भारत ने कोरोना के खिलाफ एक नया मील का पत्थर पार कर लिया है. देश में टीकाकरण का आंकड़ा रिकॉर्ड 100 करोड़ के पार पहुंच गया है.
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कोरोना महामारी के खिलाफ जारी अभियान में भारत ने गुरुवार, 21 अक्टबूर को ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया. गुरुवार की सुबह भारत कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के मील के पत्थर पर पहुंच गया जब एक अरब लोगों को टीका लग चुका था. सरकार चाहती है कि इस साल भारत के सभी 94.4 करोड़ वयस्कों को टीका लगाया जाए.
100 करोड़ कोविड-19 टीकाकरण के लक्ष्य में पहली और दूसरी दोनों खुराकें शामिल हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने 100 करोड़ टीकाकरण के ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल करने पर बधाई दी है.
भारत में 16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी. देश ने 9 महीने में एक अरब कोविड-19 वैक्सीन की खुराक का आंकड़ा पार कर लिया.
भारत ने 100 करोड़ टीके का अहम पड़ाव कुछ इस तरह से पाया.
- 1 से 10 करोड़ डोज
85 दिन
- 10 से 20 करोड़ डोज
45 दिन
- 20 से 30 करोड़ डोज
29 दिन
- 30 से 40 करोड़ डोज
24 दिन
- 40 से 50 करोड़ डोज
20 दिन
- 50 से 60 करोड़ डोज
19 दिन
- 60 से 70 करोड़ डोज
13 दिन
- 70 से 80 करोड़ डोज
12 दिन
- 80 से 90 करोड़ डोज
13 दिन
- 90 से 100 करोड़
19 दिन
मोदी ने दी बधाई
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अरब डोज पूरे होने के मौके पर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे और स्वास्थ्यकर्मियों से मुलाकात की. मोदी ने ऐतिहासिक लक्ष्य पार करने पर भी ट्वीट कर सभी का आभार जताया. मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा. "100 करोड़ टीकाकरण पार करने पर भारत को बधाई. हमारे डॉक्टरों, नर्सों और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम करने वाले सभी लोगों का आभार."
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भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण का अभियान शुरू हुआ था. पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी. इसके बाद वाले चरण में 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी गई. 1 अप्रैल से देश में 45 साल के ऊपर वाले सभी लोगों को वैक्सीन दी जाने लगी. इसके बाद 1 मई से देश में 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन देने का ऐलान किया गया था.
वैक्सीन पहुंचाने वाले ये वीर
कुछ स्वास्थ्यकर्मी हिमालय के दूर-दराज के गांवों में जाकर वैक्सीन लगाने का दुरुह काम कर रहे हैं. तस्वीरों में मिलिए इन बहादुरों से...
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
हिमालय में वैक्सीन
हिमाचल के मलाना गांव तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं है. जिस दिन टीम को जाना था उससे एक दिन पहले हुए भूस्खलन ने सड़क बंद कर दी.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
तीन घंटे की ट्रेकिंग
नतीजतन स्वास्थ्यकर्मियों को तीन घंटे ट्रेकिंग करके गांव तक पहुंचना पड़ा. नदी घाटी में चढ़ाई और उतराई का यह लंबा रास्ता है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
सब तक टीका
इस मेहनत का फल यह हुआ कि मलाना हिमाचल का पहला ऐसा गांव बन गया है जहां सभी वयस्कों को टीके की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
तीन दिन का काम
वैक्सीन खुराकों से भरे दो डिब्बों के साथ डॉ. अतुल गुप्ता के नेतृत्व में पांच स्वास्थ्यकर्मियों के दल ने यह उपलब्धि सितंबर में ही हासिल की.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
नदी के उस पार
नदी पार करने के लिए वैक्सीन के बॉक्स गोंदोला के जरिए एक तरफ से दूसरी ओर भेजे गए जबकि लोगों को ट्रेक करना पड़ा.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
330 फुट की चढ़ाई
यह ट्रेक कितना मुश्किल है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 330 फुट की खड़ी चढ़ाई है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
देवताओं की सुनी
मलाना में 11,00 वयस्क हैं. गांव के प्रधान राजाराम बताते हैं कि लोग वैक्सीन लगवाने से पहले डर रहे थे लेकिन जब देवताओं ने कहा तो वे मान गए. हिमाचली गांवों में देवताओं की उपाधि सम्माननीय और धार्मिक लोगों को मिलती है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
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देश में शुरुआत में वैक्सीन के प्रति लोगों में हिचकिचाहट भी देखने को मिली. जागरूकता की कमी के कारण लोग इसे लेने से पीछे हटते दिखे. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में लोगों में वैक्सीन को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां फैली हुई थीं. उन भ्रांतियों को दूर कर लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित किया गया.
