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भारत में फिर चीनी कंपनी पर छापेमारी,इस बार ओप्पो पर कार्रवाई

१४ जुलाई २०२२

इस महीने में दूसरी और इस साल तीसरी चीनी कंपनी पर भारतीय अधिकारियों ने छापेमारी की है. इस कार्रवाई पर चीन ने आपत्ति जताई है. भारत में चीनी कंपनियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है.

ओप्पो मोबाइल
ओप्पो मोबाइलतस्वीर: IANS

भारत में फिर एक चीनी कंपनी के दफ्तरों पर छापे पड़े हैं. एक महीने के भीतर यह दूसरी चीनी कंपनी है जहां भारतीय अधिकारियों ने छापेमारी की है. बुधवार को स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ओप्पो की सहभागी भारतीय कंपनी के परिसरों की तलाशी ली गई.

भारतीय अधिकारियों का आरोप है कि चीनी कंपनी ग्वांगडोंग ओप्पो मोबाइल टेलीकम्यूनिकेशंस कॉर्प लिमिटेड की सब्सिडिएरी कंपनी ओप्पो इंडिया ने आयात कर में 43.9 अरब डॉलर का घपला किया. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा है कि इस धन की उगाही के लिए कंपनी को नोटिस जारी किया गया है.

ओप्पो इंडिया भारत में मोबाइल फोन और उससे जुड़ी चीजें बनाने, बेचने और डिस्ट्रीब्यूशन के कारोबार में सक्रिय है. एक बयान में ईडी ने कहा कि ओप्पो इंडिया ने ऐसी कर छूट का लाभ उठाया, जिसकी वह हकदार नहीं थी. इसके अलावा रॉयल्टी और लाइसेंस फीस बचाने के लिए खातों में हेराफेरी की गई और इस तरह उसने कुल 2.9 अरब डॉलर बचा लिए. ईडी ने कहा कि इस धन का बहुत बड़ा हिस्सा चीन भेज दिया गया ताकि भारत में कर ना देना पड़े.

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ओप्पो इंडिया ने फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा है. ओप्पो इंडिया दूसरी चीनी कंपनी है जिस पर इस महीने प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा है. पिछले हफ्ते ही भारतीय अधिकारियों ने चीनी कंपनी वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी की थी. उस कंपनी पर भी भारत ने मनी लाउंड्रिंग में शामिल होने के आरोप लगाए हैं. ईडी ने कहा कि उसने कंपनी के 119 बैंक खातों को सील कर दिया है जिनमें 4.65 अरब रुपये, दो किलोग्राम सोना और 73 लाख रुपये का कैश बरामद हुआ था.

सुरक्षा कारणों का हवाला देकर भारत ने पिछले कुछ समय में भारत चीन की 300 से ज्यादा मोबाइल ऐप प्रतिबंधित कर चुका है. इसके अलावा भारत में चीनी निवेश पर भी कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं.

इससे पहले अप्रैल में एक अन्य फोन-निर्माता कंपनी शाओमी के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी. कंपनी पर अवैध तरीके से भारत से बाहर धन ले जाने के आरोप लगाए गए थे. शाओमी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि भारत में उसकी सारी गतिविधियां कानून-सम्मत हैं.

चीनी कंपनियों पर सख्त भारत

एक के बाद एक हो रही इस कार्रवाई को भारत द्वारा चीनी कंपनियों के खिलाफ सख्ती के रूप में देखा जा रहा है. दोनों देशों के संबंधों में पिछले करीब दो साल से तनाव जारी है, जब लद्दाख सीमा पर 2020 में चीनी और भारत के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी और 20 भारतीय व 4 चीनी सैनिक मारे गए थे.

पिछले गुरुवार को वीवो पर छापे के बाद भारत में चीन के दूतावास ने एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि इस तरह लगातार छापेमारी कर भारत चीनी कंपनियों के बीच अपनी छवि खराब कर सकता है. दूतावास ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से सामान्य व्यापारिक गतिविधियों में खलल पड़ता है और “चीन व अन्य देशों की कंपनियों का भरोसा कमजोर होता है.”

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लीजियां ने इसी महीने एक बयान जारी कर भारत से निष्पक्ष व्यवहार करने को कहा था. लीजियां ने कहा था कि उनकी सरकार अपनी कंपनियों ने संबंधित देश के नियमों के मुताबिक कारोबार करने की उम्मीद करती है और उनके हितों व अधिकारों की रक्षा करना चाहती है.

जाओ ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि भारत कानून सम्मत तरीके से ही जांच-पड़ताल करेगा और चीनी कंपनियों के निवेश और गतिविधियों को भारत में एक निष्पक्ष और भेदभाव रहित माहौल उपलब्ध कराएगा.” 

भारतीय फोन बाजार पर चीन की कंपनियों का कब्जा है. शाओमी देश की सबसे ज्यादा फोन बेचने वाली कंपनी है. काउंटरपॉइंट नामक रिसर्च फर्म के मुताबिक शाओमी के अलावा वीवो भी भारत की पांच सबसे बड़ी फोन कंपनियों में शामिल है.

रिपोर्टः विवेक कुमार
 

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