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कनाडा में भारत ने शुरू की कुछ वीजा सेवाएं

२६ अक्टूबर २०२३

भारत ने बुधवार को कहा कि वह गुरुवार से कनाडा में कुछ श्रेणी की वीजा सेवाएं फिर शुरू करेगा. यह कदम एक सिख अलगाववादी की हत्या पर राजनयिक विवाद के बीच वीजा सेवाएं निलंबित किए जाने के एक महीने से अधिक समय बाद उठाया जा रहा.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Evan Vucci/Pool/AP/picture alliance

भारत ने कनाडा में एक महीने से ज्यादा समय से बंद पड़ी वीजा सेवाओं को गुरुवार से दोबारा शुरू करने का ऐलान किया है. ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, "इस संबंध में कनाडा के कुछ हालिया उपायों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद 26 अक्टूबर से प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा श्रेणियों के लिए वीजा सेवाओं को फिर शुरू करने का निर्णय लिया गया है."

बयान में कहा गया है कि इमरजेंसी सेवाएं भारतीय उच्चायोग और टोरंटो और वैंकूवर में वाणिज्य दूतावासों द्वारा संभाली जाती रहेंगी. ऐसा माना जा रहा है कि बुधवार की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सकता है.

खालिस्तानी नेता की हत्या के बाद कूटनीतिक तनाव

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया था और इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पक्ष से एक-एक राजनयिक को हटाने के लिए कहा और इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली ने कनाडा से राजनयिक समानता बनाए रखने के लिए देश में तैनात अपने 40 से अधिक राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था.

भारत से 41 राजनयिकों की वापसी के बाद कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत ने विएना कन्वेंशन के खिलाफ राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा था. इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हम समानता के कार्यान्वयन को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में चित्रित करने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करते हैं."

बयान के मुताबिक, "भारत में कनाडाई राजनयिकों की भारत के मुकाबले ज्यादा तादाद और हमारे अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी के मद्देनजर यह जरूरी था कि दोनों देशों के बीच नई दिल्ली और ओटावा, दोनों जगह पर राजनयिक स्तर में समानता हो. इसके क्रियान्वयन पर हम पिछले महीने से कनाडा के साथ बातचीत कर रहे थे."

ट्रूडो के बयान के बाद बवाल

दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद तब पैदा हो गया था जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में एक बयान में कहा था कि कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे "पुख्ता सबूत" हैं कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार की भूमिका हो सकती है.

अभी तक निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कनाडा ने कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया था.

इसी साल जून में निज्जर की कनाडा में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में दो अज्ञात युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने निज्जर के खिलाफ कथित तौर पर आतंकी हमले की साजिश रचने के मामले में चार्जशीट दायर की थी.

निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब का प्रमुख था और वह कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स  (केटीएफ) का चीफ था. निज्जर भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था, जिस पर भारत ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

पिछले कुछ वर्षों में हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन में एक प्रमुख चेहरे के रूप में उभरा था, जो नियमित रूप से भारत विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व करता था.

भारत ने लगाए कनाडा पर गंभीर आरोप

भारत ने कनाडा पर अलगाववादियों और "आतंकवादियों" को पनाह देने का आरोप लगाया है, लेकिन हत्या में शामिल होने के कनाडाई आरोप को "बेतुका" बताते हुए उसे खारिज कर दिया था.

वीजा सेवा बहाल होने पर कनाडा के मंत्री हरजीत सिंह ने इसका स्वागत करते हुए इसे कनाडा के लोगों के लिए अच्छी खबर बताया है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच "लोगों के बीच मजबूत संबंध" हैं और लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे आने-जाने में सक्षम हों, उदाहरण के लिए शादियों या अंत्येष्टि के लिए.

कनाडा में भारतीय मूल  के करीब 15 लाख लोग रहते हैं, जिनमें से करीब 8 लाख सिख हैं. भारत से बाहर सिखों की सबसे बड़ी आबादी कनाडा में ही रहती है.

एए/सीके (एएफपी, एपी)

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