फ्रांस में वामपंथी गठबंधन ने जीतीं सबसे ज्यादा सीटें
८ जुलाई २०२४
फ्रांस के संसदीय चुनावों में वामपंथी गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें जीत ली हैं. इस गठबंधन ने धुर दक्षिणपंथियों को सत्ता से दूर रखने की अपील के साथ चुनाव लड़ा था.
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पहले दौर में बड़ी बढ़त हासिल करने वाली फ्रांस की धुर दक्षिणपंथी पार्टी को दूसरे चरण में हार का सामना करना पड़ा है. दूसरे दौर के मतदान के बाद मरीन ली पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) तीसरे नंबर पर खिसक गई और वामपंथी दलों के गठबंधन न्यू पॉप्युलर फ्रंट (एनएफपी) ने सबसे ज्यादा 182 सीटें हासिल कीं.
राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन दूसरे स्थान पर आया है. किसी भी दल के पास संसद में पूर्ण बहुमत नहीं है. हालांकि दक्षिणपंथी दलों ने अपनी सीटों की संख्या में पिछली बार के मुकाबले भारी वृद्धि की है, लेकिन फिर भी वे उम्मीदों से बहुत कम रहे.
पहले चरण के मतदान के बाद संभावनाएं जताई जा रही थीं कि नेशनल रैली पहली बार फ्रांस में सरकार बनाने के करीब पहुंच सकती है. पहले चरण में उसने भारी जीत दर्ज की थी लेकिन रविवार को हुए दूसरे चरण के मतदान में वामपंथी दलों ने उससे यह बढ़त छीन ली और आरएन 143 सीटों पर ही सीमित हो गई.
इस बीच फ्रांस के प्रधानमंत्री गैब्रिएल अताल ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है. चूंकि अब संसद में किसी पार्टी के पास बहुमत नहीं है इसलिए देश में अनिश्चितता का दौर है और अब क्या होगा, इस पर कई सवाल उठ रहे हैं. फ्रांस एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है. इसका राजनीतिक घटनाक्रम यूक्रेन युद्ध, वैश्विक कूटनीति और यूरोप की आर्थिक स्थिरता पर असर डाल सकता है.
अब क्या करेंगे माक्रों
चुनावों के अंतिम परिणामों के अनुसार, वामपंथी गठबंधन एनएफपी ने सबसे अधिक सीटें जीती हैं. संसद में वामपंथी गठबंधन के पास 182 सीटें हैं जबकि माक्रों के मध्यमार्गी दल के पास 168 सीटें हैं. पहले चरण में सबसे बड़ी पार्टी रही नेशनल रैली के पास 143 सीटें हैं. फ्रांस की 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 289 सीटों की जरूरत है.
घूमने के लिए दुनिया के 10 सबसे लोकप्रिय देश
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के मुताबिक 2022 में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय देशों की सूची में कई आकर्षक नाम हैं. देखिए और बताइए इन देशों में से आप कहां कहां गए हैं.
तस्वीर: Jörg Carstensen/dpa/picture alliance
ऑस्ट्रिया
इस सूची में 10वें नंबर पर है ऑस्ट्रिया, जहां 2022 में 2.62 करोड़ पर्यटक घूमने पहुंचे. विएना और साल्जबर्ग के अलावा लोग पहाड़ों में भी गए. देश का दो-तिहाई हिस्सा ऐल्प्स के ऊंचे पहाड़ों से ढका हुआ है.
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ग्रीस
नौवें स्थान पर है कई प्राचीन स्थानों और मनोरम द्वीपों वाला यूनान यानी ग्रीस. क्रीट, माइकोनोस और सांतोरिनी जैसे द्वीप हों या एथेंस का एक्रोपॉलिस, ग्रीस के सुंदर ठिकानों ने 2022 में 2.78 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित किया.
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जर्मनी
आठवें स्थान पर है जर्मनी, जहां 2.85 करोड़ पर्यटक घूमने पहुंचे. बर्लिन के ब्रांडेनबर्ग गेट से लेकर हाइडेलबर्ग के कैसल तक और कोलोन कैथेड्रल से लेकर न्यूशवांसटाइन कैसल तक, इस देश में घूमने के स्थानों की कोई कमी नहीं है. म्यूनिख का अक्टूबरफेस्ट अकेले लाखों लोगों को आकर्षित करता है.
