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भारत लगातार दूसरे साल क्रिप्टो अपनाने में सबसे आगे

१२ सितम्बर २०२४

क्रिप्टोकरंसी अपनाने और इस्तेमाल करने में भारत दुनिया में सबसे ऊपर है. सख्त नियमों के बावजूद लोग क्रिप्टोकरंसी की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

भारत में बिटकॉइन एक्सचेंज
तस्वीर: Manjunath Kiran/Getty Images/AFP

भारत लगातार दूसरे साल दुनिया में क्रिप्टोकरंसी अपनाने वाले देशों में सबसे ऊपर रहा है, जबकि दक्षिण एशियाऔर दक्षिण पूर्व एशिया पूरी दुनिया में सबसे आगे है. ऐसा तब है जबकि भारत सरकार क्रिप्टोकरंसी को लेकर कड़े नियम और ऊंचे टैक्स जैसी सख्ती दिखा रही है. ब्लॉकचेन का विश्लेषण करने वाली कंपनी चेनालिसिस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह बात कही है.

चेनालिसिस की रिपोर्ट में 151 देशों में क्रिप्टोकरंसी को लेकर नियमों और गतिविधियों का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट दिखाती है कि जून 2023 से जुलाई 2024 तक भारत केंद्रीकृत एक्सचेंज और विकेंद्रीकृत वित्तीय संपत्तियों के इस्तेमाल में दुनिया में सबसे आगे रहा.

भारत सबसे ऊपर

2018 से क्रिप्टोकरंसी के बारे में भारत का रुख काफी सख्त रहा है. दिसंबर 2023 में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) ने नौ विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों को स्थानीय नियमों का पालन न करने पर नोटिस जारी किया था.

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चेनालिसिस की रिपोर्ट कहती है कि इस सख्ती के बावजूद लोग क्रिप्टोकरंसी को अपना रहे हैं. संस्था के रिसर्च प्रमुख एरिक जार्डिन ने कहा, "भारत में प्रतिबंधों के बावजूद विभिन्न क्रिप्टोकरंसियों के व्यापक स्तर पर अपनाने का संकेत है. इससे लगता है कि नए प्रतिभागी प्रतिबंधित सेवाओं के बिना भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं."

उन्होंने आगे कहा, "अब हमने देखा है कि कुछ प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं. जैसे बाइनैंस के साथ, जो देश में क्रिप्टो अपनाने की गति और तेज कर सकता है."

दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनैंस पर जून में 18.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. एक महीने बाद उसने भारत में संचालन फिर से शुरू करने के लिए एफआईयू में पंजीकरण कराया. क्रिप्टो एक्सचेंज कूकॉइन ने मार्च में पंजीकरण किया था लेकिन उस पर 34.5 लाख रुपये का जुर्माना लगा था.

दक्षिण एशिया सबसे ऊपर

2024 के ग्लोबल क्रिप्टो अडॉप्शन इंडेक्स में केंद्रीय और दक्षिणी एशिया व ओशिऐनिया के देशों का दबदबा है. टॉप 20 देशों में से सात इसी क्षेत्र से हैं. भारत, इंडोनेशिया, वियतनाम, फिलीपींस, पाकिस्तान, थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों में केंद्रीकृत और विकेंद्रीकृत वित्त प्लेटफॉर्मों पर क्रिप्टो करंसी को लेकर तेज गतिविधि देखी गई है.

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भारत इस सूचकांक में सबसे ऊपर है जहां केंद्रीकृत गतिविधि सबसे ज्यादा हुई है और रीटेल सेवाओं में भी वह सबसे ज्यादा गतिविधियों वाले देशों में से एक है. नाइजीरिया कुल मिलाकर दूसरे स्थान पर है. इंडोनेशिया तीसरे स्थान पर है लेकिन रीटेल गतिविधियों में वह सबसे ऊपर है.

क्रिप्टोकरंसी अपनाने में अमेरिका चौथे स्थान पर है. वियतनाम, यूक्रेन और रूस भी क्रिप्टो अपनाने में आगे हैं. यूक्रेन और रूस केंद्रीकृत और रीटेल दोनों ही गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.

टॉप 20 में अन्य उल्लेखनीय देश ब्राजील और तुर्की हैं, जो क्रमशः लैटिन अमेरिका और मध्य पूर्व का प्रतिनिधित्व करते हैं. लैटिन अमेरिका के कई अन्य देश जैसे वेनेजुएला, मेक्सिको और अर्जेंटीना भी सूची में शामिल हैं. दक्षिण कोरिया और चीन टॉप 20 में शामिल हैं, लेकिन रीटेल गतिविधियों में इनकी रैंकिंग कम है.

बढ़ रहा है क्रिप्टो का इस्तेमाल

2023 की चौथी तिमाही और 2024 की पहली तिमाही के बीच, वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरंसी का मूल्य काफी बढ़ा और 2021 के पिछले सर्वोच्च स्तर से भी ऊपर पहुंच गया. पिछले साल, क्रिप्टो अपनाने में वृद्धि खासतौर पर निम्न-मध्यम आय वाले देशों की वजह से हुई. हालांकि साल 2024 की शुरुआत से उच्च आय वाले देशों में कुछ गिरावट आई है लेकिन औसतन सभी आय वर्ग के देशों में क्रिप्टो गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है.

अमेरिका में बिटकॉइन ईटीएफ के लॉन्च ने सभी क्षेत्रों में बिटकॉइन की मांग को तेजी से बढ़ाया. खासतौर पर संस्थागत आकार के लेनदेन और उच्च आय वाले क्षेत्रों जैसे उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में इसमें तेज बढ़ोतरी हुई. लेकिन साल-दर-साल वृद्धि खुदरा और पेशेवर आकार के लेनदेन में ज्यादा देखी गई, जो सब-सहारा अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे कम आय वाले देशों में वास्तविक जीवन की जरूरतों को पूरा करने में भी इस्तेमाल में है.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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