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ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा अस्थायी वीजा धारक भारत के

विवेक कुमार
४ मई २०२३

ऑस्ट्रेलिया की जनगणना के मुताबिक देश में 16 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिनके पास स्थायी वीजा नहीं है. इनमें सबसे ज्यादा लोग भारतीय मूल के हैं.

तेजी से बढ़ रहे हैं ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय
तेजी से बढ़ रहे हैं ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीयतस्वीर: Vivek Asri

2021 में हुई जनगणना के मुताबिक 1 जून 2021 को ऑस्ट्रेलिया में 16 लाख से ज्यादा अस्थायी निवासी रह रहे थे जिनमें सबसे ज्यादा संख्या भारतीय मूल के लोगों की थी. ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकी ब्यूरो ने इसी हफ्ते ताजा आंकड़े जारी किए हैं, जिनके मुताबिक जून 2021 में, यानी जब जनगणना हुई, तब देश में 16 लाख 64 हजार 600 लोग अस्थायी वीजा पर रह रहे थे. यह कुल आबादी का 6.6 प्रतिशत है, यानी 2016 में हुई जनगणना से 12.3 फीसदी ज्यादा.

ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों को स्थायी और अस्थायी वीजा दिए जाते हैं. स्थायी वीजा पाने वाले लोगों को वोटिंग और केंद्र सरकार की नौकरी पाने के अलावा वे तमाम अधिकार उपलब्ध होते हैं जो ऑस्ट्रेलिया के किसी भी नागरिक को होते हैं. चार साल ऑस्ट्रेलिया में स्थायी निवासी के तौर पर रहने के बाद वे नागरिकता पाने के लिए आवेदन करने के योग्य हो जाते हैं.

कौन हैं अस्थायी वीजा धारक?

अस्थायी निवासियों में वे लोग होते हैं जो अलग-अलग वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आते हैं. इनमें पढ़ने आने वाले छात्र, किसी तरह का काम करने के लिए वर्क वीजा लेकर आए लोग, उनके परिवार वाले और शरणार्थी के तौर पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे लोग शामिल होते हैं.

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2021 की जनगणना के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के अस्थायी निवासियों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय मूल के लोगों की है. 2021 में देश में 2,82,900 भारतीय अस्थायी वीजा पर रह रहे थे, जो कुल अस्थायी निवासियों का 17.1 फीसदी था. 2016 के मुकाबले यह बड़ी वृद्धि है जबकि अस्थायी निवासियों के 14.2 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के थे.

अस्थायी निवासियों में दूसरे नंबर पर चीन रहा, जिसके 2,31,200 यानी 13.9 फीसदी लोग थे. सबसे ज्यादा अस्थायी निवासी भेजने वाले अन्य देशों में युनाइटेड किंग्डम (4.4 प्रतिशत), फिलीपींस (4.2 प्रतिशत) और अमेरिका (2.9 प्रतिशत) हैं.

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ऑस्ट्रेलिया में जो भारतीय अस्थीय वीजा पर रह रहे थे, उनमें सबसे बड़ी आबादी (15,500) उन लोगों की है जो स्किल्ड वीजा लेकर आए थे. स्किल्ड वीजा ऑस्ट्रेलिया की विशेष व्यवस्था है जिसके तहत विशेष कौशल रखने वाले लोगों को ऑस्ट्रेलिया में काम के लिए छोटी या लंबी अवधि तक रहने की इजाजत मिलती है.

इस वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आने वाले लोग देश में रह सकते हैं, कोई भी काम कर सकते हैं और अपने परिवार को भी अपने साथ रख सकते हैं. लेकिन उन्हें बहुत सारे अधिकार नहीं होते. मसलन, उन्हें सरकारी मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिलती. उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा की सुविधा नहीं होती. वे चुनावों में मतदान नहीं कर सकते.

अस्थायी स्किल्ड वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में जिन अन्य देशों के लोग सबसे ज्यादा रहते हैं, उनमें इंग्लैंड (10,400) और फिलीपींस (8,600) भारत के बाद सबसे आगे हैं. अस्थायी वीजा की ही एक अन्य श्रेणी अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं जो विभिन्न देशों से ऑस्ट्रेलिया पढ़ने आते हैं. इनमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है. 2021 में 72,300 छात्र भारतीय मूल के थे. हालांकि तब से यह संख्या बहुत बढ़ चुकी है और हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के एक लाख से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

कभी चीन ऑस्ट्रेलिया के लिए छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत हुआ करता था लेकिन अब भारतीय छात्र उसे पीछे छोड़ चुके हैं. 2021 में 53,300 चीनी छात्र ऑस्ट्रेलिया में थे. उसके बाद नेपाल का नंबर है जिसके 41,100 छात्र थे.

कौन हैं ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय?

सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी रिपोर्ट कहती है कि ऑस्ट्रेलिया में अस्थायी वीजा पर रहने वाले लोगों में सबसे बड़ी संख्या काम करने आए लोगों की है. 7,71,500 लोग यानी लगभग 46 प्रतिशत लोग काम के लिए ऑस्ट्रेलिया आए. उसके बाद 5,30,300 यानी करीब 31.8 फीसदी लोग यानी पढ़ाई के लिए. अन्य अस्थायी वीजा धारकों में परिजनों से मिलने, छुट्टियां मनाने या शरण मांगने के लिए आए लोग हैं.

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अस्थायी वीजा धारकों की औसत आयु 30 वर्ष है जबकि ऑस्ट्रेलिया की औसत आयु 38 वर्ष है. यह दिखाता है कि अस्थायी वीजा धारक कमोबेश युवा हैं और ऑस्ट्रेलिया के रोजगार बाजार के लिए उनका होना फायदेमंद रहा है.

सॉंख्यिकीय ब्यूरो में निदेशक (आप्रवासी आंकड़े) डेनी डोबाक कहती हैं, "अस्थायी वीजा धारक ऑस्ट्रेलिया के समाज और अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देते हैं. वे अपने साथ विविध कौशल, अनुभव और संस्कृति लेकर आते हैं और हमारे समाज को स्मृद्ध करते हैं.”

पिछले कुछ सालों में ऑस्ट्रेलिया आन वाले लोगों में भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ी है. 2021 की जनगणना के अनुसार 6,73,352 लोग भारतीय मूल के हैं जो देश की कुल आबादी का 3.1 फीसदी है. इनमें से आधे से ज्यादा (51.4 फीसदी) ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं. भारतीय मूल के इन लोगों में से 34 फीसदी (2,34,426) लोग 2016 से 2021 के बीच ही ऑस्ट्रेलिया आए जबकि 31 फीसदी लोग 2011 से 2010 के बीच आए थे.

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