिकारियों को लगता है कि गैरकानूनी शिकार के मामले में पुलिस में दर्ज होने वाले केसों से कहीं ज्यादा हैं. जर्मन हंटिंग एसोसिएशन के प्रवक्ता टॉर्स्टन राइनवाल्ड के मुताबिक किशोर जंगल में कुछ जबरदस्त करने की सोचते हैं, "वे फंदे लगाते हैं, खरगोश पकड़ते है या फिर धनुष बाण से हिरण को निशाना बनाते हैं. बाद में हमें बाण के कारण मारे गए वन्य जीव मिलते हैं. यह भी शिकार ही है."
कोई वन्यजीव अगर सड़क पर किसी गाड़ी की टक्कर से मारा जाए और ड्राइवर मरे हुए जानवर को लेकर भाग जाए तो जर्मनी में इसे भी गैरकानूनी शिकार माना जाता है. जर्मनी में हिरणों के साथ हुई सड़क दुर्घटना के ढाई लाख मामले आते हैं. ज्यादातर मामले अवैध शिकार के होते हैं.
जर्मनी में किसी भी तरह से अवैध शिकार करना अपराध है. लेकिन ज्यादातर मामलों में दोषी जेल नहीं जाते हैं. बहुत ही गंभीर मामलों में ही पांच साल जेल की सजा होती है.
दुर्लभ प्रजातियां खतरे में
गैरकानूनी शिकार के कारण जर्मनी में वन्य जीवों की कुछ दुर्लभ प्रजातियां खतरे में हैं. इनमें भेड़िए, लक्स (बड़ी जंगली बिल्ली) और ऊदबिलाव शामिल हैं. वन्य जीव संरक्षण पर काम करने वाली संस्या WWF के मुताबिक जर्मनी में हर साल मारे जाने वाले भेड़ियों में से 10 फीसदी गैरकानूनी रूप से मारे जाते हैं.
जर्मन हटिंग एसोसिएशन के राइनवाल्ड भी चाहते हैं कि प्रशासन ऐसे शिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करे, "निश्चित रूप से यह एक मुद्दा है, जिसे हमें गंभीरता से लेना होगा क्योंकि इसमें हमेशा हथियार भी शामिल रहते हैं."
2020 में भी जर्मनी के आइफेल इलाके में अवैध शिकार कर भाग रहे एक शख्स का पीछा करने की घटना सामने आईं. शिकारी के पिकअप ट्रक पर हिरण लदा हुआ था. 61 साल के योखेन ले ने अपनी जमीन में घुसे उस पिकअप का पीछा किया लेकिन कुछ किलोमीटर के बाद शिकारी भागने में सफल रहा.
योखेन कहते हैं कि उन्होंने बीते 30 साल में ऐसा मामला पहली बार देखा, "वह अब भी खुला घूम रहा है. शिकारियों की मंडली उसे जानती है, लेकिन उसकी हरकतों के लिए अब तक किसी ने उसे नहीं पकड़ा है."
दो पुलिस अधिकारियों की हत्या के बाद ले को लगता है कि अवैध शिकार करने वालों पर अब दबाव बढ़ेगा. वह कहते हैं कि जंगलों में गैरकानूनी हथियारों के साथ घूमने वाला कोई भी व्यक्ति, इंसान के लिए भी खतरा है.