बड़े शहरों में लॉकडाउन की वजह से जो हालत हैं कमोबेश यही हालत छोटे शहरों में भी है. हर किसी को आने वाले दिनों की चिंता सता रही है.
विज्ञापन
कलावती देवी अपने झोपड़ीनुमा घर के बाहर सिर पर हाथ रखे आने-जाने वाले लोगों को काफी देर से देख रही है. मानो उसे इस बात का इंतजार है कि आने वाला कोई व्यक्ति लॉकडाउन समाप्त होने की खबर दे, जिससे वह कबाड़ चुनने निकल सके और घर में बीमार पड़े पति के लिए दवा ला सके और घर का चूल्हा भी जला सके. लेकिन कलावती देवी जैसे लाखों लोगों के लिए खबर अच्छी नहीं है क्योंकि भारत में 21 दिनों की लॉकडाउन लागू हो चुका है.
यह हालत पटना शहर के व्यस्तम इलाके आयकर गोलंबर के कुछ ही दूर पर मंदिरी इलाके में नाले के किनारे अपने घर बनाकर रह रहे केवल कलावती की नहीं है, बल्कि यहां कई ऐसे गरीब और मजदूर लोगों का घर है, जो रोज कमाई कर अपना परिवार चलाते हैं. कलावती को अपने से अधिक चिंता अपने 65 साल पति की है, जो बीमार हालत में अपने घर से निकल नहीं पा रहे हैं. कलावती कहती हैं, "हम क्या करें..खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं... कबाड़ बेचने कहां जाएं."
लॉकडाउन से कोरोना को हराएगा भारत
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए कई शहरों में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. तस्वीरों में देखिए लॉकडाउन का पहला दिन कैसा रहा.
तस्वीर: DW/A. Ansari
लॉकडाउन
दिल्ली समेत 22 राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. सोमवार को कई घरों में अखबार नहीं आए, घर में हाथ बंटाने वाली नौकरानी भी छुट्टी पर रहीं. देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन की घोषणा की गई है.
तस्वीर: DW/A. Ansari
वीरान सड़कें
आम तौर पर जिन सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ होती हैं वहां अब गिनती के लोग और कुछ ही गाड़ियां नजर आ रही हैं.
तस्वीर: DW/A. Ansari
नियम क्यों नहीं मानते लोग?
तालाबंदी की घोषणा के बावजूद कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बेवजह सड़कों पर तफरी करते दिखे. कुछ निजी वाहन चालक नियम तोड़ते नजर आए हालांकि पुलिस ने उन्हें घर पर रहने की सलाह दी. केंद्र ने भी राज्यों से कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
तस्वीर: DW/A. Ansari
सड़क पर फंसे लोग
कुछ ऐसे लोग बीच रास्ते पर फंस गए जिन्हें दिल्ली या फिर उसके आगे जाना है. सार्वजनिक परिवहन की इजाजत नहीं होने की वजह से लोग घंटों गाड़ियों के इंतजार में खड़े दिखे.
तस्वीर: DW/A. Ansari
बाजार बंद
दिल्ली के अलावा नोएडा में भी लॉकडाउन का खासा असर दिखा. जिन बाजारों में जहां सामान्य दिनों में पैर रखने की जगह नहीं होती, वहां अब सन्नाटा पसरा है.
तस्वीर: DW/A. Ansari
किसको छूट
सरकार ने दवा, किराना स्टोर को खुले रखने की इजाजत दी है. राशन की दुकानों में भी चार से अधिक लोगों को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है.
तस्वीर: DW/S. Ghosh
साफ-सफाई है जरूरी
कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सरकारी और नगर पालिका के कर्मचारी लॉकडाउन की स्थिति में भी आपात ड्यूटी कर रहे हैं.
तस्वीर: DW/A. Ansari
लॉकडाउन का पालन कितना अहम
कई लोग लॉकडाउन को बेहद हल्के में ले रहे हैं. हालांकि सरकार चाहती है कि जो जहां है वहीं रहे लेकिन कुछ लोग अब भी घरों से बाहर आकर नियमों की अनदेखी कर संक्रमण का खतरा मोल रहे हैं.
तस्वीर: DW/A. Sharma
मेट्रो ठप्प
दिल्ली मेट्रो के बंद होने के कारण लाखों लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना बंद हो गया जिससे वायरस के कम्युनिटी संक्रमण को रोकने में मदद मिलने की उम्मीद है.
तस्वीर: DW/A. Ansari
एहतियात जरूरी
दिल्ली-एनसीआर की कॉलोनियों में जो सब्जी बेचने वाले विक्रेता आ रहे हैं वह भी मास्क लगाकर आ रहे हैं. साथ ही वह खरीदारों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखने और सब्जी नहीं छूने की सलाह दे रहे हैं.
तस्वीर: DW/A. Ansari
10 तस्वीरें1 | 10
कलावती सिर्फ एक उदाहरण है. पटना में ऐसे कई गरीब हैं, जिनके पेट के लिए कोरोना की बीमारी आफत बनकर टूटी है. पटना के बांकीपुर क्लब के पास रहने वाले रमेश कुमार रिक्शा चलाते हैं. आज घर के बाहर बच्चों को उछलते-कूदते देखकर समय काट रहे हैं. रमेश के कहते हैं, "गांव से पटना रिक्शा चलाने यह सोचकर आए थे कि यहां ज्यादा कमा लेंगे, तो जीवन गुजर जाएगा, लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि अप्रैल महीने तक यही स्थिति रहेगी." अब रमेश ना घर जा पा रहे हैं और ना ही यहां रिक्शा चला पा रहे हैं. वे कहते हैं, "जो जमा पैसा था, उससे तो दो-चार दिन चल जाएगा, लेकिन उसके बाद क्या होगा? कोई उधार देने वाला भी नहीं है, जिससे मांगकर काम चला सके."
