फिर से ‘वर्जिन’ बनने के लिए सस्ते उपाय अपनातीं महिलाएं
७ दिसम्बर २०२१
वह महिलाओं की डॉक्टर हैं और अपने काम का विज्ञापन बहुत चोरी-छिपे करती हैं. उसे ‘हेल्थ ऐंड ब्यूटी’ सर्विस बताती हैं. लेकिन वह योनि झिल्ली की सर्जरी करके महिलाओं की जानें बचा रही हैं.
तस्वीर: Alexander Farnsworth/picture alliance
विज्ञापन
26 साल की नूर मोहम्मद का डर बढ़ता जा रहा था. सालों पहले अपने प्रेमी से अलग हो चुकीं नूर की शादी करीब आ रही थी और उन्हें डर सता रहा था कि अपनी शादी की पहली ही रात उनके पति को पता चल जाएगा कि वह पहले सेक्स कर चुकी हैं. मिस्र के रूढ़िवादी समाज में यह बात जानलेवा तक साबित हो सकती है.
नूर मोहम्मद को एक वैद का पता चला. वैद ने उन्हें एक बूटी दी और कहा कि इससे सेक्स के बाद उनकी योनी से रक्त स्राव होगा, जिससे उनके पति को लगेगा कि उनकी योनी झिल्ली अक्षत थी.
तस्वीरेंः वर्जिनिटी टेस्ट की वजह
वर्जिनिटी टेस्ट करने की क्या वजह है
कौमार्य परीक्षण सिर्फ बलात्कार पीड़ितों का ही नहीं बल्कि कुछ देशों में नौकरी में बहाली के लिए भी किया जाता है. आखिर क्या है टूफिंगर टेस्ट.
तस्वीर: Getty Images
साबित करने के लिए
किसी पर बलात्कार का आरोप लगा देना, उसे सजा दिलाने के लिए काफी नहीं है. बलात्कार हुआ है, यह सिद्ध करना पड़ता है और इसके लिए डॉक्टर टू फिंगर टेस्ट करते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/PIXSELL/Puklavec
संभोग की आदी?
यह एक बेहद विवादास्पद परीक्षण है, जिसके तहत महिला की योनी में उंगलियां डालकर अंदरूनी चोटों की जांच की जाती है. यह भी जांचा जाता है कि दुष्कर्म की शिकार महिला संभोग की आदी है या नहीं.
तस्वीर: Maurizio Gambarini/dpa/picture alliance
कौमार्य का सर्टिफिकेट?
कई देशों में इसे वर्जिनिटी टेस्ट भी कहा जाता है. इसके जरिए महिला के कौमार्य की जांच की जाती है. डॉक्टर उंगलियों के ही जरिए यह पता लगाते हैं कि हायमन यानि यौन झिल्ली मौजूद है या नहीं.
तस्वीर: Fotolia/NinaMalyna
कोई आधार नहीं
इसके अलावा योनि के लचीलेपन से यह पता लगाया जाता है कि संभोग जबरन हुआ या फिर महिला की मर्जी से. विश्व स्वास्थ्य संगठन इस परीक्षण को बेबुनियाद घोषित कर इसे रोकने की मांग कर चुका है.
तस्वीर: Imago/Ritzau Scanpix
सुप्रीम कोर्ट की फटकार
भारत में 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने टू फिंगर टेस्ट को बलात्कार पीड़िता के अधिकारों का हनन और मानसिक पीड़ा देने वाला बताते हुए खारिज कर दिया. अदालत का कहना था कि सरकार को इस तरह के परीक्षण को खत्म कर कोई दूसरा तरीका अपनाना चाहिए.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Kachroo
पुलिसऔर सेना में भर्ती के लिए
इंडोनेशिया में दशकों से पुलिस और सेना में भर्ती के लिए महिलाओं का "कौमार्य परीक्षण" किया जाता है. मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार इस पुराने मानदंड यानी "कौमार्य परीक्षण" का अंत होने वाला है. इस बारे में सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल एंडिका पेरकासा ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया है. जनरल पेरकासा का कहना है कि महिला कैडेटों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण अब पुरुषों के जैसे ही होंगे.
तस्वीर: AFP/Getty Images/A. Berry
6 तस्वीरें1 | 6
नूर बताती हैं, "वो बहुत बुरा सपना था. या तो मुझे मार दिया जाता या फिर मेरे पति मुझे सबके सामने बेइज्जत करते. हाइमनोप्लास्टी का खर्च भी मैं नहीं उठा सकती थी. इसलिए यह बूटी मेरी एकमात्र उम्मीद थी.” बूटी काम कर गई.
