भारत में पिछले कुछ दिनों में ई-स्कूटरों में आग लगने के चार मामले सामने आए हैं. ऐसे में ई-स्कूटरों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. देश में कई स्टार्टअप ई-स्कूटर के बाजार में अपने टू व्हीलर बेच रहे हैं.
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ई-स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और ग्राहकों के मन में इन्हें लेकर शंकाएं पैदा होने लगी हैं. पिछले दिनों तमिलनाडु के वेल्लोर में ई-स्कूटर चार्जिंग के दौरान पिता और पुत्री की मौत हो गई. दरअसल दुरईवर्मा नाम के शख्स ने रात को सोते वक्त ई-स्कूटर को चार्जिंग में लगा दिया और निश्चिंत होकर सो गए. देर रात चार्जिंग के दौरान बैट्री में धमाका हुआ और घर में आग लग गई. आग की वजह से कमरे में सो रहे पिता और पुत्री की दम घुटने से मौत हो गई. दुरईवर्मा ने हाल में नया ई-स्कूटर खरीदा था और घर के बाहर चार्जिंग सुविधा नहीं होने के कारण बेडरूम में उसे चार्ज कर रहे थे. बैट्री में धमाके का कारण उसकी क्षमता कम होना बताया जा रहा है.
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आग की घटनाएं बढ़ीं
ई-स्कूटर में आग लगने की घटना तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी हो चुकी है. 21 वर्षीय गणेश जब दफ्तर से ई-स्कूटर पर सवार हो कर घर लौट रहे थे तब उन्होंने अपनी गाड़ी से धुआं निकलता देखा. उन्होंने तुरंत ही गाड़ी रोक दी और वह देखते ही देखते जलने लगी. ऐसी ही घटना त्रिची में भी हुई.
पुणे में भी एक ई-स्कूटर में आग लगने का मामला बीते दिनों सामने आ चुका है. वहां ओला के ई-स्कूटर में आग लग गई थी. पार्क किए गए ओला एस1 प्रो स्कूटर में बाहरी हस्तक्षेप के बिना आग लग गई थी. जिससे ग्राहकों के मन में ई-स्कूटरों की सुरक्षा को लेकर शंकाएं पैदा हो रही हैं. ओला के इस स्कूटर में आग लगने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया था, जिसके बाद कंपनी को आगे आकर बयान में भी देना पड़ा.
पुणे की घटना पर ओला ने एक बयान कहा, "हम पुणे की घटना से अवगत हैं और इस घटना की वजह को जानने की कोशिश कर रहे हैं. गाड़ियों की सुरक्षा ओला के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और हम अपने प्रोडक्टस पर हाई क्वालिटी स्टैंडर्ड का वादा करते हैं. हमने इस हादसे को गंभीरता से लिया है और हम इसके लिए उपयुक्त कदम उठाएंगे."
मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि ई-स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं को सरकार गंभीरता से ले रही है और खासकर पुणे की घटना के बाद उसने जांच के आदेश दिए हैं. भारत की रक्षा अनुसंधान शाखा, सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी द्वारा की जाने वाली सरकारी जांच के कारण ओला के लिए अपने उत्पाद डिलीवरी करने में और देरी हो सकती है.
कौनसा ईस्कूटर बनाएगा भारत में अपनी जगह
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ओला ने जब बाजार में अपने ई-स्कूटर के लिए पिछले साल बुकिंग शुरू की थी तो 24 घंटे के अंदर ही इसे एक लाख ग्राहकों ने बुक कर लिया था. ओला ई-स्कूटर को तमिलनाडु में ओला इलेक्ट्रिक के प्लांट में बनाया जा रहा है.
उड़ने वाली बाइक की बिक्री शुरू
जापान की स्टार्टअप कंपनी ने अपनी होवरबाइक यानी उड़ने वाली बाइक दुनिया को दिखाई है. ड्रोन बनाने वाली कंपनी एएलआई टेक्नोलॉजी की यह बाइक 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 40 मिनट तक उड़ने का दावा कर रही है.
तस्वीर: Reuters/P. Rossignol
जापान में बिकने लगी उड़ने वाली बाइक
इस बाइक की कीमत 6 लाख 80 हजार डॉलर यानी लगभग 5 करोड़ रुपये रखी गई है और मंगलवार से इसकी बिक्री भी शुरू हो गई है.
