भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर बढ़ रहा है. देश में कोविड-19 के 50,210 नए केस सामने आए हैं. इसी के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 83.64 लाख के पार चली गई है. करीब एक हफ्ते बाद नए मामले 50 हजार के पार दर्ज किए गए हैं.
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देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त दोहरे संकट से घिरी हुई है. पहले तो कोरोना वायरस से यहां हालात बेकाबू हो रहे थे और प्रयासों के बाद नए मामले थमने लगे थे, लेकिन अब कोविड-19 के रोजाना नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बुधवार को दिल्ली में एक दिन में सर्वाधिक 6,842 नए मामले सामने आए. इसके साथ राजधानी में संक्रमण की दर भी 11.61 फीसद पर पहुंच गई.
ना सिर्फ कोरोना संक्रमण लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है बल्कि प्रदूषित हवा भी मुश्किल पैदा कर रही है. दिल्ली में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा भी अब तक का सर्वाधिक हो चुका है. फिलहाल कुल 37,369 सक्रिय मरीज हैं. संक्रमण को देखते हुए सरकार भी सतर्क हो गई.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बढ़ते मामलों को देखते हुए कहा है कि शहर में कोरोना की यह "तीसरी लहर" है. उन्होंने कहा, "जिस तरह से कोरोना के मामलों में उछाल आया है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह कोरोना की तीसरी लहर है. हम इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. संक्रमण रोकने के लिए जो भी जरूरी कदम उठाने की जरूरत है, वह उठाए जा रहे हैं." केजरीवाल ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं लेकिन कुछ निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बिस्तरों की कमी है. उनके मुताबिक इसका निदान भी एक-दो दिन में कर लिया जाएगा.
दूसरे राज्यों की बात की जाए तो केरल में सबसे अधिक नए मामले बीते 24 घंटे में सामने आए हैं. यहां नए मामले 8,516 दर्ज किए गए, इसके बाद दिल्ली में 6,842, महाराष्ट्र में 5,506, पश्चिम बंगाल में 3,987 और कर्नाटक में 3,377 नए मामले दर्ज किए गए हैं.
दिल्ली की बिगड़ती हवा
दिल्ली ना केवल कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों से जूझ रही है बल्कि राजधानी की हवा की गुणवत्ता भी बेहद खराब हो गई है. बुधवार सुबह से दिल्ली-राष्ट्रीय क्षेत्र में छाया स्मॉग गुरुवार को भी उसी तरह बरकरार रहा. हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों की आंखों में जलन हो रही है और सांस लेने में परेशानी हो रही है, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को. दिल्ली से सटे कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता स्तर 400 के पार पहुंच गया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले एक-दो दिनों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका है.
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नए कानून में क्या है?
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र ने नया कानून बनाया है. इस कानून के तहत 5 साल तक की जेल और एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान है. दिल्ली और आस-पास में हर साल प्रदूषण बड़ा संकट बन जाता है.
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सख्त है नया कानून
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केंद्र ने अध्यादेश के जरिए नया कानून तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. केंद्र सरकार ने नए अध्यादेश के जरिए प्रावधान किया है कि जो भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होगा, उसे दोषी पाए जाने पर पांच साल तक जेल की सजा हो सकती है और उस पर एक करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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प्रदूषण एक गंभीर सम्सया
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अध्यादेश के जरिए कानून लाना एक महत्वपूर्ण फैसला है और इससे शहर और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण घटाया जाना सुनिश्चित होगा. उनके मुताबिक राजधानी में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पड़ोसी क्षेत्रों में प्रदूषण रोकने के लिए यह आयोग असरदार साबित होगा.
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शक्तिशाली आयोग
अध्यादेश के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर से जुड़े इलाके, आसपास के क्षेत्र जहां यह लागू होगा उसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश हैं. आयोग के पास वायु गुणवत्ता, प्रदूषणकारी तत्वों के बहाव के लिए मानक तय करने, कानून का उल्लंघन करने वाले परिसरों का निरीक्षण करने, नियमों का पालन नहीं करने वाले उद्योगों, संयंत्रों को बंद करने का आदेश देने का अधिकार होगा.
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साल भर प्रदूषण के खिलाफ काम
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि नया आयोग प्रदूषण की रोकथाम के लिए साल भर रिसर्च एंड इनोवेशन में काम करेगा और प्रदूषण को रोकने में कामयाबी हासिल करेगा. मौजूदा नियमों में जेल की सजा एक साल थी और जुर्माना एक लाख था लेकिन नए अध्यादेश में दोनों बढ़ा दिए गए हैं.
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आयोग का निर्देश मान्य होगा
अध्यादेश के मुताबिक अगर राज्यों के फैसले से टकराव हुआ तो आयोग का आदेश मान्य होगा. आयोग की शिकायत पर मैजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा चलेगा. आयोग में एनजीओ और एक्टिविस्ट भी सदस्य होंगे.
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ईपीसीए का अंत
विधि और न्याय मंत्रालय ने 29 अक्टूबर को जारी अध्यादेश के तहत पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) को भंग कर दिया और और इसकी जगह 18 सदस्यों वाले एक आयोग का गठन किया है. राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी है. इसके तहत कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट भी बनाया गया है जो दिल्ली, एनसीआर और आसपास के इलाके को देखेगा.
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22 साल से काम कर रहा था ईपीसीए
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकने और प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ईपीसीए पिछले 22 साल से काम कर रहा था लेकिन वह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने में असरदार साबित नहीं हो पा रहा था. हालांकि ईपीसीए ने नए आयोग के गठन का स्वागत किया है. उसके मुताबिक ईपीसीए ने इतने सालों में सरकार और सुप्रीम कोर्ट को समस्या के समाधान के लिए सुझाव और रिपोर्ट सौंपी है.
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दिल्ली में ग्रीन ऐप
दिल्ली में प्रदूषण की शिकायत करने के लिए ग्रीन दिल्ली ऐप का इस्तेमाल अब मुमकिन हो गया है. लोग इस ऐप के जरिए प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की शिकायत कर पाएंगे और कूड़ा जलाने, उद्योग के प्रदूषण, धूल उड़ाने की तस्वीरें भी ऐप पर अपलोड कर पाएंगे.