1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
स्वास्थ्यउत्तरी अमेरिका

गर्भपात के लिए जेल में डाल दी गई महिलाओं को छुड़ाने का संघर्ष

२८ दिसम्बर २०२२

मेक्सिको में गर्भपात अब अपराध नहीं है, लेकिन पुराने गर्भपात-विरोधी कानूनों के तहत करीब 200 महिलाएं अभी भी जेल में हैं. इन्हें जेल से छुड़ाना एक्टिविस्टों और अधिवक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.

गर्भपात
गर्भपात के अधिकार की मांगतस्वीर: Ulises Ruiz/AFP

मेक्सिको में गर्भपात अपराध हुआ करता था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही इसे अपराध की श्रेणी से हटा दिया था. इसके बावजूद पुराने गर्भपात-विरोधी कानूनों के तहत देश की जेलों में बड़ी संख्या में महिलाएं अभी भी कैद हैं.

अधिवक्ताओं का कहना है कि इनमें से कई महिलाओं के साथ तो गर्भस्राव या मिसकैरेज हो गया था और उन्होंने कभी गर्भपात नहीं कराया था. लेकिन फिर भी गर्भपात को अभी भी हत्या मानने वाले राज्य स्तर के कई कानूनों के तहत उन्हें सजा मिल रही है.

इन महिलाओं को जेल से छुड़ाने की धीमी कानूनी प्रक्रिया इस महीने थोड़ा आगे बढ़ी जब 23 साल की मूल निवासी महिला औरेलिया गार्सिया क्रुसेनो को जेल से रिहा किया गया. उनके साथ मिसकैरेज हो जाने के बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया था जहां उन्हें तीन साल बिताने पड़े.

यातनाओं का सिलसिला

गार्सिया क्रुसेनो गुरेरो राज्य के सबसे गरीब पहाड़ी इलाकों में एक नहुआ मूल निवासी समुदाय में पली बढ़ीं. 2019 में एक स्थानीय ग्रामीण अधिकारी ने उनके साथ बलात्कार किया और वो गर्भवती हो गईं. उसके बाद वो गुरेरो के शहर इगुआला में अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ रहने चली गईं.

गर्भपात पर गोली देने पर जेल की सजा

02:02

This browser does not support the video element.

वहां ब्लीडिंग होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में उन्हें रक्त-आधान या ब्लड ट्रांसफ्यूजन दिया गया जिसके बाद उनका मिसकैरेज हो गया. उसके बाद उन्हें अस्पताल के बिस्तर से ही हथकड़ियों में बांध दिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें बताया कि उन पर एक तरह की हत्या का आरोप लगाया गया है.

गार्सिया क्रुसेनो की मूल भाषा नहुआतल है, इसके बावजूद उनसे मजबूरन स्पैनिश भाषा में छापे कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाया गया. उन्होंने बताया, "मैं बहुत दुखी थी और मुझे बहुत बेचैनी हो रही थी."

जेल में उन्होंने कुछ दूसरे कैदियों की मदद से स्पैनिश का अभ्यास किया. गार्सिया क्रुसेनो ने बताया कि उन कैदियों ने उन्हें प्रोत्साहित भी किया. वो कहती हैं, "एक महिला ने मुझे ऐसी सलाह थी जो मैं कभी नहीं भूलूंगी. उन्होंने कहा कि यहां मुझे मजबूत बन कर रहना होगा, निडर बन कर रहना होगा."

गुरेरो एसोसिएशन अगेंस्ट वायलेंस अगेंस्ट वीमेन की अध्यक्ष मरीना रेना आग्विलार कहती हैं कि गार्सिया क्रुसेनो का मामला जवान और गरीब मूल निवासी महिलाओं के साथ अक्सर होने वाले घटनाक्रम को दिखाता है. उन्होंने बताया, "औरेलिया के मामले जैसे कई मामले हैं.

गर्भपात कराने वाली एक पोलिश महिला की कहानी

03:31

This browser does not support the video element.

26 राज्यों में पुरानी व्यवस्था

गुरेरो में 2022 में 108 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी और फेमिसाइड के 12 मामले दर्ज किए गए थे. महिलाओं और लड़कियों को उनके लिंग की वजह से मार दिए जाने के मामलों को फेमिसाइड कहते हैं.

गुरेरो मेक्सिको के उन 26 राज्यों में से है जहां सितंबर में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप कानूनों में बदलाव नहीं लाए गए हैं. उससे भी पहले 2007 में  राजधानी मेक्सिको शहर में गर्भपात को कानूनी मान्यता दी गई थी.

तब से मेक्सिको के कुल 32 राज्यों में से सिर्फ 10 में गर्भपात को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है. अधिकांश राज्यों में यह पिछले तीन सालों में ही हुआ है. उन 10 राज्यों में से भी कुछ में गर्भपात अधिकार के एक्टिविस्टों का कहना है कि उन्हें गर्भपात को सुरक्षित, सुलभ और सरकार द्वारा वित्त पोषित बनाने में निरंतर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

प्रेग्नेंसी की नसीहतों में कितनी सच्चाई?

08:01

This browser does not support the video element.

ऐक्टिविस्टों का यह भी कहना है कि इस बीच सरकारी अधिकारी गर्भपात को लेकर जागरूकता फैलाने और कम आय वाली महिलाओं के लिए वित्तीय मदद करने की बहुत कम कोशिश कर रहे हैं. कुछ ही दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक क्लीनिकों में गर्भपात के लिए दिशानिर्देशों को प्रकाशित किया था.

रेना आग्विलार ने बताया, "जिन संस्थानों को महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की कानूनी रूप से जिम्मेदारी दी गई है उन्हें मजबूत करने की जरूरत है."

मामलों का सामने आना भी जरूरी

मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने अब पांच राज्यों में संवैधानिक समादेश दायर किए हैं जिनका उद्देश्य है अधिकारियों को प्रेरित करना कि वो राष्ट्रीय फैसले के राज्य स्तर पर उल्लंघन के मामलों को चिन्हित करें और कार्यवाही करें.

गार्सिया क्रुसेनो के मामले में तीन साल तक जेल में बंद रहने के बाद 20 दिसंबर 2022 को उनका मामला राष्ट्रपति आंद्रेस मानुएल लोपेज ओबरादोर की रोजाना प्रेस वार्ता में उठा. राष्ट्रपति ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया.

कितने सुरक्षित हैं पीरियड वाले ऐप

03:33

This browser does not support the video element.

उसी रात एक जज ने फैसला दिया कि गार्सिया क्रुसेनो को जेल में रखे रहने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं थे. इसके बाद उन्हें बरी कर दिया गया. अब वो कहती हैं कि जब उनकी नींद खुलती है तो वो खुद को जेल की जगह अपने घर में पा कर चौंक जाती हैं.

वो कहती हैं, "अजीब लगता है. अभी भी जब मैं सो कर उठती हूं और अपनी मां को देखती हूं तो मुझे विश्वास नहीं होता है." उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने का फैसला किया है; उन्हें उम्मीद है कि वो किसी दिन एक शिक्षक बनेंगी. और उन्हें उम्मीद है कि उनका उदाहरण जेल में कैद दूसरी महिलाओं के भी काम आएगा.

गार्सिया क्रुसेनो ने कहा, "मैं नहीं चाहती हूं कि मेरे साथ जो भी हुआ वो और किसी के साथ हो. किसी को भी चुप नहीं रहना चाहिए. उनके साथ क्या हुआ, उन्हें इस बारे में बोलना चाहिए."

सीके/एए (एपी)

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें