देश में कोरोना वायरस की आक्रामकता में तेजी आई है. कोरोना के मामलों में इस सप्ताह 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं इससे पहले वाले सप्ताह के मुकाबले में इस सप्ताह कोरोना के एक लाख 30 हजार ज्यादा मामले आए हैं.
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रविवार को भारत में 68,266 नए मामले दर्ज किए गए. यह आंकड़ा पिछले 168 दिनों में सबसे अधिक है. यही नहीं कोरोना वायरस से मरने वालों में भी 51 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस सप्ताह कोरोना से 1,857 मौतें हुईं जो कि पिछले साल के दिसंबर के 21 से 27 वाले हफ्ते के बाद सबसे ज्यादा है. महाराष्ट्र में रविवार को सबसे अधिक मामले रिकॉर्ड किए गए. वहां 40,414 नए मामले दर्ज किए गए. देश में 22 मार्च से 28 मार्च वाले सप्ताह में 3.9 लाख नए केस सामने आए हैं जो कि पिछले साल अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा है. सक्रिम मामलों की बात की जाए तो देश में सक्रिय मामलों की संख्या भी 5 लाख के पास पहुंच गई है. अकेले रविवार को ही सक्रिय केसों में 35 हजार से अधिक नए मामले जुड़े.
दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार पूरे राज्य में लॉकडाउन लगाने की तैयारी कर रही है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और कोविड टास्क फोर्स के साथ समीक्षा बैठक के बाद राज्य में कुछ समय के लिए लॉकडाउन लगाने के संकेत दिए हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग दिशा-निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और इसकी वजह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसलिए लॉकडाउन जैसे कदम पर विचार करने की जरूरत है. उन्होंने अधिकारियों से इसके लिए रौडमैप तैयार करने को कहा है.
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर सरकार और जनता के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि लोग वायरस को लेकर लापरवाह हो गए हैं और कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.
रंग की उमंग पर कोरोना का साया
कोरोना के कारण कई राज्यों में होली के मद्देनजर कई पाबंदियां भी लगाई गई हैं. कई राज्यों में होली के सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है. कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, गुजरात और मध्य प्रदेश में होली के दौरान सार्वजनिक उत्सवों पर प्रतिबंध लगाया गया है. जहां कहीं भी एहतियात बरतते हुए होली खेलने की मंजूरी दी गई, वहां भी लोग सार्वजनिक होली मिलन समारोहों से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं. खासतौर से दिल्ली-एनसीआर में लोग अपने घरों में ही होली खेल रहे हैं. कुछ राज्यों में सार्वजनिक होली खेलने के लिए प्रशासन से मंजूरी लेना आवश्यक है.
20 से अधिक देशों के दरवाजे पर गंभीर भूख का संकट
संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों का कहना है कि राजनीतिक संघर्ष, कोरोना महामारी और कठोर मौसम की घटनाओं के कारण 20 से अधिक देशों में गंभीर भूख का संकट बढ़ने वाला है.
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20 देशों में गंभीर खाद्य असुरक्षा
संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने साझा रूप से हंगर हॉटस्पॉट नाम की एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में बढ़ती भुखमरी के लिए हिंसक संघर्ष, कठोर मौसम की घटनाओं और कोविड-19 को जिम्मेदार बताया गया है. एजेंसियों ने हालात ना बिगड़ने देने के लिए सरकारों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
तस्वीर: Fotolia/karandaev
युद्ध वाले देश सबसे ज्यादा प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रभावित देश यमन, दक्षिण सूडान और उत्तरी नाइजीरिया हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा संकट अफ्रीकी देशों में है, लेकिन अब अफगानिस्तान, सीरिया, लेबनान और हैती जैसे देश भी भूख के तेजी से बढ़ने की आशंका का सामना कर रहे हैं.
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दुनिया में भूख
डब्ल्यूएफपी और एफएओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 3 करोड़ 40 लाख लोग पहले ही आपात स्तर पर गंभीर भूख का सामना कर रहे हैं. यानि भुखमरी से एक कदम ही दूर हैं. डब्ल्यूएफपी के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ले कहते हैं, "हम अपनी आंखों के सामने तबाही देख रहे हैं. संघर्ष, जलवायु परिवर्तन के चौंकाने वाले प्रभाव और कोविड-19 के कारण लाखों परिवारों के दरवाजे पर अकाल दस्तक दे रहा है."
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कैसे मिटेगी भूख
हंगर हॉटस्पॉट रिपोर्ट के मुताबिक, "इन अत्यंत संवेदनशील समुदायों को बचाने के लिए और संवेदनशील क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए मानवीय कार्रवाई की जरूरत है." रिपोर्ट में कहा गया है, "इन देशों में आबादी के कुछ हिस्से पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट, कुपोषण और गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं." ऐसी अनिश्चित स्थिति में एक ही झटके में गरीबी या भुखमरी के कगार पर लोगों की एक बड़ी संख्या आ सकती है.
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तीन उपाय
विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बीजली के मुताबिक भुखमरी से लाखों लोगों को बचाने के लिए तत्काल तीन चीजों की जरूरत है- लड़ाई को रोकना, कमजोर समुदायों तक मदद पहुंचाने की इजाजत मिलना और दानदाताओं का आगे आकर दान करना.
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भूख क्यों बढ़ रही है?
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के मुताबिक दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे संघर्ष, कोविड-19 वैश्विक महामारी, चरम जलवायु परिवर्तन, टिड्डी दल का फसलों पर हमला और सबसे कमजोर समुदायों तक पहुंच की कमी, भूख को बढ़ावा दे रहे हैं.
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संकट में करोड़ों, सरकारों से अपील
यूएन खाद्य और कृषि एजेंसी के महानिदेशक क्यू डोन्गयू का कहना है कि पीड़ा का स्तर बेहद चिंताजनक है. वे कहते हैं, "यह हम सभी का दायित्व है कि जिंदगियां बचाने, आजीविकाओं की रक्षा करने और बदतर हालात को टालने के लिए तुरंत और तेज कार्रवाई की जाए."