केरल के कोविड एक्सपर्ट पैनल के सदस्य डॉ. अनीष टीएस ने निजी समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा कि यह खुशी का पल है. उन्होंने कहा कि हम अपने आपको बधाई दे सकते हैं कि हमने एक अरब खुराक लगाई हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे सामने अभी भी चुनौतियां हैं.
उन्होंने कहा कि करीब 25 फीसदी व्यसक आबादी को पहली खुराक देना बाकी है. उनके मुताबिक इस 25 फीसदी को टीका लगाना उन 75 फीसदी आबादी से ज्यादा चुनौती भरा जिसको पहले ही टीका लगाया जा चुका है.
चीन के बाद भारत 1 अरब वैक्सीन की खुराक देने वाला दूसरा देश बन गया है.
भारत की टीका यात्रा
भारत ने 21 अक्टूबर को 100 करोड़ कोरोना टीकों की यात्रा पार कर ली. 130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. हालांकि इन 100 करोड़ में से अधिकतर वो लोग हैं जिन्हें सिर्फ एक टीका लगा है.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
एक अरब टीके
भारत ने 100 करोड़ टीके लगाने का मुकाम 21 अक्टूबर, 2021 को हासिल कर लिया. कोरोना के खिलाफ 279 दिनों में 100 करोड़ टीके का अहम पड़ाव हासिल किया.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
"टीम इंडिया की कामयाबी"
100 करोड़ से अधिक टीके लग जाने के अगले दिन यानी 22 अक्टूबर 2021 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रमुख हिंदी और अंग्रेजी अखबारों में आलेख लिखा. उन्होंने लिखा 100 करोड़ टीके टीम इंडिया की सफलता है. मोदी ने अपने आलेख में लिखा, "भारत ने टीकाकरण की शुरुआत के मात्र 9 महीने बाद ही 21 अक्टूबर, 2021 को टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया है."
22 अक्टूबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मेड इन इंडिया की ताकत बहुत बड़ी होती है. हमारे लिए लोकतंत्र का मतलब सबका साथ है." उन्होंने कहा नई सफलता से नया आत्मविश्वास जागा है.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
ऐतिहासिक पल
100 करोड़ डोज पूरे होने पर देश की 100 ऐतिहासिक इमारतों को विशेष लाइटिंग के जरिए सजाया गया.
तस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS
सजा लालकिला
ऐतिहासिक लाल किले को भी तिरंगे वाली रोशनी से सजाया गया. इस मौके पर खादी का सबसे बड़ा तिरंगा फहराया गया.
तस्वीर: Altaf Qadri/AP Photo/picture alliance
खास फ्लाइट
स्पाइस जेट ने देश के 100 करोड़ टीके पूरे होने पर एक खास फ्लाइट को उतारा. इस पर मोदी की तस्वीर के साथ कोरोना वॉरियर्स की भी तस्वीरें लगीं हैं.
तस्वीर: Manish Swarup/AP Photo/picture alliance
बीजेपी समर्थकों का जश्न
सत्ताधारी दल बीजेपी के समर्थकों ने गुजरात के अहमदाबाद में कुछ इस तरह से 100 करोड़ डोज पूरे होने का जश्न मनाया.
तस्वीर: Ajit Solanki/AP Photo/picture alliance
राज्यों की भूमिका
नौ राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी पूरी 18 प्लस आबादी को टीके की एक खुराक लगा दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार देश की 31 फीसदी वयस्क आबादी को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
चुनौती अभी बाकी
देश में लगभग तीन-चौथाई वयस्कों को अब एक टीका लग चुका है और लगभग 31 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. हालांकि 18 साल से कम उम्र के करोड़ों भारतीयों - जो आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हैं उन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है.
तस्वीर: Dibyangshu Sarkar/AFP
कोवैक्सीन को मान्यता का इंतजार
विश्व स्वास्थ्य संगठन से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अब तक मान्यता नहीं मिली है. कंपनी ने संगठन को जरूरी डेटा सौंपे हैं लेकिन अब तक कौवैक्सीन को मंजूरी का इंतजार है. भारत को उम्मीद है कि जल्द ही डब्ल्यूएचओ इसको मंजूरी दे देगा.