मोहम्मद रमजान ना तो सुन सकता है और ना ही बोल सकता है. उसका दिमाग भी बिल्कुल बच्चे जितना है. लेकिन उसे यह जरूर पता है कि साइमा उसकी बीवी है, जो उसे बहुत कम्र में दुल्हन के तौर पर दी गई थी.
विज्ञापन
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाला 36 वर्षीय रमजान मुस्कराता है और उंगलियों पर साइमा की उम्र गिनता है जब उन दोनों की शादी हुई थी. और 13 पर जाकर उसकी गिनती रुक जाती है. लेकिन साइमा के पिता वजीर अहमद का कहना है कि शादी के समय साइमा 13 की नहीं, बल्कि 14 साल की थी. लेकिन यह कोई आम शादी नहीं, बल्कि सौदेबाजी थी. ये सौदा साइमा के पिता ने किया था ताकि वह रमजान की बहन को अपनी दूसरी पत्नी बना सकें.
वजीर अहमद की पहली पत्नी यानी साइमा की मां से सिर्फ लड़कियां ही पैदा हुईं. वजीर खान को उम्मीद थी कि अगर वह दूसरी शादी कर लेगा तो बेटा पाने की उसकी मुराद पूरी हो सकती है.
देखिए शादी के कानून जो होश उड़ा देंगे
शादी के कानून जो होश उड़ा देंगे
दुनिया में शादी के लिए ऐसे ऐसे कानून हैं कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे. कहां...
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Rubio
सऊदी अरब
सऊदी अरब में कोई पुरुष पाकिस्तान, बांग्लादेश, चाड या म्यानमार की महिला से शादी नहीं कर सकता.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Stringer
अमेरिका
कॉलराडो, कैलिफॉर्निया, टेक्सस और मॉन्टाना में अगर कोई एक पार्टनर सेना में है तो उसकी गैरहाजरी में भी शादी हो सकती है. मतलब कोई एक भी मौजूद हो तो शादी हो जाएगी.
तस्वीर: Getty Images
जापान
यहां बड़ा भाई अपने छोटे भाई की गर्लफ्रेंड को शादी के लिए कानूनन प्रपोज कर सकता है.
तस्वीर: AP
फ्रांस
यहां आप मरने के बाद भी शादी कर सकते हैं. मतलब अगर कोई व्यक्ति मर चुका है और कोई आपसे शादी करना चाहता तो फ्रांस में इसकी इजाजत है.
तस्वीर: MIGUEL MEDINA/AFP/Getty Images
मोनाको
मोनाको में छिप-छिपाकर शादी नहीं की जा सकती. जब तक उसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं होगी, शादी वैध नहीं होगी.
ग्रीस
यूनान में भी शादी का ऐलान जरूरी है. लेकिन इसका तरीका अनोखा है. एक कागज पर दोनों का नाम लिखकर शहर प्रशासन के दरवाजे के दफ्तर पर चिपका दीजिए. 10 दिन तक यह चिपका रहे तो हो गई शादी.
तस्वीर: AP
इंग्लैंड ऐंड वेल्स
यहां शादी एक स्थायी इमारत में ही हो सकती है, वह भी किसी एक छत के नीचे. मतलब खुले आसमान के नीचे शादी नहीं की जा सकती.
तस्वीर: AFP/Getty Images/C. de Souza
7 तस्वीरें1 | 7
लेकिन सबील तब तक शादी नहीं कर सकती थी जब तक उसके भाई की देखभाल करने के लिए घर में उसकी बीवी ना आ जाए. वह बदले में दुल्हन बनने को तैयार हो गई थी. सबील का कहना है कि वह अपने भाई की खातिर ही अहमद वजीर से शादी करने को राजी हुई. उसका कहना है, "कोई भी मेरे भाई को अपनी बेटी देने को तैयार नहीं था.”
वजीर अहमद का कहना है, "हमने अपनी एक लड़की दी और उनके परिवार की एक लड़की ले ली. यह हमारा हक है.” पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में दूरदराज के इलाकों में इस तरह लड़की लेने और देने का चलन आम है. स्थानीय लोग इसे "वत्ता सत्ता" कहते हैं जिसका मतलब है लेना और देना. यहां तक कि कर्ज चुकाने के लिए भी लड़कियां दी जाती हैं. इसके अलावा, दहेज की रकम को परिवार में ही रखने के लिए लड़कियों की शादी चचेरे भाइयों से भी कर दी जाती है.
बहुत से लोगों का कहना है कि इस्लाम के मुताबिक किशोर अवस्था में पहुंचते ही बेटी की शादी कर देना हर पिता की जिम्मेदारी होती है. पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग के फैसल तंगवानी कहते हैं, "अगर जल्दी लड़कियों की शादी नहीं की जाती, तो हमारे समाज में माना जाता है कि माता पिता ने अपनी धार्मिक जिम्मेदारियां पूरी नहीं की हैं.”
