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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका का एक और बहुराष्ट्रीय समूह, नाम है आई2यू2

१६ जून २०२२

भारत, अमेरिका, इस्राएल और यूएई ने मिलकर एक नया समूह बनाया है जिसकी बैठक अगले महीने होगी. इस संगठन आई2यू2 के जरिए मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया में अमेरिका अपनी साझेदारियों मजबूत कर रहा है.

नफ्थाली बेनेट और नरेंद्र मोदी
नफ्थाली बेनेट और नरेंद्र मोदी

अगले महीने जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मध्य पूर्व के दौरे पर होंगे तो वह एक वर्चुअल बैठक का आयोजन करेंगे जिसमें इस्राएल, यूएई और भारत के नेता भी शामिल होंगे. यह बैठक एक नए अंतरराष्ट्रीय समूह के गठन की औपचारिक शुरुआत होगी, जिसे आई2यू2 (I2U2) नाम दिया गया है. 

जो बाइडेन 13 से 16 जुलाई तक मध्य पूर्व की यात्रा पर होंगे. अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारो को बताया कि इसी दौरान आई2यू2 की बैठक होगी. आई – भारत (इंडिया) और इस्राएल के लिए है जबकि यू समूह में शामिल अन्य दो देशों यूएसए और यूएई के लिए है.

पिछले साल अक्टूबर में इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी. इस्राएल में यह बैठक तब हुई थी जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मध्य पूर्व के दौरे पर थे. उस वक्त इस समूह को ‘इंटरनेशनल फोरम फॉर इकॉनमिक कोऑपरेशन' कहा गया था. अब उसी फोरम के चारों देश नए नाम के साथ और नए रूप में उच्चतम नेताओं के साथ मिल रहे हैं.

बाइडेन का मध्य पूर्व दौरा

जो बाइडेन अपने दौरे पर इस्राएल के अलावा फलस्तीन और सऊदी अरब भी जाएंगे. इस बारे में जानकारी देते हुए अमेरिकी अधिकारी ने बताया, "क्षेत्रीय एकता को मजबूत करना इस दौरे का केंद्रीय लक्ष्य है. ऐसा यूएई, मोरक्को और मिस्र के साथ अब्राहम समझौते के जरिए और इस्राएल, जॉर्डन और मिस्र के बीच बेहतर होते संबंधों के रूप में किया जा रहा है. इसके अलावा इस्राएल, भारत, यूएई और अमेरिका के बीच एक नया समूह भी बनाया जा रहा है जिसका नाम है आई2यू2.”

अधिकारी ने बताया कि अमेरिका इन कोशिशों को अपने सहयोगियों को मजबूत करने और उन्हें साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करने के कदमों के रूप में देखता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और आने वाले समय में इस्राएल की सुरक्षा के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा, "पिछले महीने विदेश मंत्री ब्लिंकेन दक्षिणी इस्राएल के नेगेव में अब्राहम समझौते में शामिल देशों के अपने समकक्षों से मिले थे और साथ में जॉर्डन और मिस्र के नेता भी थे, जो मजबूत होते क्षेत्रीय सहयोग का प्रतीक है.”

एक के बाद एक कई संगठन

आई2यू2 की अहमियत समझाते हुए इस अधिकारी ने कहा कि कुछ साझेदारियों का विस्तार मध्य पूर्व के बाहर भी हो रहा है और इसी सिलसिले में आई2यू2 की वर्चुअल बैठक आयोजित की जा रही है. उन्होंने बताया कि बैठक के एजेंडे में खाद्य संकट और अन्य क्षेत्रीय मुद्दे शामिल हैं, जहां यूएई और इस्राएल इनोवेशन के महत्वपूर्ण केंद्र हैं.

मोदी-बाइडेन की वर्चुअल मुलाकात, क्या हुई बात

02:10

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अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रपति (बाइडेन) इस्राएल के प्रधानमंत्री बेनेट, भारत के प्रधानमंत्री मोदी और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद के साथ अपनी तरह की इस अलग बैठक को लेकर खासे उत्सुक हैं.”

अक्टूबर में जब इस समूह की बैठक हुई थी तो जल-सीमा सुरक्षा, डिजिटल विकास और परिवहन के मुद्दों पर विशेष चर्चा हुई थी. तब भारत में यूएई के राजदूत अहमद अलबाना ने इस समूह को ‘पश्चिम एशियाई क्वॉड' नाम दिया था. क्वॉड चार देशों का एक अन्य संगठन हैजिसमें भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. पिछले कुछ सालों में क्वॉड सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक संगठनों में से एक बनकर उभरा है.

पिछले दो साल में अमेरिका ने एक के बाद एक कई वैश्विक संगठन बनाए हैं. आई2यू2 से कुछ ही हफ्ते पहले जापान में उन्होंने 13 देशों के हिंद-प्रशांत व्यापार समझौते का ऐलान किया था. उससे पहले पिछले साल जो बाइडेन ने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ मिलकर आकुस (AUKUS)नाम का संगठन बनाया है जो प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग का आधार बन रहा है.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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