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रिश्तों को नए सिरे से मजबूत करना चाहते हैं भारत-मलेशिया

२० अगस्त २०२४

तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने 20 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दोनों देशों के बीच कुछ समझौते भी हुए.

 मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
दिल्ली में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Manish Swarup/AP Photo/picture alliance

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अगस्त को अपने मलेशियाई समकक्ष से मुलाकात के बाद कहा कि भारत और मलेशिया सेमीकंडक्टर, वित्तीय तकनीक और रक्षा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे.

बीते कुछ समय से बनी तल्खियों के बाद अब भारत और मलेशिया अपने संबंधों को फिर से सुधारने पर विचार कर रहे हैं. 2019 के अंत में मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं. इसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी. इन टिप्पणियों के कारण भारत की मलेशिया से पाम तेल की खरीद पर भी असर पड़ा था.

इब्राहिम के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा, "हमने फैसला लिया है कि अपने सहयोग को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाएंगे." मोदी ने यह भी बताया कि मलेशिया ने पिछले साल भारत में पांच अरब डॉलर का निवेश किया था. उन्होंने कहा, "जिन क्षेत्रों में नई और आधुनिक प्रौद्योगिकी की जरूरत है, जैसे सेमीकंडक्टर, फिनटेक, रक्षा उद्योग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम टेकनोलॉजी, हम उनमें सहयोग बढ़ाएंगे."

20 अगस्त को अनवर इब्राहिम और नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता कीतस्वीर: Manish Swarup/AP Photo/picture alliance

रिश्तों में गर्मजोशी लाने की कोशिश

मलेशिया के प्रधानमंत्री इब्राहिम ने कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी क्षेत्रों में संबंधों को फिर से मजबूत करेगा. उन्होंने कहा, "ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें हमें और अधिक गहराई से जाने की जरूरत है." साल 2022 में प्रधानमंत्री बने इब्राहिम का यह पहला भारत दौरा है. हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए कि वे चीन के करीब जाना चाहते हैं. भारत और चीन पारंपरिक रूप से प्रतिद्वंद्वी माने जाते रहे हैं. भारत का चीन के साथ लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है.

मोदी की विदेश नीति का एक प्रमुख हिस्सा मलेशिया समेत अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार और आपसी संबंधों को गहरा करना रहा है, ताकि क्षेत्र में बढ़ते चीनी प्रभाव को रोका जा सके. चीन ने तेजी के साथ भारत के कई पड़ोसी देशों के साथ कई समझौते किए हैं.

इब्राहिम के साथ वार्ता के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए मोदी ने जोर दिया कि किस तरह दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ी है और पिछले कुछ सालों में इसमें "नई गति और ऊर्जा" आई है.

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मलेशिया के लिए क्यों अहम है भारत

मलेशिया आसियान में तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है और साथ ही भारत, मलेशिया के 10 सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है.

भारत और मलेशिया के बीच मजबूत द्विपक्षीय व्यापार होता आया है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार की बात की जाए, तो यह करीब 20.01 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा है जबकि भारत में मलेशिया का निवेश लगभग 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर है. अप्रैल 2023 से दोनों देशों के बीच भारतीय रुपये में व्यापार समझौता प्रभावी रूप से लागू हो चुका है.

भारत में लगभग 70 मलेशियाई कंपनियां काम करती हैं और मलेशिया में 150 से अधिक भारतीय कंपनियां कार्यरत हैं. मलेशिया की कुल आबादी में भारतीय समुदाय की कुल जनसंख्या लगभग सात फीसदी है.

एए/एसएम (एपी, रॉयटर्स)

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