सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति पर महाराष्ट्र सरकार ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है. उन्होंने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया था.
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मुंबई पुलिस ने दो दिनों के हाई-वोल्टेज राजनीतिक ड्रामा का अंत करते हुए शनिवार शाम को अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति बडनेरा विधायक रवि राणा को गिरफ्तार किया था. इससे पहले दोनों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पर हनुमान चालीसा के पाठ के ऐलान के बाद कदम पीछे कर कर लिया था. अदालत ने रविवार को पुलिस हिरासत की अर्जी खारिज कर दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.
बांद्रा कोर्ट में उनको पेश किया गया था, जहां सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि दोनों पर राजद्रोह का केस लगाया गया है. वकील ने कहा कि दोनों ने सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ नफरत फैलाई है. दरअसल शनिवार को दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई दौरे का हवाला देते हुए पाठ की योजना रद्द करने की बात कही थी. मोदी रविवार शाम शंमुखानंद हॉल में आयोजित एक समारोह में प्रथम 'लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार' से सम्मानित किए गए थे.
इससे पहले राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप), धारा 34 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम की धारा 37(1) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था और बाद में दंपती पर राजद्रोह की भी धारा लगा दी गई. 29 अप्रैल को दोनों की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.
राणा के वकील ने दलील दी है कि हनुमान चालीसा का पाठ ना तो धारा 153ए और ना ही 124ए (देशद्रोह) के दायरे में फिट बैठता है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ना भगवान राम की प्रशंसा का एक तरीका है और पीड़ित पार्टी भगवान राम पर आस्था रखती है.
राणा दंपती को किसने भड़काया जांच कराएगी राज्य सरकार
वहीं महाराष्ट्र सरकार इस बात की जांच कराएगी कि वे "तत्व" कौन हैं जिन्होंने राणा दंपती को उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए "उकसाया". महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और गृह मंत्री दिलीप वालसे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पुलिस इस मामले की जांच करेगी कि राणा दंपती की "योजना" के पीछे कौन लोग हैं.
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कौन हैं राणा दंपती
नवनीत राणा अमरावती जिले से निर्दलीय सांसद हैं और उनके पति रवि राणा बडनेरा से निर्दलीय विधायक हैं. नवनीत ने दक्षिण की फिल्मों में अभिनय किया है और उसके बाद राजनीति में एंट्री की है. नवनीत का जन्म एक पंजाबी परिवार में हुआ था लेकिन वह मुंबई में पली-बढ़ीं. नवनीत ने शुरूआती दिनों में मॉडलिंग की और उसके बाद दक्षिण की फिल्मों में काम किया.
बताया जाता है कि नवनीत और रवि की मुलाकात योग गुरू रामदेव के मुंबई के एक योग शिविर में हुई थी और 2011 में दोनों ने शादी कर ली.
नवनीत ने पहली बार 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वे सफल नहीं हो पाई. 2019 में उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. नवनीत पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र हासिल करने का भी आरोप लगा था. साल 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनका जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था और जुर्माना भी लगाया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी.
पांच दशकों बाद आम लोगों के लिए खुलेगा मॉरमॉन टेंपल
आसपास के पेड़ों की कतारों से ऊपर जाती छह मीनारों और झक सफेद दीवारों वाला वॉशिंगटन मॉरमॉन टेंपल साइंस फिक्शन उपन्यास की कहानी जैसा लगता है. दशकों तक लोगों की नजरों से दूर रहने के बाद अब यह आम लोगों के लिए खोला जा रहा है.
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परिवार, पवित्रता और मिशन
अमेरिकी राजधानी में शायद यह अब तक की सबसे रहस्यमय इमारत है. करीब आधी शताब्दी से ज्यादा समय तक आम लोग इसके भीतर की दुनिया के बारे में कयास लगाते रहे. क्योंकि यह अब तक सिर्फ चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर डे सेंट्स के सदस्यों के लिए खुलता रहा. इन लोगों के लिए परिवार, पवित्रता और उनका मिशन ही सबसे अहम है.
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1974 में आम लोगों के लिए खुला था
वाशिंगटन के बाहर मैरीलैंड के केनसिंगटन में सोमवार को 1974 के बाद पहली बार इसे गैर-सदस्यों के रूप में मीडिया के लिए खोला गया. मोटे गलीचों, और सफेद दीवारों के साथ इस आलीशान साज-सज्जा वाली इस इमारत में जाने के लिए दर्शकों को सफेद स्लीपर पहनने पड़ते हैं. चर्च के मुताबिक, आखिरी बार जब यहां लोगों को अंदर जाने की इजाजत मिली थी तो केनसिंग्टन में भारी भीड़ उमड़ी थी और उनमें फर्स्ट लेडी बेटी फोर्ड भी थीं.
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मरम्मत के लिए चार साल बंद
2018 में टेंपल को मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था. इसे 2020 में दोबारा खुलना था, लेकिन कोविड की महामारी ने सारी योजना चौपट कर दी. यहां आने वालों को पहले से टिकट लेना होगा. टिकट मुफ्त है. अप्रैल के आखिर से जून की शुरुआत तक यह आम लोगों के लिए खुला रहेगा.
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चर्च के रीति रिवाज
यहां आने वाले चर्च के रीति रिवाजों को भी देख सकेंगे. उनका मानना है कि यह पृथ्वी पर सबसे पवित्र जगह है. सदस्य यहां आने के बाद अपने कपड़े उतार कर सफेद कपड़े पहन लेते हैं. लोग बैप्टिस्ट्री को भी देख सकते हैं जो पत्थर के बने 12 बैलों के ऊपर टिका है. ये बारह बैल इस्राएल की 12 जनजातियों के प्रतीक हैं.
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मरे लोगों को बपतिस्मा
मॉरमॉन समुदाय में टेंपल के भीतर बपतिस्मा केवल मरे लोगों का होता है. चर्च अपने अनुयायियों को उनके पूर्वजों की ओर से बपतिस्मा कराने की अनुमति देता है और यह मरे लोगों की आत्मा पर निर्भर है. चर्च मानता है कि उनका अस्तित्व है और भेंट को स्वीकार या अस्वीकार करना उनकी इच्छा पर है. सामान्य बपतिस्मा के लिए दूसरी इमारत है.
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शादी पर मुहर
विशाल टेंपल में एक सीलिंग रूम भी है. यहां शादियों का उत्सव होता है या फिर उन पर मुहर लगाई जाती है. आमतौर पर यहां शादी एक स्त्री और एक पुरुष के बीच होती है. माना जाता है कि यह शादी ना सिर्फ जीवन में बल्कि मौत के बाद भी कायम रहती है. इसी कमरे में मां-बाप और बच्चों के रिश्ते पर भी मुहर लगाई जाती है.
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मॉरमॉन संप्रदाय
मॉरमॉन संप्रदाय लैटर डे सेंट मूवमेंट से निकला एक संप्रदाय है जिसे जोसेफ स्मिथ ने 1820 के दशक में न्यू यॉर्क में शुरू किया था. इसमें ज्यादातर लोग लैटर डे सेंट मूवमेंट से ही जुड़े हुए हैं. अमेरिका के अलावा चिली, उरुग्वे और दक्षिणी प्रशांत के कई द्वीपों में इसके सदस्य हैं. फिलहाल दुनिया भर में 1.6 करोड़ से ज्यादा लोग इनके अनुयायी हैं.