हजारों की उम्मीद
नूर को बूटी देने वाले वैद नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि वह मिस्र में चार हजार से ज्यादा लड़िकयों का ‘इलाज' कर चुके हैं. इसके अलावा वह अल्जीरिया और मोरक्को में भी ऐसी महिलाओं को दवा दे चुके हैं. इसके लिए वह दो हजार मिस्री पाउंड यानी लगभग दस हजार रुपये लेते हैं. कई बार गरीब या जरूरतमंद महिलाओं का इलाज वह मुफ्त में भी कर देते हैं.
यह बूटी उन हजारों महिलाओं की उम्मीद है जो महंगी हाइमनोप्लास्टी का खर्च नहीं उठा सकतीं. मिस्र जैसे रूढ़िवादी समाजों में योनि की झिल्ली का ना टूटा होना आज भी वर्जिन होने की निशानी माना जाता है. ऐसे में नई दुल्हनों के लिए विक्षत योनि झिल्ली ससुराल पक्ष या रिश्तेदारों द्वारा शर्मिंदा किए जाने का कारण बन सकता है. कई बार तो मामला इज्जत के लिए कत्ल तक भी पहुंच सकता है.
महिला रोग विशेषज्ञ लाएला अपना पूरा असली नाम नहीं बताना चाहती हैं ताकि वह अपने काम के बारे में खुलकर बात कर सकें. वह कहती हैं, "डॉक्टर होने के नाते यह हमारा फर्ज है कि लड़कियों को कत्ल होने से बचाएं और उस सामाजिक शर्मिंदगी से बचाएं जो उन्हें विक्षत झिल्ली के कारण झेलनी पड़ सकती है.”
हाइमन का वर्जिनिटी से कोई लेना देना नहीं
04:53
This browser does not support the video element.
इसके लिए लाएला झिल्ली को रिपेयर करने वाली सर्जरी करती हैं. इसे हाइमनोप्लास्टी कहते हैं, जिसकी मिस्र में कानूनन इजाजत है. लेकिन यह बहुत महंगी सर्जरी है. इसके लिए 20 हजार मिस्री पाउंड यानी लगभग एक लाख रुपये तक का खर्च आ जाता है.
ग्रामीण महिलाओं की परेशानी
अपर इजिप्ट जैसे ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए सर्जरी कराने के वास्ते इतना धन जमा कर पाना संभव नहीं हो पाता. यूं भी ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं और हाइमनोप्लास्टी करने वाली डॉक्टरों की भी कमी है. इसलिए लाएला नियमित रूप से मिस्र के दूर-दराज प्रांतों की यात्रा करती हैं. वह इन इलाकों में शहरों के मुकाबले सिर्फ एक तिहाई रकम में ही हाइमनोप्लास्टी कर देती हैं.
वह बताती हैं, "मैं अपने (फेसबुक) पेज पर ऐलान करती हूं कि फलां-फलां दिन मैं उस जगह रहूंगी. लोग समय तय कर लेते हैं और मैं उनके घर पर ही ऑपरेशन कर देती हूं. ऐसी लड़कियां हैं जो अपर इजिप्ट में डॉक्टर नहीं खोज सकतीं. समाज इतना रूढ़िवादी है कि इस विषय पर बात करना भी मुश्किल है.”
पिछले नौ साल में लाएला ने 1,500 से ज्यादा ऑपरेशन किए हैं. वह बताती हैं कि इनमें से एक तिहाई तो उन्होंने मुफ्त में ही किए क्योंकि वे महिलाएं जरूरतमंद थीं
मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय और नेशनल काउंसिल फॉर विमिन के पास हाइमनोप्लास्टी और इससे जुड़ी हत्याओं पर कोई आंकड़ा नहीं है. इस बारे में जब उनसे टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने इनकार कर दिया. लेकिन मानवाधिकार संस्थाएं कहती हैं कि मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया में इज्जत के नाम पर हर साल हजारों महिलाओं का कत्ल किया जाता है.
तस्वीरेंः कमाल का कंडोम
कमाल का कंडोम
कंडोम के बारे में दुनिया में कई भ्रांतियां हैं. गर्भ-निरोध के लिए इसकी उपयोगिता और यौन-संक्रमण वाली बीमारियों से बचा सकने की इसकी क्षमता की वजह से यह जरूरी है कि यह स्थिति बदले. जानिए कंडोम से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
तस्वीर: picture-alliance/BSIP
खुल कर बात जरूरी
सेक्स के बारे में आज भी खुलकर बात नहीं होती. सेक्स से संबंधित साहित्य, फिल्में या पॉर्नोग्राफिक वीडियो की बढ़ती बिक्री इस बात का प्रमाण हैं कि लोगों की इस विषय में बहुत अधिक दिलचस्पी तो है, लेकिन सुरक्षित सेक्स, यौन संक्रमणों या गर्भापात जैसे विषय अब भी टैबू समझे जाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
एचआईवी का खतरा
दुनिया में सबसे अधिक एचआईवी संक्रमित लोग दक्षिण अफ्रीका में है. लगभग हर 10 में से एक व्यक्ति एड्स के साथ जी रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकारी स्वास्थ्य विभाग वहां कई रंगों और सुगंध वाले मुफ्त कंडोम बंटवाते हैं.