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ब्रिटेन
सातवें पायदान पर है ब्रिटेन, जहां 3.07 करोड़ पर्यटक पहुंचे. 2022 में कोरोना वायरस महामारी का यात्राओं पर असर अभी भी जारी था, विशेष रूप से एशिया में. इस वजह से थाईलैंड और चीन जैसे देश इस रैंकिंग में जगह नहीं बना पाए.
तस्वीर: Dominic Lipinski/empics/picture alliance
मेक्सिको
छठे स्थान पर है मेक्सिको जिसे 3.83 करोड़ पर्यटकों ने चुना. मेक्सिको के आकर्षणों में शामिल रहे कैरिबियन की तरफ के समुद्री तट, माया और एज्टेक काल के सदियों पुराने मंदिर और वहाका जैसे स्पेनिश वास्तुकला वाले शहर.
इटली पांचवें स्थान पर रहा और उसने 4.98 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित किया. यहां के लोकप्रिय स्थानों में रोम की स्पेनिश सीढ़ियां, वेनिस की नहरें, फ्लोरेंस का रेनेसां किला आदि शामिल हैं.
थोड़े गर्म मौसम और मुनासिब दामों की वजह से तुर्की लंबे समय से लोकप्रिय जगह रहा है. 2022 में भी इस्तांबुल, अंताल्या, सीडे और एलान्या जैसे शहरों को देखने के लिए यहां करीब 5.04 करोड़ पर्यटक पहुंचे.
तीसरे स्थान पर रहा अमेरिका जहां 5.09 करोड़ लोग घूमने गए. इनमें से अधिकांश पड़ोसी देश कनाडा से और कई लोग यूरोप से आए थे. अमेरिका में विशाल नेशनल पार्कों से लेकर शिकागो, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क जैसे शहरों समेत घूमने के लिए कई आकर्षण हैं.
तस्वीर: imago stock&people
स्पेन
7.17 करोड़ लोगों ने स्पेन को चुन कर उसे इस सूची में दूसरे स्थान पर ला खड़ा किया. देश में तटीय ठिकानों के अलावा मैड्रिड, वलेंचिया, बार्सिलोना और ग्रानादा जैसे शहर भी हैं.
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फ्रांस
दुनिया में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है फ्रांस, जहां 2022 में करीब 7.94 करोड़ घूमने गए. लगभग हर चौथा पर्यटक पेरिस जरूर गया, लेकिन 'कोत दाज्यूर' के समुद्र तट, लोआह घाटी के कैसल और अटलांटिक तट के मनोरमा द्वीपों ने फ्रांस को सबसे लोकप्रिय स्थान बनाया. (एलिजाबेथ यॉर्क फॉन वारटेनबर्ग)
तस्वीर: Ludovic Marin/AP Photo/picture alliance
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राष्ट्रपति माक्रों के दफ्तर ने बयान जारी कर कहा कि वह किसी भी नई सरकार के बारे में निर्णय लेने के लिए "नई नेशनल असेंबली के संगठित होने तक" इंतजार करेंगे. नेशनल असेंबली का पहला पूर्ण सत्र 18 जुलाई को होगा.
प्रधानमंत्री गैब्रिएल अताल ने घोषणा की है कि वह पेरिस ओलंपिक के दौरान और जब तक जरूरत हो, अपने पद पर बने रहेंगे. नए प्रधानमंत्री और सरकार के गठन के लिए हफ्तों से लेकर महीनों तक राजनीतिक बातचीत जारी रह सकती है.
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नेताओं की प्रतिक्रिया
नेशनल रैली के अध्यक्ष ने पार्टी को मिली ऐतिहासिक बढ़त को महत्वपूर्ण बताया. हालांकि नतीजे उनकी उम्मीदों से काफी कम रहे. पार्टी अध्यक्ष और नेशनल रैली की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार जॉर्डन बारडेला ने राष्ट्रपति माक्रों पर फ्रांस को अनिश्चितता और अस्थिरता में धकेलने का आरोप लगाया.
28 वर्षीय बारडेला ने कहा, "करोड़ों फ्रांसीसियों से अपनी सोच को सत्ता में लाने की संभावना छीनना कभी भी फ्रांस का व्यवहारिक भविष्य नहीं बन पाएगा.”
उसी रैली में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मरीन ली पेन ने कहा, "लहर बढ़ रही है. हमारी जीत को बस टाला गया है." पिछले आम चुनाव में आरएन ने 82 सीटें जीती थीं.
वामपंथी नेता जीन-लूक मेलेंशों ने चुनाव परिणामों को "देश के अधिकांश लोगों के लिए बड़ी राहत" बताया और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की. एनएफपी के नेता मेलेंशों ने कहा, "राष्ट्रपति का फर्ज बनता है कि वह गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें."
2024 में फ्रांस का पासपोर्ट सबसे ताकतवर, कैसी है भारत की रैंकिंग
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स ने साल 2024 के लिए पासपोर्ट रैंकिंग जारी कर दी है. इस लिस्ट में फ्रांस का पासपोर्ट सबसे ताकतवर है.
तस्वीर: Fotolia/Philippe Devanne
फ्रांस
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में फ्रांस के पासपोर्ट ने शीर्ष स्थान पाया है. फ्रांस के पासपोर्टधारक 194 देशों की वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं. किसी देश का पासपोर्ट कितना ताकतवर है उसको निर्धारित करने के लिए हेनली पासपोर्ट इंडेक्स वीजा फ्री यात्रा से तय करता है.
तस्वीर: Fotolia/Philippe Devanne
शीर्ष पर ये भी देश
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स की ताजा लिस्ट के मुताबिक फ्रांस के साथ जर्मनी, इटली, जापान, सिंगापुर और स्पेन के पास दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट हैं. इन पांच देशों के पासपोर्टधारी 194 देशों की वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं.
तस्वीर: Inga Kjer/photothek/imago Images
दूसरे नंबर पर तीन देश
193 देशों में बिना वीजा यात्रा करने के साथ फिनलैंड, नीदरलैंड्स, दक्षिण कोरिया और स्वीडन के पासपोर्ट शामिल हैं.
इस रैंकिंग में भारत का पासपोर्ट एक स्थान नीचे खिसककर 85वें स्थान पर आ गया है. भारतीय पासपोर्ट के साथ लोग 62 देशों में वीजा फ्री एंट्री कर सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/Dinodia Photo Library
भारत के ऊपर कौन
इस रैंकिंग में भारत के ऊपर दक्षिण अफ्रीका (55वें), मालदीव (58वें), सऊदी अरब (63वें), थाईलैंड (66वें), इंडोनेशिया (69वें) और उज्बेकिस्तान (84वें) जैसे देश हैं.
तस्वीर: Ishara S. Kodikara/AFP/Getty Images
भारत के पड़ोसी देश
भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान हेनली पासपोर्ट इंडेक्स की रैंकिंग में 106वें नंबर पर है, जबकि श्रीलंका 101वें नंबर पर, बांग्लादेश 102वें नंबर पर और नेपाल 103वें नंबर पर है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Matthys
तीसरे स्थान पर कौन से देश
192 देशों में वीजा फ्री एंट्री के साथ यूनाइटेड किंग्डम, लग्जमबर्ग, आयरलैंड, डेनमार्क और ऑस्ट्रिया तीसरे स्थान पर है.
तस्वीर: Francois Mori/AP/picture alliance
अमेरिका का पासपोर्ट कितना ताकतवर
इस रैंकिंग में अमेरिकी पासपोर्ट भी ताकतवर बना हुआ है. वह इस बार छठे स्थान पर है.
तस्वीर: Valentyn Semonov/Zoonar/picture alliance
चीन की मजबूती
चीन का पासपोर्ट पिछले साल के मुकाबले इस साल दो अंकों की उछाल दर्ज करते हुए 64वें स्थान पर आ गया है.
तस्वीर: picture-alliance/Photononstop/P. Turpin
सबसे कमजोर पासपोर्ट
इस रैंकिंग में अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे नीचे 109वें स्थान पर है. अफगानिस्तान के पासपोर्ट धारक सिर्फ 28 देशों में वीजा फ्री एंट्री कर सकते हैं.
तस्वीर: Jorge Silva/Reuters
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मेलेंशों ने अन्य दलों के साथ किसी तरह के गठबंधन की संभावनाओं से इनकार कर दिया. एनएफपी में शामिल सोशलिस्ट पार्टी के नेता ओलिविएर फाउरे ने भी कहा कि "विपरीत विचारधाराओं का" ऐसा गठबंधन नहीं बनना चाहिए जो माक्रों की नीतियों को ही जारी रखे.
ग्रीन पार्टी की नेता मरीन तोंदेलियर ने कहा कि यह एनएफपी की स्पष्ट जीत है. उन्होंने कहा, "हम जीते हैं और सरकार बनाएंगे. आज सामाजिक न्याय की जीत हुई है. पारिस्थितिकी न्याय की जीत हुई है. आज की रात लोगों की जीत हुई है और यह बस शुरुआत है."