नौसेना ने बताया है कि घायलों का इलाज मुंबई स्थित नेवी के अस्पताल में चल रहा है. नौसेना ने बयान जारी कर कहा है कि धमाका जहाज के आंतरिक कक्ष में हुआ. बताया गया कि जहाज के चालक दल के सदस्यों ने हालात पर तुरंत काबू पा लिया. भारतीय नौसेना ने कहा, कोई बड़ी सामग्री क्षति की रिपोर्ट नहीं है.
आईएनएस रणवीर नवंबर 2021 से पूर्वी नौसेना कमान से क्रॉस-कोस्ट ऑपरेशनल तैनाती पर है और जल्द ही अपने बेस पोर्ट पर लौटने वाला था. इसी दौरान जहाज में धमाका हुआ. भारतीय नौसेना ने तुरंत यह नहीं बताया कि धमाका किस कारण से हुआ, लेकिन कहा कि एक बोर्ड ऑफ इंक्वायरी इसकी जांच करेगा.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मुंबई में नौसेना के डॉकयार्ड में मंगलवार को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में आईएनएस रणवीर पर एक आंतरिक डिब्बे में विस्फोट के कारण नौसेना के तीन कर्मियों की मौत हो गई."
भारतीय मीडिया में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि मृतक तीनों कर्मी वरिष्ठ नाविक थे लेकिन अधिकारी नहीं थे. नौसेना मृतकों के परिवारों तक पहुंचने की प्रक्रिया में है और उसके बाद उनके नाम और विवरण जारी करेगी.
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हादसे में जवानों की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट किया, "आईएनएस रणवीर में विस्फोट की खबर बहुत दुखद है. मैं इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले नौसेना के नाविकों के रिश्तेदारों और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. और घायलों की पूरी तरह से स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं."
आईएनएस रणवीर में धमाका जून 2019 के बाद से भारतीय नौसेना में सबसे भीषण दुर्घटना है, जब मझगांव डॉकयार्ड में निर्माणाधीन जहाज में आग लगने से एक मजदूर की मौत हो गई थी. पांच राजपूत श्रेणी के विध्वंसकों में से चौथा, आईएनएस रणवीर को 28 अक्टूबर, 1986 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
श्रीलंका के जल में जलता जहाज
श्रीलंका पर्यावरण प्रदूषण की एक अभूतपूर्व घटनासे जूझ रहा है. प्लास्टिक कचरे से भरे जहाज के जलने के बाद उसके अवशेष बहकर उसके द्वीपों पर पहुंच रहे हैं और जल-जीवन के लिए खतरा बन गए हैं.
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कोलंबो के पास हादसा
एमवी एक्स-प्रेस पर्ल नाम के एक मालवाहक जहाज में दस दिन पहले आग लग गई थी. कोलंबो हार्बर के पास हुए हादसे की चपेट में आया. जहाज सिंगापुर का था और कॉस्मेटिक्स व केमिकल्स से भरा था.
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सेना का ऑपरेशन
जहाज में लगी आग बुझाने में अधिकारियों को अब तक संघर्ष करना पड़ रहा है. इसके लिए श्रीलंका की नौसेना और वायुसेना की मदद लेनी पड़ी है.
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प्लास्टिक का मलबा
जहाज का अधजला कई टन मलबा बहकर देश के विभिन्न समुद्र तटों पर पहुंच रहा है. इस कचरे में प्लास्टिक के बारीक टुकड़े हैं जो जलवायु के लिए बेहद खतरनाक हैं और हिंद महासागर के जल जीवन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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सबसे बुरा हादसा
श्रीलंका की मरीन प्रोटेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन धर्शानी लहंदापुरा ने कहा कि संभवतया यह देश के इतिहास का सबसे बुरा समुद्री तटीय प्रदूषण है.
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भारत से भी मदद
श्रीलंका की जल सेना के प्रवक्ता इंडिका डिसिल्वा ने कहा कि अब भी जहाज से धुआं और लपटें उठती देखी जा सकती हैं. भारत की नौसेना भी आग बुझाने में मदद कर रही है.
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संकट का अंत नहीं
एक नौसैनिक मंजुला दुलन्जाला ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि उनकी टीम ने शुक्रवार को बीच को पूरी तरह साफ कर दिया था पर अगली सुबह वह स्तब्ध रह गए जब देखा कि बीच फिर से पूरी तरह कचरे से भर गया था.
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ऐसा कभी नहीं देखा
एक अन्य जगह पर सफाई में लगी एक टीम के मुताबिक अधजला कचरे की परत 60 सेंटिमीटर तक मोटी है. एक स्थानीय मछुआरे, 68 साल के पीटर फर्नान्डो कहते हैं कि उन्होंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा.
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मछुआरों पर संकट
घटना के बाद से तट से 80 किलोमीटर के दायरे में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है. मछुआरों के हजारों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. एक रोमन कैथलिक चर्च में पादरी सुजीवा अथुकोराले कहते हैं कि उन्हीं के समुदाय में 4,500 मछुआरे परिवार हैं और उन्हें फौरन समुद्र में जाने की जरूरत है.
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खतरे में मैंग्रोव
पर्यावरण कर्मियों को चिंता है कि यह कचरा मैंग्रोव और उथले पानी में पैदा होने वाली मछलियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. समुद्र तट के नजदीक कोरल भी खतरे में हैं. जहाज में 278 टन तेल और 50 टन डीजल था जिसके लीक होने से खतरा और बढ़ जाएगा.
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सवा अरब का मुआवजा
मौजूदा हादसे के बाद श्रीलंका ने जहाज कंपनी के मालिकों से सफाई आदि के एवज में 17 मिलियन डॉलर यानी करीब सवा अरब रुपये का हर्जाना मांगा है.