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गुजरात: सैकड़ों मुस्लिम मछुआरों ने एक साथ मांगी इच्छामृत्यु

११ मई २०२२

गुजरात के छह सौ के करीब मुस्लिम मछुआरों ने भेदभाव का दावा करते हुए हाईकोर्ट से इच्छामृत्यु की मांग की है. स्थानीय मछुआरा समुदाय के एक नेता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

फाइल तस्वीर
फाइल तस्वीरतस्वीर: Reuters/R. De Chowdhuri

पोरबंदर के गोसाबारा के तटीय इलाके में रहने वाले मछुआरा समुदाय के एक नेता ने अपने और अपने समुदाय के 600 लोगों के लिए हाईकोर्ट में इच्छामृत्यु की मांग वाली याचिका दायर की है. मुस्लिम मछुआरों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हुए अल्लाहरखा इस्माइलभाई थिमार ने अपने वकील धर्मेश गुर्जर के जरिए याचिका दायर की.

याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके साथ प्रशासन धर्म के आधार पर भेदभाव करता है और मूलभूत सुविधाएं प्रदान नहीं करता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने मुस्लिम मछुआरा समुदाय के 600 सदस्यों और अपने परिवार के लिए रहम की मांग की थी.

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याचिका में आरोप लगाया कि संबंधित विभाग के अधिकारी उन्हें गोसाबारा या नवी बंदर पर नावों को लंगर डालने की अनुमति नहीं देते हैं और 2016 से उन्हें परेशान कर रहे हैं, जिसके कारण वे बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.

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इस्माइलभाई का आरोप है कि अधिकारी "धर्म के आधार पर उनके समुदाय के साथ भेदभाव कर रहे हैं." उनका यह भी आरोप है कि हिंदू मछुआरों को नियमित रूप से सभी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.

याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम मछुआरों ने अपनी समस्या सुलझाने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों से भी गुहार लगाई है लेकिन अब तक मामला नहीं सुलझ पाया है.

कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि इस्माइलभाई ने कहा कि मुस्लिम मछुआरों ने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी की थी, उन्हें कई रिमाइंडर भी भेजा था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका डाली.

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याचिका में यह भी कहा गया है कि मुस्लिम मछुआरा समुदाय हमेशा "देश के प्रति वफादार" रहा है और कभी भी तस्करी जैसी "राष्ट्र विरोधी गतिविधियों" में शामिल नहीं रहा है. साथ ही कहा, इसके विपरीत मुस्लिम मछुआरों ने अक्सर ऐसी गतिविधियों के बारे में "सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी" प्रदान की है, जो "पाकिस्तान और अन्य द्वारा प्रायोजित" हैं.

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