वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल नोटबंदी जैसी भारत सरकार की आर्थिक नीतियों और पारदर्शिता लाने की कोशिशों से काफी खुश है. काउंसिल को लगता है कि इससे तस्करी रुकेगी और कालाबाजारी बंद होगी.
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काउंसिल ने कहा है कि बुलियन ट्रेडिंग और ब्रैंडेड गोल्ड जूलरी के कारोबार में पारदर्शिता लाने की भारत की कोशिशें सराहनीय हैं और ये दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ाने में कारगर साबित होंगी.
भारत में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमासुंदरम पीआर ने नोटबंदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि 500 रुपये और एक हजार रुपये के करंसी नोट बदलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला बड़े जूलरी रीटेलर्स के लिए बहुत अच्छा साबित होगा. सोमासुंदरम को उम्मीद है कि 2015 तक बड़े जूलरी रीटेलर्स का भारतीय बाजार में जो हिस्सा 30 फीसदी था वह 2020 तक बढ़कर 40 फीसदी हो जाएगा. सोमासुंदरम कहते हैं, "आज उद्योग के सामने सबसे बड़ी चुनौती पारदर्शिता की है. नोटबंदी ने इस चुनौती से पार पाने की कोशिश की है. अब उपभोक्ताओं को बड़े लेनदेन चेक से या ऑनलाइन ही करने होंगे."
देखिए, सबसे ज्यादा सोना कहां होता है
सबसे ज्यादा कहां होता है सोना
भारतीयों को सोने से प्यार है ना? पर दुनिया में सोने का सबसे ज्यादा सालाना उत्पादन कहां होता है? जानिए...
भारत में पिछला दशक ब्रैंडेड जूलरी के लिए बहुत फायदे का रहा है. साल 2000 के बाद से टाइटन, पीसी जूलर और गीतांजली जेम्स जैसे बड़े गोल्ड जूलर्स की बाजार में हिस्सेदारी में 5 फीसदी का बड़ा उछाल देखा गया है क्योंकि युवा उपभोक्ता ब्रैंडेड जूलरी की ओर मुड़े. भारत में लगभग चार लाख जूलर हैं लेकिन ज्यादातर कैश में ही कारोबार करते हैं. छोटे दुकानदार तो हिसाब किताब भी कम ही रखते हैं और दस्तावेजीकरण ना करके टैक्स बचाने की कोशिश भी खूब होती है. लोग भी इस बहाने अपने काले धन से बिना रसीद लिये सोना खरीदते हैं. अब तक भारत में सोने का 70 फीसदी व्यापार कैश में ही होता रहा है. सोमासुंदरम कहते हैं, इस कारण से और हाल के सालों में सोने पर लगाये गए 10 फीसदी के आयात कर के चलते तस्करी को बढ़ावा मिला है.
तस्वीरों में, कितना बेशकीमती है हरा सोना
कितना बेशकीमती है 'हरा सोना'
सदियों से ग्रीन स्टोन का इस्तेमाल हथियार, औजार और गहने बनाने में होता आया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कीमती हरा पत्थर केवल न्यूजीलैंड में ही पाया जाता है और कानूनन इस पर केवल यहां के माओरी समुदाय का ही हक है.
तस्वीर: Museum Waitangi
समुद्र में गड़ा खजाना
न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट पर होकिटिका शहर को हरे पत्थर का गढ़ माना जाता है. यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर क्राइस्टचर्च में ग्रीनस्टोन की नक्काशी होती है. इसे स्थानीय माओरी लोगों की बोली में पोनामू कहा जाता है.
तस्वीर: Schwörer Pressefoto
पत्थर के मिस्त्री का शहर
इस छोटे से शहर क्राइस्टचर्च में ऐसी कई दुकानें हैं जहां ग्रीनस्टोन पर काम किया जाता है. वर्कशॉप में छोटी बड़ी कई घिसाई की मशीनें लगी होती हैं जहां इस हरे पत्थर को घिस कर काम लायक बनाया जाता है.
तस्वीर: Michael Marek
कई तरह का हरा
ग्रीन स्टोन को माओरी लोग पवित्र मानते हैं. इससे वे रोजमर्रा की कई चीजें जैसे कुल्हाड़ी और कंघी बनाते हैं. इसके अलावा इस हरे सोने से गहने भी बनाए जाते हैं. यह पत्थर हरे रंग के कई हल्के गहरे शेड में मिलते हैं.
तस्वीर: Michael Marek
घिसाई, धुलाई और पॉलिश
ग्रीनस्टोन बेहद कठोर होते हैं इसलिए इन्हें घिसने के लिए भी वैसे ही औजार इस्तेमाल किए जाते हैं जैसे हीरे की घिसाई के लिए. पत्थर को पॉलिश करने के लिए तेल के इस्तेमाल के साथ साथ बहुत सारा समय और धैर्य भी लगता है.
तस्वीर: Michael Marek
एशिया से मुकाबला
हर पत्थर को सर्टिफाई किया जाता है जिससे इसकी उत्पत्ति के बारे में पता चलता है. होकिटिका शहर के कारीगर चीन से पहुंच रहे कई सस्ते जेड पत्थर उत्पादों के बीच अपने मूल पत्थरों को बचाने को अपनी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा मानते हैं.
तस्वीर: Michael Marek
नदी में मिले
होकिटिका शहर से 10 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में बहने वाली आराहुरा नदी की माओरी लोगों में बड़ी मान्यता है. वह उनके लिए आध्यात्मिक स्थान है और यही ग्रीन स्टोन मिलने की मुख्य जगह भी है.
तस्वीर: Wiremu Weepu
हरी चमक
माओरी लोगों में जेड पत्थर की उत्पत्ति से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. एक कहानी पुतिनी की है जिसे एक शादीशुदा शख्स वाइतैइकी से प्यार हो गया. अपने पति के गुस्से के डर से पुतिनी ने अपने प्रेमी को अपने आंसुओं से ग्रीनस्टोन में बदल दिया.
तस्वीर: Petr Hlavacek Photography
सांस्कृतिक महत्व
ज्यादातर माओरी परिवारों में जेड पत्थर संभाल के रखा जाता है और पारिवारिक धरोहर के रूप में एक से दूसरी पीढ़ी में पहुंचता है. हर एक ग्रीनस्टोन को माओरी पंजीकृत करते हैं और उसे एक नंबर से सर्टिफाई करते हैं.
तस्वीर: Museum Waitangi
कानून क्या कहता है
सन 1997 में न्यूजीलैंड सरकार ने निर्णय किया कि सभी ग्रीनस्टोन्स पर साउथ आइलैंड के सबसे बड़े कबीले नगाई ताहू का अधिकार है, जो कि माओरी लोगों का सबसे बड़ा समुदाय है. (मिषाएल मारेक/आरपी)
तस्वीर: Michael Marek
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में एकाएक बड़ा कदम उठाते हुए देश के 86 फीसदी नोटों को बदल दिया. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इस कदम की तारीफ की है. काउंसिल के मुताबिक इससे सोने की तस्करी रोकने में मदद मिलेगी. सोमासुंदरम कहते हैं, "कैशलेस लेनदेन होगा तो कालाबाजारी बंद हो जाएगी. लंबे समय में इसका फायदा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं, दोनों को होगा."