द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने उनका कार्यक्रम आखिरी समय में रद्द कर दिया.
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फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' से चर्चा में आए निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में व्याख्यान देने पर विश्वविद्यालय ने कथित तौर पर अंतिम समय पर रद्द कर उसे एक जुलाई के लिए आगे बढ़ा दिया है. अग्निहोत्री इस समय यूरोप के दौरे पर हैं. उन्होंने अपने इस दौरे का नाम 'ह्यूमैनिटी टुअर' रखा है. अग्निहोत्री ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश भी डाला है और यूनिवर्सिटी यूनियन पर "हिंदूफोबिक" होने का आरोप लगाया है.
अग्निहोत्री ने अपने बयान में कहा "हिंदूफोबिया से ग्रसित ऑक्सफर्ड यूनियन में फिर एक हिंदू आवाज पर प्रतिबंध लगाया गया है." अग्निहोत्री ने कहा, "उन्होंने मेरा कार्यक्रम रद्द कर दिया है. वास्तव में, उन्होंने हिंदू नरसंहार और हिंदू छात्रों को रद्द कर दिया है जो ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय में अल्पसंख्यक हैं."
किसिंग सीन के कारण बैन हुई फिल्म
एंजेलिना जोली, गेमा चान, सलमा हाएक और ब्रायन टाइरी हेनरी जैसे स्टार्स से सजी फिल्म ‘इटरनल्स’ को खाड़ी देशों में बैन कर दिया गया. वजह है एक किसिंग सीन.
तस्वीर: Marvel Studios/imago images
किसिंग सीन के कारण प्रतिबंध
ऑस्कर जीत चुकीं निर्देशक क्लोई जाओ की फिल्म इटरनल्स में एलजीबीटीक्यू किरदार दिखाए गए हैं. समलैंगि किरदार किस भी करते नजर आते हैं.
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सऊदी अरब, कतर, कुवैत
खाड़ी देशों में समलैंगिकता अपराध है, इसलिए यह सीन वहां बर्दाश्त नहीं किया गया. हालांकि सिनेमा के इतिहास में यह फिल्म मील का पत्थर है. इसमें किरदारों को निभाने वाले कलाकारों की खूब विविधता है. अनेक अश्वेत कलाकार हैं और पहली बार एक बहरी सुपरहीरो भी नजर आई.
तस्वीर: Marvel Studios/imago images
ऑनलाइन भी नफरत
फिल्म में अश्वेत समलैंगिक किरदार को किस करते देख काफी लोग नाराज हुए हैं. आईएमडीबी और अन्य वेबसाइटों को अपने रिव्यू सेक्शन को ही बंद करना पड़ा क्योंकि हजारों की तादाद में एक-एक स्टार दिया जा रहा था, जबकि फिल्म सिनेमा में आई भी नहीं थी.
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‘ज्यादा ही विविधता है’
आलोचक कहते हैं कि फिल्म में ज्यादा ही विविधता दिखाई गई है. न्यूज साइट इनसाइडर का कहना है कि कई बार पहले भी ऐसा हो चुका है जब विविधता भरी फिल्मों जैसे स्टार वॉर्स और कैप्टन मार्वल को जानबूझकर खराब रेटिंग दी गई.
तस्वीर: Walt Disney Co./Courtesy Everett Collection/picture alliance
कई अनूठे प्रयोग
फिल्म में कई अनूठे प्रयोग किए गए हैं जैसे कि एक नई साइन लैंग्वेज जिसे पहली बहरी कलाकार लॉरेन रिडलॉफ ने इस्तेमाल किया है. टेकरेडार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि अपने किरदार के लिए उन्होंने यह नई संकेत भाषा तैयार की थी.
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पहला दक्षिण भारतीय सुपरहीरो
फिल्म में पाकिस्तानी एक्टर कुमैल नानजियानी ने सुपरहीरो किंगो का किरदार निभाया है, जो मार्वल फिल्म का पहला दक्षिण भारतीय सुपरहीरो है.
