भारत में दस लोगों को पुलिस ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर परीक्षा में नकल करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने चप्पलों में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा रखी थी.
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राजस्थान पुलिस ने दस लोगों को आधुनिक तकनीक की मदद से नकल करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने अपनी चप्पलों में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा रखी थीं.
भारत में नकल एक बड़ी समस्या रही है. रविवार को राजस्थान में सरकारी परीक्षा हुई जिसमें 16 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इस परीक्षा में नकल रोकने के लिए कड़े प्रबंध किए गए थे. परीक्षा जारी रहने के दौरान पुलिस को मोबाइल फोन जब्त करने के भी अधिकार दिए गए थे.
हाईटेकनकल
पुलिस का कहना है कि कुछ अभ्यार्थियों ने इन कड़े प्रतिबंधों का तोड़ निकालने की कोशिश की थी. उन्होंने अपनी चप्पलों के तले में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा ली थी. इस डिवाइस से फोन कॉल रिसीव की जा सकती थी जिसे कान में लगाए बहुत छोटे वायरलेस रिसीवर के जरिए सुना जा सकता था.
बीकानेर में पुलिस अधिकारी प्रीति चंद्रा ने मीडिया को बताया कि आरोपियों की योजना थी कि बाहर बैठे कुछ लोग कॉल करेंगे और सवालों के जवाब बताएंगे. यह परीक्षा शिक्षकों की भर्ती के लिए हो रही थी.
चंद्रा ने कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले ही केंद्र के बाहर घूम रहे कुछ लोगों पर पुलिसकर्मियों को संदेह हुआ तो उनकी तलाशी ली गई, जिसमें योजना का पता चला.
देखिए, टीचर ने सड़क पर ही शुरू किया पढ़ाना
असली जिंदगी का नायकः सड़क को बनाया स्कूल
दीप नारायण नायक पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव जोबा अट्टापाड़ा गांव में स्कूल टीचर हैं. वह नाम से ही नहीं, जज्बे से भी नायक हैं.
लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हो गए तो दीप नायारण नायक को अपने छात्रों के पीछे छूट जाने की चिंता हुई. उन्होंने बच्चों तक पहुंचने का तरीका निकाला. उन्होंने गलियों की दीवारों को रंगकर बोर्ड बना दिया और वहीं क्लास लेने लगे.
तस्वीर: Rupak De Chowdhuri/REUTERS
पढ़ाई भी, सिखाई भी
पिछले कई महीनों से नायक इसी तरह अपने छात्रों को पढ़ा रहे हैं ताकि उनके बच्चे लॉकडाउन के कारण शिक्षा से महरूम न रह जाएं. वह लोक गीतों से लेकर हाथ धोने की जरूरत तक बच्चों को हर तरह का ज्ञान देते हैं.
तस्वीर: Rupak De Chowdhuri/REUTERS
कोई बच्चा छूटे नहीं
नायक बताते हैं कि उनकी क्लास में ज्यादातर बच्चे ऐसे हैं जिनके परिवार से पहली बार कोई स्कूल आया. तो वह उन्हें पीछे नहीं छूटने देना चाहते.
तस्वीर: Rupak De Chowdhuri/REUTERS
माता पिता भी खुश
बच्चों के माता पिता भी उनकी इस कोशिश से खुश हैं. एक बच्चे के पिता ने बताया कि पहले तो बच्चे यूं ही गलियों में भटकते रहते थे, नायक की इस कोशिश ने उन्हें फिर से पढ़ाई में लगा दिया है.
तस्वीर: Rupak De Chowdhuri/REUTERS
गांव नहीं पहुंची ऑनलाइन पढ़ाई
हाल ही में आए एक सर्वे के मुताबिक भारत के गांवों में सिर्फ 8 प्रतिशत बच्चे ही लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए और 37 फीसदी तो बिल्कुल नहीं पढ़ पाए.
चंद्रा ने बताया, "हम इससे वाकिफ थे कि नकल की कोशिश हो सकती है. लेकिन हमने सोचा था कि कोई पेपर लीक करने की कोशिश कर सकता है या फिर इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसीलिए कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया था. लेकिन यह तरीका एकदम नया था. वे तकनीकी रूप से मजबूत हो रहे हैं.”
पुलिस की जांच में पता चला कि कम से कम 25 परीक्षार्थियों ने एक गैंग से ये चप्पल 60-60 हजार रुपये में खरीदी थीं. बीकानेर पुलिस ने यह सूचना अन्य जिलों में परीक्षा केंद्रों तक भी भेजी जिसके बाद परीक्षार्थियों को कमरे के बाहर ही जूते-चप्पल निकालने को कहा गया.