तस्वीर: Prakash Mathema/AFP/Getty Images
एड्स को मिटाएगी जानकारी
दुनिया भर के मेडिकल विशेषज्ञ इस बात को मानते हैं कि 50 साल के अंदर एड्स को पूरी तरह मिटाना संभव है. लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल है कि इसके खतरे वाले हाई-रिस्क ग्रुप को सुरक्षित और शिक्षित किए बिना ऐसा मुमकिन नहीं होगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Kiefer
फीमेल कंडोम
आसानी से उपलब्ध होने के बावजूद पश्चिमी देशों तक में अभी महिलाओं के लिए बने खास कंडोम को ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली है. एड्स के गंभीर खतरे का सामना करने वाले अफ्रीकी देश मोजांबिक में कुछ एनजीओ फीमेल कंडोम को बढ़ावा देने पर जोर लगा रहे हैं.
तस्वीर: CC BY-SA Ceridwen
खतने से बचाव
अफ्रीकी देश यूगांडा में 1980 के दशक में कुल जनसंख्या के करीब 30 फीसदी लोग एचआईवी से संक्रमित पाए गए. 2005 तक संक्रमण की दर गिर कर 6.5 प्रतिशत पर आ गई. लेकिन फिर से बढ़ते इंफेक्शनों का सामना करने के लिए डॉक्टर वयस्क पुरुषों में खतने की सलाह दे रहे हैं.
तस्वीर: Tony Karumba/AFP/Getty Images
सेक्स पर धारावाहिक
लेखक और निदेशक बियी बन्डैले नाइजीरिया में अमेरिकी टीवी सीरियल सेक्स-एड की तर्ज पर एक धारावाहिक बनाते हैं. शुगा नाम का ये सीरियल मनोरंजक तरीके से यौन स्वास्थ्य के प्रति रवैया बदलने पर आधारित है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सुपर कंडक्टिव - ग्रैफीन कंडोम
कंडोम के क्षेत्र में नई नई खोजें हो रही हैं. 2004 में जिस अति प्रवाहकीय, अति मजबूत पदार्थ ग्रैफीन की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था, अब उसका एक महत्वपूर्ण इस्तेमाल सामने आया है. इससे बेहतर कंडोम बनाने की कोशिश हो रही है.
तस्वीर: Jannik Meyer
लेटेक्स का स्रोत
दुनिया भर के करीब 40 फीसदी कंडोम लेटेक्स से बनते हैं. लेटेक्स रबड़ के पेड़ों से निकाला जाता है. ब्राजील के अमेजन के जंगल और चीन में इनका बहुत बड़ा भंडार है.
तस्वीर: DW/M. Ives
8 तस्वीरें1 | 8
यूं तो मिस्र में हाइमनोप्लास्टी वैध है और यदि एक प्रशिक्षित महिला रोग विशेषज्ञ द्वारा की जाती है तो कमोबेश सुरक्षित भी है लेकिन मिस्र में यह विवाद का विषय है. यूनियन ऑन हार्मफुल प्रैक्टिसेज अगेंस्ट विमिन ऐंड चिल्ड्रन नामक संस्था की कार्यकारी निदेशक रांदा फख्र अल-दीन इस विषय पर वर्कशॉप करती हैं. वह वर्कशॉप में शामिल होने वाली महिलाओं को बताती हैं कि योनि झिल्ली फटने की वजह सिर्फ सेक्स नहीं होता है बल्कि ऐसा किसी कार हादसे या खेल कूद में भी हो सकता है.
फिर भी, सर्जरी को बहुत से लोग इस समस्या का एक व्यवहारिक हल मानते हैं जो महिलाओं को शर्मिंदगी और हिंसा से बचा सकता है. महिलाओं के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था विमिंस सेंटर फॉर गाइडेंस ऐंड लीगल अवेयरनेस की रेदा एल्दानबोकी कहती हैं, "जब तक समाज इस मुद्दे पर अपना नजरिया नहीं बदलता, महिलाओं को सर्जरी करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.”