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बिहार की राजनीति के लिए कितना अहम है तेजप्रताप का प्रेम

मनीष कुमार
४ जून २०२५

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के प्रेम प्रकरण ने चुनावी साल में लालू के विरोधियों को एक मुद्दा दे दिया. तेजप्रताप के प्रेम प्रसंग का लालू यादव की राजनीति पर क्या असर होगा?

एक सभा को संबोधित करते तेजप्रताप यादव की फाइल तस्वीर
तेजप्रताप यादव के प्रेम प्रकरण को लेकर बिहार की राजनीति में काफी हंगामा हुआतस्वीर: Pappi Sharma/ANI Photo

कई दशक से बिहार की राजनीति लालू प्रसाद यादव के इर्द-गिर्द घूम रही है. चुनाव का मौसम हो या ना हो, उनके विरोधी जंगलराज, चारा घोटाला, जमीन के बदले नौकरी का जिक्र कर निशाना साधने से नहीं चूकते. हालांकि, लालू और उनका परिवार इसका जमकर जवाब भी देता है. हालांकि तेजप्रताप यादव के हालिया प्रेम प्रकरण से महिलाओं के सम्मान की बात पर चर्चा तेज हो गई है. तेजप्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच तलाक के मामले को लेकर परिवार पहले से ही कटघरे में है. दोनों के बीच तलाक का मामला अभी न्यायालय में है. गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन पति-पत्नी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए.

इस बीच इनकार के बावजूद अनुष्का यादव के साथ तेजप्रताप यादव के 12 साल से रिलेशनशिप में रहने का (कथित) इकरार तूल पकड़ता चला गया. विभिन्न मुद्राओं में दोनों की कई तस्वीरें सोशल मीडिया में तेजी से वायरल होने लगी. तेजप्रताप यादव ने अपने 12 साल पुराने प्यार वाले पोस्ट को झुठलाने की कोशिश की, किंतु नाकामयाब रहे. वहीं, परिवार के मुखिया लालू प्रसाद ने भी बिना देर किए निजी जिंदगी में नैतिक मूल्यों की अवहेलना तथा सामाजिक न्याय के सामूहिक संघर्ष के कमजोर होने का वास्ता देते हुए तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया. हालांकि, लालू यादव की बहू इसे ड्रामा करार देती हैं. उनका कहना है कि ये सब चुनाव की वजह से हो रहा है.

तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या के साथ उनके तलाक की खबरें हैंतस्वीर: Pappi Sharma/ANI Photo

डैमेज कंट्रोल में कितनी कामयाबी

लालू प्रसाद के बड़े बेटे को पार्टी और परिवार से निकाले जाने की घोषणा पर राजनीतिक समीक्षक अरुण कुमार चौधरी ने डीडब्ल्यू से कहा, ‘‘वाकई यह पार्टी और परिवार के मुखिया के तौर पर लालू प्रसाद यादव के लिए बड़ी मुश्किल घड़ी है. आखिर, तेजप्रताप ने क्या किसी आपराधिक वारदात को अंजाम दिया है. जवाब है नहीं तो साफ है उनका निष्कासन लालू प्रसाद द्वारा पार्टी को बड़े बेटे की कारस्तानी से पार्टी, खासकर तेजस्वी यादव को विरोधियों के प्रहार से बचाने की कोशिश भर है. सब जानते हैं कि वे उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं.''

निष्कासन के पीछे मंशा यह रही कि जिसे कोसना है, वह तेजप्रताप को कोसे, लालू या उनके परिवार को नहीं. फिर इस रास्ते वे परिवार समेत कानूनी पचड़े से भी दूर हो गए. पटना में वरिष्ठ पत्रकार शिवानी सिंह कहती हैं, ‘‘लालू प्रसाद चाहते तो तेजप्रताप के फेक पोस्ट पर कायम रहते हुए साइबर अपराध का मामला दर्ज करवा देते. फोटो की सचाई जब तक सामने आती, तब तक विधानसभा का चुनाव संपन्न हो गया होता. लेकिन, इस बार एनडीए की तैयारी और उसकी आक्रामकता को देखते हुए लालू कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे. मामला आखिर महिला सम्मान से जुड़ा जो है.'' वैसे, कुछ हद तक तो वे डैमेज कंट्रोल में सफल भी रहेंगे. उनके समर्थक तो यह कहेंगे ही कि जब बात नैतिकता और सामाजिक न्याय की आई तो आरजेडी प्रमुख ने अपने बेटे को भी नहीं बख्शा.

छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने लालू यादव की राजनीतिक विरासत संभाली है और कुछ लोगों का मानना है कि उन पर सवाल ना उठे इसलिए तेजप्रताप यादव को पार्टी से बाहर किया गयातस्वीर: Pappi Sharma/ANI Photo

कहीं छिटक ना जाए आधी आबादी

बिहार की राजनीति में महिलाओं की खासी दखल है. बीते वर्षों में उनका वोट प्रतिशत काफी बढ़ गया है. राज्य सरकार भी महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है. राजनीति और नौकरी में उन्हें आरक्षण दिया गया है. महिलाओं से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए महिला संवाद ऐप बनाया गया है. आशय यह कि बीजेपी, जेडीयू और सहयोगी दलों की ओर से इस वोट बैंक को जोड़े रहने की हरसंभव कोशिश जारी है. जबकि, आरजेडी की अगुवाई में विरोधी दलों का कुनबा महागठबंधन इस ताक में रहता है कि कैसे इस वोट बैंक में सेंध लगाई जाए.

बिहार में महिलाओं के साथ अन्याय या अपराध को लेकर वे मुखर भी होते हैं. चौधरी कहते हैं, ‘‘आगामी चुनाव में एक हद तक महागठबंधन इसे एक मुद्दा बना सकता था. किंतु, अब जब कभी आरजेडी महिलाओं के मुद्दे पर विरोध जताएगी, तब एनडीए तेजप्रताप और ऐश्वर्या का हिसाब मांगेगा. अनुष्का यादव की भी चर्चा होगी. अनुष्का के भाई और आरजेडी के पूर्व नेता आकाश यादव ने तो मीडिया के सामने आकर अपनी बहन और तेजप्रताप के संबंधों को कबूल भी कर लिया है.''

बिहार में अब नीतीश कुमार वंशवाद की बेल बढ़ाने की तैयारी में

तेजप्रताप यादव के हालिया प्रकरण के बाद उनकी पत्नी ऐश्वर्या ने भी लालू यादव से पूछा है कि अब आपको अचानक सामाजिक न्याय की याद कैसे आ गई. जब राबड़ी देवी ने मुझे पीटा तो आप कहां थे. मुझे क्यों पीटा गया. मेरा जीवन क्यों बर्बाद किया गया. पॉलिटिकल साइंस की छात्रा और पटना में महिला वोटर निधि तिवारी कहती हैं, ‘‘ऐश्वर्या अगर इसी तरह मुखर रही तो लालू परिवार को चुनाव प्रचार में महिलाओं के प्रति रवैये पर जवाब तो देना ही पड़ेगा. उन्हें यह तो बताना ही होगा कि अगर तेजप्रताप के साथ अनुष्का के 12 साल पुराने संबंध थे तो फिर ऐश्वर्या से 2018 में शादी क्यों हुई.'' जब लालू प्रसाद अपनी बहू के प्रति अन्याय को घर में नहीं रोक सके तो अन्य महिलाओं के लिए क्या ही कर सकेंगे.

तेजप्रताप को लालू यादव ने पार्टी और परिवार से बाहर कर दिया हैतस्वीर: Pappi Sharma/ANI Photo

राजनीति पर कितना असर

तेजप्रताप के कथित प्रेम प्रसंग के बाद घर और पार्टी से निष्कासन से विधानसभा चुनाव में किसको कितना फायदा या नुकसान यह अभी कहना कठिन है. किंतु, इस प्रकरण से लालू परिवार या पार्टी के समक्ष मुश्किलें तो खड़ी हो ही गई हैं. हालांकि तेजप्रताप के मामा साधु यादव का साफ मानना है कि उसे पार्टी से निकाले जाने का असर चुनाव पर नहीं पड़ेगा. पहले भी ऐसा होता रहा है. यह कोई नई बात नहीं है.

जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं, ‘‘बिहार की बेटी को सार्वजनिक रूप से जलील किया गया. उस समय लालू प्रसाद की आवाज क्यों खामोश थी. आज जब तेजप्रताप को पार्टी से निकाल दिया गया है तो विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव को विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन देना चाहिए कि उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाए. दरअसल, यह चेहरा बचाने की कवायद है, केवल आई वॉश है.''

नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक राजद नेता कहते हैं, ‘‘तेजप्रताप को लालू परिवार अलग नहीं कर सकता है. उनके तलाक वाले मामले में भी परिवार के कई लोग आरोपी हैं. फिर लैंड फॉर जॉब मामले में तेजप्रताप भी लपेटे में हैं. प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की तरह वे भी इस मामले में सरकारी गवाह बन गए तो काफी मुश्किल हो जाएगी. इसलिए कहीं कुछ होना जाना नहीं है. यह सब केवल ड्रामा है.'' सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि जब तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ेंगी तो लालू यादव का पुत्र मोह जरूर जागेगा. दूसरी तरफ तेजप्रताप आगे क्या करते हैं इससे भी बहुत कुछ तय होगा.

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