तस्वीर: Marvel Studios/imago images
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अग्निहोत्री का कहना है कि यूनिवर्सिटी यूनियन ने उन्हें लंबे समय पहले निमंत्रण दिया था और मंगलवार को उन्हें वहां व्याख्यान देना था. अग्निहोत्री ने ट्विटर पर जो वीडियो संदेश जारी किया उसमें उन्होंने कहा, "यह सब ईमेल पर पुष्टि की गई थी, लेकिन कुछ घंटे पहले, उन्होंने कहा कि गलती से दोहरी बुकिंग हो गई थी और वे आज मेरी मेजबानी नहीं कर पाएंगे. मुझसे पूछे बिना उन्होंने कार्यक्रम की तारीख बदलकर 1 जुलाई कर दी, क्योंकि उस दिन कोई छात्र नहीं होगा और तब कार्यक्रम करने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा."
साथ ही उन्होंने सवाल किया, "क्या वे मेरा कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं, नहीं... वे लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को रद्द करना चाहते हैं, खासकर नरेंद्र मोदी को. वे हमपर फासीवादी होने का ठप्पा लगाना चाहते हैं. वे हमें इस्लामोफोबिक बताना चाहते हैं. हजारों कश्मीरी हिंदुओं को मारना हिंदूफोबिक नहीं था लेकिन उस सच्चाई पर फिल्म बनाना इस्लामोफोबिक है."
उन्होंने यूनियन के खिलाफ मुकदमा दायर करने की भी बात कही है. अग्निहोत्री ने कहा कि यह "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" पर अंकुश लगाने जैसा है. अग्निहोत्री के आरोपों पर यूनिवर्सिटी की ओर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
इसी साल मार्च में रिलीज हुई अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स', 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर केंद्रित थी. फिल्म को लेकर काफी विवाद भी खड़ा हुआ था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के कई नेताओं ने फिल्म की तारीफ की थी. फिल्म की आलोचना भी हुई थी. यही नहीं मई में सिंगापुर में 'द कश्मीर फाइल्स' पर समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की संभावना की वजह से बैन लगा दिया गया था. सिंगापुर की सरकार ने फिल्म में मुसलमानों के एक पक्षीय और भड़काऊ चित्रण को लेकर कड़ा बयान भी दिया था.
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट भी रही लेकिन आलोचकों का कहना है कि उसमें तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया गया है और वह मुस्लिम विरोधी भावनाएं भड़काती है.
ड्रैकुला के 9 फिल्मी अवतार
125 साल पहले आयरिश लेखक बराम स्टोकर की किताब "ड्रैकुला" छपी थी. यह किताब यूरोप के उत्कृष्ट साहित्य में शामिल हुई और इस पर कई फिल्में बनीं. इन फिल्मों में ड्रैकुला कभी बदसूरत और खतरनाक नजर आया तो कहीं बेहद आकर्षक.
तस्वीर: Friedrich-Wilhelm-Murnau-Stiftung
नोसफेरातू (1921)
1921 में जब जर्मन डायरेक्टर फ्रीडरीष विलहेम मुरनाउ ने नोसफेरातू की शूटिंग शुरू की तो उस वक्त "हॉरर मूवी" जैसी कोई चीज नहीं थी. माक्स श्रेक ने इसमें वैम्पायर यानी पिशाच काउंट ओर्लोक की भूमिका निभाई थी. मूक फिल्मों के दौर में वह उस वक्त का सबसे डरावना किरदार था. चमगादड़ जैसे कान और घुटे सिर वाले मनहूस किरदार की मोटी भौंहें और लंबे दांत देखकर ऐसा लगा जैसे सीधे नर्क के कुएं से निकला हो.
तस्वीर: Friedrich-Wilhelm-Murnau-Stiftung
ड्रैकुला (1931)
अभिनेता बेला लुगोसी पहले शख्स थे जिन्होंने काउंट ड्रैकुला का अभिनय पर्दे पर किया. हंगरी में जन्मे लुगोसी ने ब्रॉडवे के अलग-अलग शो में इस पिशाच का किरदार जितनी बार निभाया उतना और किसी ने नहीं किया. 4 फरवरी 1931 को टोड ब्राउनिंग की फिल्म ड्रैक्युला का अमेरिका में प्रीमियर हुआ. इसमें लुगोसी ने ट्रांसिल्वियाई काउंट को सुसभ्य बनाया जो बात करते-करते खून पी जाता.
