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कनाडा में सर्दी से जमकर मरे भारतीय परिवार की पहचान उजागर

२८ जनवरी २०२२

कनाडा से अमेरिका में घुसने की कोशिश करते वक्त सर्दी से जमकर मर जाने वाले परिवार की पहचान उजागर कर दी गई है. पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

BdTD | Kanada Scarborough | Eingeschneite Schulbusse
तस्वीर: Chris Helgren/REUTERS

कनाडा की सीमा पर सर्दी से जमकर मर जाने वाले भारतीय परिवार के मामले में पुलिस ने अवैध रूप से लोगों को विदेश भेजने की गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है. इस संबंध में छह लोगों को हिरासत में लिया गया है.

यह घटना बीते गुरुवार को सामने आई थी जब अमेरिका और कनाडा की सीमा के बीच एक भारतीय परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी. कनाडा के ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने बताया है कि यह परिवार गुजरात का रहना वाला था.

मरने वालों में 39 वर्षीय जगदीश बलदेवभाई पटेल, वैशालीबेन जगदीश कुमार पटेल (37), विशांगी जगदीश कुमार पटेल (11) और धार्मिक जगदीश कुमार पटेल (3) शामिल थे. उच्चायोग ने एक बयान में बताया कि इन लोगों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है. उच्चायोग ने कहा कि प्रवासन और आवाजाही को वैध और सुरक्षित बनाए जाने की जरूरत है ताकि ऐसे हादसे दोबारा ना हों.

गांधीनगर में पुलिस अधिकारी एके झाला ने बताया कि एक ट्रैवल और टूरिजम एजेंसी के छह लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा, "अब हम उन लोगों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिन्होंने इस परिवार को और अन्य लोगों को अवैध रूप से गुजरात से विदेश भेजा.”

इस मामले में अमेरिकी अधिकारियों ने फ्लोरिडा में स्टीव शैंड नाम के एक व्यक्ति गिरफ्तार किया था. सोमवार को एक स्थानीय अदालत ने शैंड को सशर्त जमानत दी.

‘झकझोर देने वाली घटना'

कनाडा की रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस का मानना है कि यह परिवार 12 जनवरी को कनाडा आया था. वे लोग पहले टोरंटो पहुंचे थे और 18 जनवरी को वहां से मानीतोबा के इमरसन गए थे. चूंकि उनके पास कोई गाड़ी नहीं मिली थी तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी ने वहां उन्हें छोड़ा था.

अधिकारियों के मुताबिक ये लोग अपने ही गांव के चार अन्य परिवारों के साथ भारत से आए थे. ये लोग अपने 18 लोगों के समूह से अलग हो गए और एक बर्फीले तूफान में फंस गए, जिस कारण इनकी मौत हो गई. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस त्रासदी को झकझोर देने वाली घटना बताया.

मामला तब प्रकाश में आया जब अमेरिकी अधिकारियों ने बाकी लोगों को पकड़ा. पकड़े गए लोगों के सामान में एक बैग था जिसमें बच्चों का सामान था. लेकिन समूह में कोई बच्चा नहीं था जिससे अधिकारियों को संदेह हुआ. पूछताछ करने पर अलग हो गए लोगों का पता चला और उनकी खोज की गई. अमेरिकी अधिकारियों ने कनाडा के अफसरों को सूचित किया और तब पुलिस ने उन्हें खोजा लेकिन उनके शव बरामद हुए.

गहरी है तस्करी की पैठ

गांधीनगर में झाला कहते हैं कि लोग अमेरिका और कनाडा जाने के लिए अपना घर और जमीन तक बेच रहे हैं. उन्होंने बताया, "मानव तस्करी के गिरोहों की पकड़ बहुत गहरी होती है और अक्सर में स्थानीय नेता तक शामिल होते हैं.”

भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अवैध रूप से लोगों को विदेश भेजने के मामले की गहन जांच के लिए अमेरिकी और कनाडा के अधिकारियों के साथ संपर्क साधा जा रहा है.

आमतौर पर अमेरिका में घुसने के लिए अवैध प्रवासी कनाडा के रास्ते का इस्तेमाल नहीं करते हैं. अमेरिका में सीमाओं की पहरेदारी करने वाली विभाग के मुताबिक 2009 में कनाडा के रास्ते अमेरिका में घुसने की कोशिश करते 6,806 लोग पकड़े गए थे जिनकी संख्या 2021 में घटकर 916 रह गई थी.

अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले साल इस रास्ते से सीमा पार करते 41 भारतीयों को गिरफ्तार किया था. 2020 में 129 और 2019 में 339 भारतीय पकड़े गए थे. मिनेसोटा स्थित इमिग्रेशन लॉ सेंटर की कार्यकारी निदेशक वीणा अय्यर बताती हैं कि पिछले हफ्ते जो सात लोग पकड़े गए हैं उन्होंने अगर स्टीव शैंड को सजा दिलाने में अधिकारियों की मदद की तो उन्हें अमेरिका का वीजा भी मिल सकता है.

वीके/एए (रॉयटर्स, एपी)

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