रुक नहीं रही हैं कम उम्र में शादियां
नहीं रुक रहीं कम उम्र में शादियां
ह्यूमन राइट्स वॉच ने मांग की है कि बांग्लादेश शादी की उम्र घटाने के प्रस्तावित विधेयक को रद्द कर दे. दक्षिण एशियाई देशों में कम उम्र में शादी का चलन आम है और ये मामले सबसे ज्यादा बांग्लादेश में हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP
शादी की उम्र कम करना
जून 2015 में जारी एक रिपोर्ट में ह्यूमन राइट्स वॉच ने बांग्लादेशी अधिकारियों से गुहार लगाई है कि वे बाल विवाह को रोकने की कोशिशें बढ़ाएं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने बांग्लादेश में प्रस्तावित विधेयक की आलोचना की है जिसमें शादी की कानूनी उम्र 18 से घटाकर 16 साल करने का प्रस्ताव है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Str
15वें जन्मदिन से पहले
रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में 30 फीसदी लड़कियों की शादी उनके 15वें जन्मदिन से पहले कर दी जाती है. बांग्लादेश में बाल विवाह गैर कानूनी है लेकिन अधिकारियों को रिश्वत देकर आसानी से नकली जन्म प्रमाणपत्र बनवाया जा सकता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Str
गरीबी की मार
बार बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं ने बांग्लादेश में गरीबी को और बढ़ावा दिया है. इससे बाल विवाह के मामलों में भी वृद्धि हुई है. पिछले साल प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 2021 तक 15 साल से कम उम्र की शादियों का खात्मा करने की बात कही थी, उनकी सरकार ने इस दिशा में ज्यादा कुछ नहीं किया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Str
घरेलू हिंसा और वैवाहिक बलात्कार
लड़कियों में शिक्षा का अभाव उन्हें ना केवल उन्हें गरीब और आर्थिक रूप से निर्भर बनाता है बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है. कम उम्र की लड़कियों के साथ वैवाहिक संबंधो में घरेलू हिंसा और बलात्कार के ज्यादा मामले सामने आते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/Pacific Press/M. Asad
दक्षिण एशिया की हालत
यह समस्या सिर्फ बांग्लादेश की ही नहीं है. लगभग सभी दक्षिण एशियाई देशों में गरीबी और धार्मिक मान्यताओं के चलते कम उम्र में शादी का चलन है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अगले दस सालों में करीब 14 करोड़ लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी जाएगी. इनमें 50 फीसदी मामले दक्षिण एशिया के हैं.
तस्वीर: DW/P.M.Tewari
सामाजिक मान्यताएं बनाम कानून
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल और श्रीलंका जैसे दक्षिण एशियाई देशों में बाल विवाह पर कानूनी पाबंदी है. लेकिन इससे यहां कम उम्र में शादी के चलन को नहीं रोका जा सका है. यूएनएफपीए के मुताबिक 2000 से 2010 के बीच इन देशों में करीब 20 से 24 साल की 2.44 करोड़ महिलाओं की शादियां 18 साल की उम्र से पहले हो गई थी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/P. Hatvalne
रवैये में पिरवर्तन
दक्षिण एशिया के लिए यूनीसेफ के उप क्षेत्रीय निदेशक स्टीफेन एडकिसन का कहना है कि स्थानीय समुदायों के लिए जरूरी है कि उनसे बाल विवाह, प्रसव के दौरान होने वाली मौतों, लिंग आधारित भेदभाव जैसे मुद्दों पर बात की जाए जिनकी जड़ें सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कारणों में है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
7 तस्वीरें1 | 7
बेटी की शादी एक अपाहिज से होने को वजीर अहमद खुदा की मर्जी मानता है. उसका कहना है, "अल्लाह ने वह ही उसकी किस्मत में लिखा है. यही उसका मुकद्दर है.” रमजान और साइमा की उम्र में लगभग 20 साल का फासला है, लेकिन वजीर अहमद को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. इस इलाके में शादी के लिए कानूनी उम्र 16 साल है. इसीलिए जब पुलिस को साइमा की शादी के बारे में शिकायत मिली तो उन्होंने कार्रवाई की. यह शिकायत शायद उनके किसी रिश्तेदार ने की जिसका साइमा के पिता से झगड़ा चल रहा था.
रमजान और वजीर अहमद को कुछ दिन तक जेल में रहना पड़ा, लेकिन फिर साइमा ने अदालत में गवाही दी कि शादी के वक्त उसकी उम्र 16 साल थी और इस तरह दोनों को रिहा कर दिया गया. साइमा का कहना है कि उसने अपने पिता और पति को बचाने के लिए ऐसा किया था.