तस्वीर: Everett Collection/picture alliance
ड्रैकुला (1958)
कई बार ड्रैकुला बनने वालों में हॉलीवुड के अभिनेता क्रिस्टोफर ली भी हैं. ड्रैकुला के 1958 के संस्करण की इस तस्वीर में नजर आ रहे ली को तब टेरेंश फिशल ने निर्देशित क्या था. ली ने खून चूसने वाले शैतान की भूमिका कम से कम 10 फिल्मों में निभाई है.
तस्वीर: Everett Collection/picture alliance
नोसफेरातु द वैंपायर (1979)
फिल्म निर्देशक वेर्नर हर्जोग ने मुरनाउ की नोसफेरातू को इसकी रिमेक बना कर श्रद्धांजली दी. जर्मन में इस फिल्म का नाम था- नोसफेरातूः फैंटम ऑफ द नाइट. ड्रैकुला की भूमिका में क्लाउस किंस्की माक्स श्रेक की भंगिमाओं से काफी प्रेरित नजर आए, जिन्होंने मुरनाउ की फिल्म में पिशाच की भूमिका निभाई थी. 1988 में किंस्की ने एक बार फिर इटैलियन हॉरर फिल्म नोसफेरातू इन वेनिस में पिशाच का रोल किया.
तस्वीर: Everett Collection/picture alliance
ड्रैकुला (1992)
काउंट ड्रैकुला को फ्रांसिस फोर्ड कोपोला की 1992 में आई फिल्म से एक नया जीवन मिला. ब्रिटिश एक्टर गैरी ओल्डमैन पिशाच बने थे, जबकि अभिनेत्री विनोना राइडर उनकी शिकार, मीना. तस्वीर में नजर आ रहे एंथनी हॉपकिंस ने डॉ वेन हेल्सिंग की भूमिका निभाई थी जो उस पिशाच को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहता है. कॉस्ट्यूम के दीवानों के लिए यह फिल्म जबरदस्त थी.
तस्वीर: United Archives/IMAGO
ड्रैकुला डेड एंड लविंग इट(1995)
अमेरिकी अभिनेता मेल ब्रुक्स ने इस फिल्म में पिशाच की भूमिका निभाने के साथ ही इस फिल्म का निर्देशन भी किया है. फिल्म में स्टोकर के उपन्यास का मजाक बनाया गया. इस फिल्म का ड्रैकुला बिल्कुल भी डरावना नहीं है बल्कि एक बेढंगा व्यभिचारी है.
तस्वीर: Mary Evans/IMAGO
शैडो ऑफ द वैम्पायर (2000)
मुरनाउ को एक और श्रद्धांजलीः निर्देशक एलियास मेहरिगे की ये फिल्म मेकिंग ऑफ नोसफेरातू के बारे में डॉक्यूमेंट्री है जिसमें कल्पना का भी सहारा लिया गया है. विलेम दाफो ने इसमें माक्स श्रेक का किरदार निभाया जिसने पिशाच को वास्तविक रूप में दिया जबकि जॉम मैल्कोविच ने जर्मन निर्देशक का किरदार निभाया.
तस्वीर: United Archives/picture-alliance
वेस क्रेवेन प्रेजेंट्स ड्रैकुला (2000)
निर्देशक पैट्रिक लुजियर ने ड्रैकुला थीम को अपनी फिल्म के लिये चुना और इस किरदार को न्यू ऑर्लियांस लेकर गये. वैंपायर के शिकारी डॉ वेन हेल्सिंग गेरार्ड बटलर यानी ड्रैकुला को हमेशा के लिये खत्म करने की कोशिश करते हैं लेकिन नाकाम रहते हैं और इस दौरान वो पिशाच का खून अपनी शिरामों में भी डाल लेते हैं. लुजियर ने दो और फिल्में पिशाचों पर बनाई है.
तस्वीर: United Archives/IFTN/picture alliance
द ट्विलाइट सागा
ट्विलाइट फिल्मों ने ट्रांसिल्वाई पिशाचों पर एक बिल्कुल अलग रुख अपनाया. रॉबर्ट पैटीसन इसमें पिशाच बने और किस्टेन स्टीवार्ट उनकी प्रेमिका. ट्विलाइट सीरीज की फिल्में मोटे तौर पर एक युवा के बारे में है जो प्यार और किशोरावस्था की समस्याओं के बीच फंसा है. कहानी में थोड़ा खूनी पेंच भी है.