तस्वीर: via REUTERS
अभी आम सड़कों से दूर
कंपनी का कहना है कि फिलहाल ‘एक्स टूरिजमो लिमिटेड एडिशन’ नाम की इस बाइक को जापान की आम सड़कों पर उड़ने का मौका नहीं मिलेगा और इसे शहर से दूर खुली जगहों पर ही उड़ाया जा सकेगा.
तस्वीर: REUTERS
पूरी दुनिया में होड़
उड़ने वाले वाहन बनाने की होड़ दुनियाभर की कई कंपनियों में लगी हुई है. और ऐसी कंपनियों को धन भी खूब मिल रहा है.
तस्वीर: REUTERS
रिमोट वाली कार
इसी साल जून में उद्योगपति मैथ्यू पियर्सन ने यह इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार पेश की थी. हालांकि यह कार रिमोट के जरिए उड़ाई जाती है.
तस्वीर: Airspeeder
रेसिंग के लिए फ्लाइंग कार
मैथ्यू पियर्सन की यह कार खासतौर पर रेसिंग के लिए बनाई गई है और इसे उन्होंने महान कार निर्माताओं जैसे कार्ल बेंज को समर्पित किया है.
तस्वीर: Airspeeder
लिफ्ट एयरक्राफ्ट
अगस्त 2020 में लिफ्ट एयरक्राफ्ट कंपनी ने eVTOL नाम के इस वाहन का परीक्षण किया था. यह परीक्षण अमेरिकी सेना के साथ मिलकर किया गया था.
तस्वीर: picture-alliance/abaca/S. Kornegay
एक और कार तैयार
जुलाई में एयरकार वी5 ने अपनी टेस्ट फ्लाइट पूरी की थी. सिर्फ तीन मिनट में यह कार सामान्य से उड़ने वाली कार में बदल जाती है. इसे प्रोफेसर स्टेफान क्लाइन ने डिजाइन किया है.
तस्वीर: Cover-Images/imago images
तैयारी में एरोमोबिल भी
2017 में एरोमोबिल कंपनी ने यह उड़ने वाली कार दिखाई दी, जो 700 किलोमीटर तक उड़ सकती है और 10 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकती है.
तस्वीर: Reuters/P. Rossignol
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क्यों लग रही आग
अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ई-स्कूटरों में आग क्यों लग रही है. जानकार सबसे पहले इसके लिए बैट्री को जिम्मेदार बताते हैं. उनका कहना है कि ई-स्कूटर्स में बैट्री ही ऐसा हिस्सा है जहां आग लग सकती है. इसे लेकर कड़े सुरक्षा नियम अपनाए जाने की जरूरत है. वे सुझाव देते हैं कि लीथियम आयन बैट्री वाले टू व्हीलर को कठोर परीक्षण के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए उतारने की इजाजत होने चाहिए. साथ ही जानकार कहते हैं कि गाड़ी चलाने के तुरंत बाद उसे चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए. हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने हाल में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि ई-स्कूटरों की सर्विस बेहद जरूरी है और इसको लेकर ग्राहकों के बीच जागरुकता फैलाई जानी चाहिए. गिल का कहना है कि डीलर और ग्राहक के बीच इसको लेकर जानकारी और जागरुकता का स्तर बेहद कम है, ग्राहकों को यह बताया जाना चाहिए कि बैट्री की देखभाल कैसी करनी है.
वे साथ ही यह भी कहते हैं कि कई ग्राहक 40 किलोमीटर तक धूप में गाड़ी चलाते हैं और वापस लौटने के तुरंत बाद बैट्री को चार्ज में लगा देते हैं जिससे बैट्री उबल जाती है.
जानकार कहते हैं कि ई-स्कूटर को उसी चार्जर से चार्ज करना चाहिए जिसे कंपनी ने गाड़ी के साथ दिया है.
भारत में हीरो इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी के साथ ही ओला जैसे स्टार्टअप के नेतृत्व में हाल के महीनों में ई टू व्हीलरों ने दो फीसदी बाजार पर अपनी हिस्सेदारी जमा ली है. केंद्र सरकार भी महंगे ईंधन के बोझ और कार्बन उत्सर्जन से बचने के लिए इलेक्ट्रिक व्हिकल को बढ़ावा दे रही है.
नई गाड़ियों में फर्राटा भरेंगे फॉर्मूला वन ड्राइवर
इस साल से फॉर्मूला वन रेस के नियम बदल गए हैं. एयरोडायनैमिक्स को ध्यान में रखते हुए बनाए गए नए नियमों से कारों का लुक भी बदलाव आया है. एक नजर 2022 की टीमों और उनके ड्राइवरों पर.
तस्वीर: Diederik Van Der Laan/DPPI/picture alliance
रेड बुल
2021 की आखिरी रेस- अबू धाबी ग्रां प्री में विवादित तरीके से चैंपियनशिप जीतने वाली टीम रेड बुल इस बार नई कार RB18 के साथ ट्रैक पर होगी.
तस्वीर: Diederik Van Ver Laan/DPPI/picture alliance
रेड बुल के ड्राइवर
माक्स फेरस्टापन (बाएं) और सेर्गियो पेरेज (दाएं). फेरस्टापन मर्सिडीज के लुइस हैमिल्टन को हराकर 2021 की चैंपियनशिप के विजेता बने.
तस्वीर: Jerry Andree/Laci Perenyi/picture alliance
मर्सिडीज
2021 की आखिरी रेस में हुए एक एक्सीडेंट का कारण मर्सिडीज को चैंपियनशिप गंवानी पड़ी. इस बार टीम इस बार नई कार W13 के साथ रेस में उतरेगी.
तस्वीर: Jerry Andre/Laci Perenyi/picture alliance
मर्सिडीज के ड्राइवर
जॉर्ज रसेल (बाएं) और लुइस हैमिल्टन (दाएं). सात बार फॉर्मूला वन चैंपियशिप जीतकर माइकल शूमाखर की बराबरी कर चुके हैमिल्टन नई गाड़ी के ट्रायल में बहुत तेज नहीं दिखे.
तस्वीर: Jerry Andre/Laci Perenyi/IMAGO
फरारी
फरारी इस सीजन में अपनी नई कार F1-75 के साथ उतरेगी. फरारी अकेली ऐसी टीम है जिसकी कार का डिजायन भीतर की तरफ मुड़ा सा है.
तस्वीर: Alessio De Marco/Zuma Press/imago images
फरारी के ड्राइवर
चार्ल्स लेकलेर्क (बाएं) और कार्लोस साइंज जूनियर (दाएं). फरारी ने आखिरी चैंपियनशिप 2007 में किमी रैकनन के साथ जीती थी.
तस्वीर: Ferrari Media Press Office/Insidefoto/imago images
एस्टन मार्टिन
टीम अपनी नई AMR22 के साथ चैंपियनशिप में उतरेगी.
तस्वीर: Diederik Van Ver Laan/DPPI media/picture alliance
एस्टन मार्टिन के ड्राइवर
लांस स्ट्रोल (बाएं) और सेबास्टियान फेटल (दाएं). रेड बुल के साथ लगातार चार बार फॉर्मूला वन चैंपियनशिप जीत चुके सेबास्टियन फेटल 2013 के बाद से खिताबी सूखा झेल रहे हैं.
तस्वीर: Kolvenbach/imago images
मैक्लारेन
मर्सिडीज से अलग होने के बाद से मैक्लारेन अभी तक कोई चैंपियनशिप नहीं जीत सकी है. टेस्ट ड्राइव के दौरान नई गाड़ी बहुत भरोसेमंद नहीं लगी.
तस्वीर: Jerry Andre/Laci Perenyi/picture alliance
मैक्लारेन के ड्राइवर
लांडो नॉरिस (बाएं) और डानिएल रिकार्डो (दाएं). कभी रेड बुल में फेटल के साथी रहे रिकॉर्डो कुछ मौकों पर चैंपियनशिप जीतने से एक कदम दूर रहे हैं.
तस्वीर: Luca Bruno/AP/picture alliance
अल्पाइन
रेनो के इंजन वाली टीम अल्पाइन अब तक कोई खिताब नहीं जीत सकी है. इस बार नई A522 शायद कुछ कमाल कर पाए.
तस्वीर: empics/picture alliance
अल्पाइन के ड्राइवर
एस्टेबान ओकोन (बाएं) और फर्नांडो अलोंजो (दाएं). 2005 और 2006 में रेनो के साथ अलोंजो ने लगातार दो बार चैंपियनशिप जीती. उसके बाद ओलोंजो टीमें बदलते रहे, लेकिन जश्न मनाने का मौका नहीं मिला.
इनके अलावा बाकी टीमें हैं- अल्फाटोराई, अल्फा रोमियो, विलियम्स और हाज एफ 1. अल्फा रोमियो ने 1950 और 1951 में पहली और दूसरी फॉर्मूला वन चैंपियशिप जीती थी. 1952 के बाद से अब तक ये तीनों टीमें कभी कोई खिताब नहीं जीत सकी हैं. (रिपोर्ट: आंद्रेयास स्टेन त्सिमोन्स)