ऐसी ही हालत एक छोटे से होटल में बर्तन साफ करने वाले मुरारी की भी है. मुरारी की स्थिति ऐसी हो गई है कि होटल बंद है और घर से बाहर निकलने पर भी मनाही है. मुरारी से अब क्या करोगे, पूछने पर रुंआसे होकर कहता है, "अब क्या करेंगे, मरेंगे, और क्या?"
इस बीच, हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस लॉकडाउन की स्थिति में गरीबों के राहत के लिए सहायता देने की घोषणा करते हुए राशन कार्ड वाले परिवारों को एक महीने तक मुफ्त राशन देने और राशन कार्डधारक परिवारों को 1,000 रुपये की सहायता देने का एलान किया है. इसके अलावा सभी प्रकार की पेंशन जैसे वृद्धा, दिव्यांग, विधवा पेंशन पाने वालों को अगले 3 महीने की पेंशन 31 मार्च से पहले दी जाएगी, जो उनके बैंक खाते में सीधे भेजे जाने की भी घोषणा है. लेकिन, बिहार में कई ऐसे परिवार भी हैं, जिनके पास राशन कॉर्ड नहीं है और ना ही पेंशन उनके परिजन को मिलती है.
आईएएनएस
लॉकडाउन में क्या क्या खुला रहेगा?
भारत ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है. इसे कई लोग कर्फ्यू का भी नाम दे रहे हैं. लेकिन लॉकडाउन और कर्फ्यू में फर्क होता है. इन 21 दिनों में आपके लिए ये सब खुला रहेगा..
तस्वीर: DW/S. Ghosh
किराने की दुकान
राष्ट्र के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनिश्चित किया कि खाने पीने के सामान की किल्लत नहीं होगी. इन तीन हफ्तों में राशन की दुकानें और सुपरमार्केट खुले रहेंगे.
तस्वीर: picture alliance/Yvan Travert/akg-images
दूध की डेयरी
राशन की ही तरह दूध भी मिलता रहेगा. लेकिन ज्यादा लोग घर से बाहर ना निकलें इसके लिए डिलीवरी सर्विस को बढ़ावा देने की बात कही गई है.
तस्वीर: DW/S. Waheed
फल और सब्जी
ताजा फल और सब्जी की बिक्री भी जारी रहेगी. लेकिन दिशा-निर्देश में ठेलों का नहीं, केवल दुकानों के खुले रहने का जिक्र है.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/D. Chakraborty
डिलीवरी सर्विस
"एसेंशियल गुड्स" यानी जरूरी सामान की डिलीवरी कराने की अनुमति है. इसमें खाने का सामान और दवाएं शामिल हैं. मकसद है कि लोगों को बाहर निकलने की जरूरत ही ना पड़े.
तस्वीर: Imago/ZumaPress
बैंक और एटीएम
इस दौरान बैंक भी काम करते रहेंगे और एटीएम से पैसा निकालना भी मुमकिन होगा. लेकिन एटीएम मशीन के इस्तेमाल के दौरान सतर्क रहने की जरूरत होगी.
तस्वीर: DW/P. Samanta
पेट्रोल पंप
पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के अलावा घर में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी गैस की सप्लाई भी जारी रहेगी.
तस्वीर: DW/S. Bandopadhyay
अस्पताल
छोटे, बड़े, प्राइवेट और सरकारी सभी अस्पताल, क्लिनिक, नर्सिंग होम और डिस्पेंसरी खुले रहेंगे. सभी लैब और केमिस्ट की दुकानें भी सामान्य रूप से खुली रहेंगी.
तस्वीर: Imago Images/Hindustan Times/S. Khanna
श्मशान
इन तीन हफ्तों के दौरान सभी श्मशान भी खुले रहेंगे लेकिन अंतिम संस्कार के लिए यहां अधिकतम 20 लोगों के जमा होने की ही अनुमति है. इस दौरान सोशल डिस्टैन्सिंग का भी ख्याल रखना होगा.
तस्वीर: DW/Onkar Singh Janoti
होटल
केवल वही होटल खुले रहेंगे जहां या तो पर्यटक मौजूदा स्थिति के कारण फंस गए हैं या फिर जिन्हें क्वॉरंटीन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. बाकी सब होटल बंद रहेंगे.
तस्वीर: AFP/P. Paranpje
मीडिया
जानकारी का प्रवाह बना रहे इसके लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया काम करना जारी रखेंगे. हालांकि रिपोर्टरों को भी बाहर जाने से बचने की हिदायत दी जा रही है.
तस्वीर: Reuters/A. Dave
इंटरनेट और केबल टीवी
इस दौरान लाखों की संख्या में लोग "वर्क फ्रॉम होम" यानी घर से काम करने वाले हैं और इसके लिए जरूरी है कि इंटरनेट और आईटी से जुड़ी सुविधाएं ठीक से काम करें.
तस्वीर: picture-alliance/AP/C. Anand
क्या क्या बंद रहेगा?
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, धार्मिक स्थल, बस, ट्रेन, मेट्रो, हवाई यातायात और सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे. केवल जरूरत का सामान लेने के लिए ही बाहर जाने की इजाजत है.