चंद्रा बताती हैं कि एक मामले में तो पुलिस को अभ्यार्थी का पता परीक्षा क बाद चला. उन्होंने कहा, "एक छात्र को हमने एग्जाम के बाद पकड़ा और हमें उसके कान से ब्लूटूथ डिवाइस निकलवाने के लिए उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा.”
बीमारीबनचुकीनकल
भारत में स्कूल-कॉलेज की परीक्षाओं में ही नहीं, सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी नकल बहुत ज्यादा बढ़ रही है और अधिकारियों को नकलार्थियों के आधुनिक तरीकों से निपटने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
अधिकारी बताते हैं कि नकल करने के तरीकों में किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा देना भी शामिल है जिसे कुछ लोगों ने तो अपना पेशा ही बना लिया है. इसके अलावा पेपर चुराना और उन्हें बेचना भी एक पेशेवर अपराध बन चुका है.
तस्वीरेंः चीन में बना एफिल टावर
एफिल टावर मेड इन चाइना
"मेड इन चाइना" लेबल आपको कई चीजों में मिल जाएगा. चीन रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी चीजों से लेकर बड़ी बड़ी चीजें बना रहा है. साथ ही उसने दुनिया के मशहूर पर्यटन स्थलों की भी नकल कर अपने यहां तैयार कर ली है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Images/K. Kataoka
चीन में एफिल टावर
एफिल टॉवर को देख कर आपको भी लग रहा होगा कि यह तस्वीर तो फ्रांस की राजधानी पेरिस की होगी. लेकिन जरा साइनबोर्ड भी देख लीजिए. यह पूर्वी चीन का शहर हांगचोऊ है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eisele
पिरामिड
गीजा के पिरामिड देखने के लिए हर साल लाखों लोग मिस्र जाते हैं. हूबहू ऐसे ही पिरामिड चीन के हुबेई प्रांत में तैयार किए गए हैं. यानी चीन में जाकर भी पिरामिड देखने का सपना साकार कर सकते हैं.
तस्वीर: Getty Images/VCG
ये लूव्रे नहीं है
जो लोग पेरिस गए हैं, वह झट से कहेंगे कि यह फोटो लूव्रे म्जूजियम की है. लेकिन चीनी-अमेरिकी आर्किटेक्ट आईएम पेई ने दक्षिणी चीन के शेनचेन में लोगों को लूव्रे का अहसास करा दिया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Bradshaw
ग्रीक पार्थेनन
प्राचीन ग्रीक मंदिर पार्थेनन की रेप्लिका भी आप चीन में देख सकते हैं. इसे गांसु प्रांत के चानचोऊ में बनाया गया है. यह शहर में बने पर्यटन और सांस्कृतिक पार्क का हिस्सा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
नकली गांव
कोई एक इमारत या स्थल ही नहीं, बल्कि चीन के गुआंगडोंग प्रांत में तो ऑस्ट्रिया के एक गांव की हूबहू नकल पेश कर दी गई है. यह ऑस्ट्रिया के हालस्टाट का रेप्लिका है, जिसे विश्व विरासत घोषित किया है.
तस्वीर: Reuters
कैपिटल हिल
कैपिटल हिल यूं तो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में है, जहां अमेरिकी संसद बैठती है. लेकिन चीनी प्रांत गुआंगदोंग में तैयार की गई इसकी रेप्लिका भी कुछ कम नहीं है. काफी लोग यहां आकर फोटो खिंचाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/WOSTOK PRESS/MAXPP
लंदन ब्रिज
लंदन ब्रिज अगर देखना है तो आपको लंदन जाना पड़ेगा. या फिर आप चीन के सुचोऊ शहर में भी जा सकते हैं. फर्क बस इतना है कि लंदन में असली ब्रिज है जबकि सुचोऊ में इसका रेप्लिका है.
तस्वीर: AFP/Getty Images
चीनी व्हाइट हाउस
चीन में अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर और निवास व्हाइट हाउस का रेप्लिका भी मौजूद है. यह व्हाइट हाउस एक अमेरिकी रियल स्टेट कंपनी का दफ्तर है. यहां बहुत से लोग घूमने भी आते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot
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राजस्थान में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक परीक्षा से दो घंटे पहले ही पर्चा लीक हो गया था. पिछले महीने हरियाणा में पुलिस भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
इसी साल फरवरी में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक होने के मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं देश की शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रही हैं. कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश के व्यापम जैसे मामले शिक्षा प्रणाली को खराब कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबडे ने कहा, "हम एक संदेश देना चाहते हैं. ये लोग शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रहे हैं. हम उन मामलों से गुजर रहे हैं जहां शिक्षा प्रणाली विकृत और खराब की गई है.” उन्होंने कहा था कि हम जानते हैं कि मध्य प्रदेश में व्यापम मामले में क्या हुआ था.