केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के लगभग सभी निगरानी स्टेशनों में पीएम 2.5 का स्तर 450 से ऊपर दर्ज किया गया.
विज्ञापन
शुक्रवार की सुबह दिल्ली और आस-पास के इलाके के लोगों को "जहरीली" हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ा. दिल्ली-एनसीआर में पटाखे पर प्रतिबंध के बावजूद कई लोगों ने जमकर आतिशबाजी की. इसी की वजह से दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक में पहुंच गया है. गुरुवार की शाम दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर को पार कर गई और शुक्रवार गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई.
शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक जो गुरुवार शाम 4 बजे 382 पर था, गुरुवार रात लगभग 8 बजे गंभीर स्तर पर पहुंच गया. तापमान में कमी और हवा की गति कम होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ता गया. दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (424), गाजियाबाद (442), गुड़गांव (423) और नोएडा (431) ने भी रात 9 बजे के बाद पटाखा फोड़ने के साथ हवा की गुणवत्ता "गंभीर" दर्ज की.
दिल्ली में सुबह लोगों ने गले में खराश और आंखों में पानी आने की शिकायत की. दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद कई जगह लोगों को पटाखे फोड़ते देखा गया. दिल्ली सरकार ने दिवाली के दिन पर पटाखे की बिक्री, भंडारण और उसे फोड़ने को लेकर चेतावनी जारी की थी.
दिल्ली ही हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने 14 जिलों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया है, जबकि अन्य हिस्सों में रोक लगाई गई है.
सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (सफर) को आशंका है कि आज भी हवा की गुणवत्ता "गंभीर" श्रेणी में रहेगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के लगभग सभी निगरानी स्टेशनों में एक्यूआई का स्तर 450 से ऊपर दर्ज किया गया.
जहरीली हवा में सांस लेते बड़े शहर
गैर लाभकारी संगठन ओपन एक्यू ने दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है. इन 50 शहरों में सात शहर भारत के हैं. रिसर्च में सामने आया है कि विश्व के 33 बड़े शहरों में पीएम 2.5 का स्तर चार गुना अधिक है.
तस्वीर: Channi Anand/AP Photo/picture alliance
दिल्ली
ओपन एक्यू की सूची में भारत की राजधानी दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है. यहां पार्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण 2.5 का औसत स्तर 102 है. रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के बड़े शहरों में लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं.
तस्वीर: Reuters/A. Fadnavis
मुंबई
आर्थिक राजधानी मुंबई में पीएम 2.5 का सालाना औसत स्तर 43.40 है. ओपन एक्यू की रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों में पीएम 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों से चार गुना अधिक है.
तस्वीर: Rajanish Kakade/AP/picture alliance
कोलकाता
दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में कोलकाता 16वें स्थान पर है. शहर का सालाना पीएम 2.5 का स्तर 52.1 दर्ज किया गया.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/I. Aditya
बेंगलुरू
ओपन एक्यू का कहना है कि विश्व भर में आठ में से एक मौत खराब हवा के कारण होती है. दक्षिण का शहर बेंगलुरू ओपन एक्यू की सूची में 27वें स्थान पर है. यहां पीएम 2.5 का सालाना औसत 27.1 दर्ज किया गया.
तस्वीर: DIBYANGSHU SARKAR/AFP/Getty Images
चेन्नई
ओपन एक्यू की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया के शहर लाहौर, दिल्ली, ढाका में सबसे अधिक प्रदूषण है. चेन्नई में पीएम 2.5 का वार्षिक औसत 34.3 दर्ज किया गया.
तस्वीर: DW
हैदराबाद
पीएम 2.5 के सालाना औसत 38.2 के साथ हैदराबाद भी इस सूची में शामिल है. अध्ययन में शामिल किए गए सभी 50 शहरों में पीएम 2.5 का औसत स्तर 39 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से करीब चार गुना है.
तस्वीर: DW/Catherine Davison
अहमदाबाद
अहमदाबाद में 56.7 पीएम 2.5 का सालाना औसत दर्ज किया गया. यह शहर 45वें स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कम कीमत के सेंसर का इस्तेमाल कर प्रदूषण की निगरानी को बेहतर किया जा सकता है.
तस्वीर: Reuters/A. Dave
अन्य शहरों का हाल
50 शहरों की सूची में न्यूयॉर्क और शिकागो में सबसे कम प्रदूषण दर्ज किया गया. यहां प्रदूषण की निगरानी के लिए भी बेहतर इंतजाम हैं.
तस्वीर: Frank Franklin II/AP Photo/picture alliance
8 तस्वीरें1 | 8
जानलेवा है पीएम 2.5
एक शोध दुनियाभर में पीएम 2.5 की वजह से हर साल लगभग 40,000 बच्चे अपने पांचवें जन्मदिन से पहले मर जाते हैं. इसकी वजह से हर साल बीस लाख बच्चों का गर्भ की अवधि पूरा होने से काफी पहले ही जन्म हो जाता है और चालीस लाख दमा रोग के मामले भी सामने आते हैं.
दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी
आईक्यू एयर ने साल 2020 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक दिल्ली लगातार तीसरे साल सबसे प्रदूषित राजधानी है. जानिए भारत के अन्य शहरों का क्या है हाल.
तस्वीर: H.Joshi/DW
सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
स्विट्जरलैंड स्थित समूह आईक्यू एयर की ओर से तैयार विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2020 के मुताबिक दुनिया के 50 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से भारत के सबसे ज्यादा 35 शहर हैं.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/I. Aditya
दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी
आईक्यू एयर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है. विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 106 देशों के डाटा का अध्ययन करने के बाद चुने गए 50 प्रदूषित शहरों में से 35 भारत के हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में दिल्ली में प्रति घन मीटर पार्टिकुलेट मैटर 2.5 की औसत वार्षिक सांद्रता 84.1 थी, जो कि बीजिंग से दोगुनी थी. पीएम 2.5 के लंबे समय तक संपर्क में रहने से कैंसर और हृदय संबंधी समस्याओं सहित जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/J. Sultan
मौत का कारण वायु प्रदूषण
ग्रीनपीस साउथ ईस्ट एशिया और आईक्यू एयर के हालिया अध्ययन के मुताबिक 2020 में दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण अनुमानित 54,000 लोगों की मौत समय से पहले हुई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Swarup
लॉकडाउन के बावजूद वायु प्रदूषण
पिछले साल देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण पीएम 2.5 के वार्षिक औसत में 11% की कमी के बावजूद, भारत बांग्लादेश और पाकिस्तान के बाद दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश बना.
तस्वीर: Manish Swarup/AP Photo/picture alliance
बाकी शहरों का हाल
अगर अन्य प्रदूषित शहरों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के 10, हरियाणा के 9 शहर शामिल हैं. हालांकि पिछले साल लॉकडाउन की वजह से दिल्ली के लोगों ने साफ हवा का आनंद उठाया लेकिन उसके बाद पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा.