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तकनीकसंयुक्त राज्य अमेरिका

गूगल सर्च में आएंगे एआई के जवाब

१६ मई २०२४

गूगल सर्च इंजन के 25 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब उसके सर्च नतीजों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जवाब भी शामिल किए जाएंगे. जेनेरेटिव एआई की दुनिया में चल रही उठा-पटक से गूगल भी दबाव में है.

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एआई की ताकत वाले सर्च इंजनों की वजह से गूगल पर दबाव बढ़ता जा रहा हैतस्वीर: Nicolas Economou/picture alliance

कैलिफोर्निया में हुए एक कार्यक्रम के दौरान गूगलके मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने कहा, "मैं यह घोषणा करते हुए बहुत उत्साहित हूं कि हम अमेरिका में इस हफ्ते एक ताजा अनुभव पेश करने जा रहा हैं, एआई ओवरव्यू. यह बदलाव जल्दी ही दूसरे देशों में भी होगा जिसे करोड़ों लोग इस्तेमाल कर सकेंगे. गूगल के सर्च नतीजों में सामान्य तौर पर आने वाले पन्नों के लिंक से पहले, संक्षिप्त एआई सारदिया जाएगा."

गूगल की जेमिनाई तकनीक के जरिए निकली एआई सामग्री, इंटरनेट पर मिलने वाली सूचनाओं का सार होगा जो स्रोत के लिंक के साथ मिलेगा. गूगल सर्च टीम की प्रमुख लिज रीड ने कहा, "आपके दिमाग में जो भी है या आप जो कुछ भी करना चाहते हैं, वह पूछ सकते हैं. प्लानिंग से लेकर सोच-विचार तक, गूगल सारी मेहनत करेगा."

चैटजीपीटी की मालिक कंपनी ओपन एआई भी अपना एआई सर्च टूल बनाने में लगी है.तस्वीर: Taidgh Barron/ZUMAPRESS.com/picture alliance

बदलाव की वजह

गूगल में हो रहा यह बदलाव वक्त की परछाई है. परप्लेक्सिटी जैसे एआई की ताकत वाले सर्च इंजनों की वजह से गूगल दबाव बढ़ता जा रहा है. खबरें तो यह भी हैं कि चैटजीपीटी की मालिक कंपनी ओपन एआई भी अपना एआई सर्च टूल बनाने में लगी है. यही नहीं एआई चैट के जरिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर सर्च की बातें भी सामने आई हैं जिसमें गूगल की कतई जरूरत नहीं पड़ती. इन विकल्पों को लेकर प्रतिक्रिया सकारात्मक भी है क्योंकि सर्च के नतीजे परंपरागत रूप लिए हुए नहीं होते. हालांकि कंटेट बनाने वाले और छोटे पब्लिशर इस बदलाव को लेकर जरा असमंजस में हैं. उन्हें डर है कि इस नए फीचरके आने से लोग अब लिंक पर क्लिक करके वेबसाइट के जरिए सूचनाएं नहीं लेंगे.

रिसर्च फर्म गार्टनर का अनुमान है कि एआई बॉट के इस्तेमाल की वजह से, साल 2026 तक सर्च इंजन के जरिए वेबसाइट पर आने वाले यूजरों की संख्या में 25 प्रतिशत की गिरावट आएगी. चैटजीपीटी के स्टाइल में एआई का इस्तेमाल, गूगल के बिजनेस पर असर डालेगा? इस सवाल पर गूगल की सर्च प्रमुख रीड ने बचाव की मुद्रा में कहा, "हमने पाया है कि एआई ओवरव्यू के चलते लोग सर्च इंजन का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं और नतीजे से ज्यादा संतुष्ट भी हैं."

कंपनी का मानना है कि जेनेरेटिव एआई टूल ग्राहकों की जिंदगी आसान बना रहे हैं, अब वह चाहे वह इतवार के दिन खुले रहने वाले योगा स्टूडियो ढूंढ रहे हों या फिर कोई खास तरह का व्यंजन. गूगल जल्द ही वीडियो आधारित कंटेट सर्च के लिए एआई के इस्तेमाल की टेस्टिंग भी करेगी.

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गूगल का नया प्रोजेक्ट

गूगल ने अपने नए प्रोजेक्ट एस्ट्रा की भी झलक पेश की है. इस प्रोजेक्ट में डिजिटल असिस्टेंट विकसित किए जा रहे हैं जो छोटे-बड़े काम करने के काबिल हों. गूगल के डीपमाइंड के प्रमुख डेमिस हसाबिस ने कहा, "हम लंबे वक्त से एक ऐसा व्यापकएआई एजेंट विकसित करना चाह रहे हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी में वाकई मदद कर सके. एक ऐसे भविष्य की परिकल्पना आसान है, जहां विशेषज्ञता वाला असिस्टेंट आपके साथ हो, फोन के जरिए या फिर नए रूपों में जैसे कि चश्मा." एआई एजेंट का डेब्यू गूगल के कुछ प्रॉडक्टों पर होगा जैसे जेमेनाई ऐप और साल के अंत में असिस्टेंट पर.

एआई की दुनिया में गूगल की ओपनआई से तगड़ी रेस चल रही है. ओपनआई ने इसी हफ्ते सोमवार को अपने फ्लैगशिप एआई सर्च का नया वर्जन जीपीटी-4o पेश किया है. यह नया वर्जन आवाज, टेक्स्ट और तस्वीरों के जरिए दिए गए कमांड पहचान सकता है. जेनेरेटिव एआई, तकनीकी दुनिया का नया रणक्षेत्र है जहां चीजें तेजी से बदल रही हैं. आईफोन पर चैटजीपीटी की ताकत का इस्तेमाल करने के लिए ओपनएआई और एप्पल के बीच समझौते की खबरें इसी जबर्दस्त होड़ की एक झलक हैं.

एसबी/एनआर (एएफपी)

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