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भारत बना चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश

ओंकार सिंह जनौटी
२३ अगस्त २०२३

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो ने 23 अगस्त 2023 की शाम 6 बजकर 3 मिनट पर अपने मून मिशन चंद्रयान-3 को चंदा पर सफलतापूर्वक उतार दिया.

भारत का चंद्रयान 3 मिशन
तस्वीर: Aijaz Rahi/AP Photo/picture alliance

23 अगस्त, 2023 की शाम. बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी इसरो के मुख्यालय में वैज्ञानिक एक-एक पल को सांस थामकर देख रहे थे. उनके सामने कई स्क्रीनें थीं, किसी में चंद्रयान का लैडिंग पाथ दिख रहा था, किसी में स्पीड और ऊंचाई की जानकारी, तो किसी में चंद्रयान द्वारा टेलिकास्ट किया जा रहा वीडियो. लेकिन वैज्ञानिकों की दिलचस्पी इन जानकारियों से ज्यादा किसी और चीज में थी.

 वे तो बस इंतजार कर रहे थे कि सारे इंजन, उनकी गणना के हिसाब से काम करते रहें. चंद्रयान हर स्टेज पर अपनी पोजिशन साधकर धीमे-धीमे चांद पर उतर जाए. और अंत में, चंद्रयान 3 सफलता पूर्व चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर जाए.

चंद्रयान-3: अंतरिक्ष में इतिहास रचने के करीब भारत

गड्ढों से भरे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर आज तक कोई इंसानी मशीन नहीं पहुंची थी. 2019 में भारत का चंद्रयान 2 इसी कोशिश के दौरान क्रैश हो चुका था. इस ऐतिहासिक लैंडिंग से तीन दिन पहले रूस का लूना-25 मिशन भी दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से ठीक पहले क्रैश हो गया था. ऐसे में भारतीय वैज्ञानिकों का तनाव समझा जा सकता था. 

इतिहास रचने वाले इसरो के वैज्ञानिकतस्वीर: Aijaz Rahi/AP Photo/picture alliance

तनाव और तालियों की जुगलबंदी

तनाव के इन पलों के दौरान बीच-बीच में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही. चंद्रयान 3 जैसे ही चांद की सतह से 1,000 मीटर ऊपर पहुंचा, वैसे ही इसरो के मुख्यालय में जोरदार तालियां बजीं. इसके बाद जब यान की दूरी चांद से 800 मीटर रह गई, तालियां फिर गूंजी. ये तालियां बेहद संवेदनशील चरणों को सफलता से पार करने पर बज रही थीं. इसके बाद 150 मीटर, फिर 50 मीटर पर सपना साकार होने की आशाएं परवान चढ़ने लगीं. 

 आखिरी 50 मीटर के बाद कुछ देर की खामोशी थी, जिसे तालियों की जोरदार गूंज और गले मिलते वैज्ञानिकों के विजुअल्स ने तोड़ा. लाइव कमेंट्री ने बताया कि भारत ने इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 सफलता से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर गया है. भारतीय समयानुसार शाम छह बजकर तीन मिनट पर चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला मिशन बना. 

14 जुलाई 2023 को चांद के लिए निकला था चंद्रयान 3तस्वीर: R. Satish Babu/AFP/Getty Images

ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में भाग लेने दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस दौरान लाइव जुड़े थे. सफल लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिक समुदाय और पूरे देश को बधाई दी.

चांद के दक्षिणी ध्रुव में ऑक्सीजन, ईंधन और पानी की संभावनाएं हैं. भविष्य के चंद्रमा अभियानों और वहां संभावित मानव बस्तियों में इसकी अहम भूमिका हो सकती है. उम्मीद है कि चंद्रयान 3 यहां करीब दो हफ्ते तक छानबीन करेगा. इस दौरान चंद्रमा की सतह की खनिज बनावट को समझने के लिए कई प्रयोग भी किए जाएंगे. अमेरिका, चीन और जापान समेत कई देश चंद्रमा पर बेस बनाना चाहते हैं.


 

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