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भारत: महंगाई दर आठ साल के सबसे ऊंचे स्तर पर

१३ मई २०२२

भारत में खुदरा महंगाई दर 7.79 पर पहुंच गई है, जो उसका आठ साल में सबसे ऊंचा स्तर है. यह लगातार चौथा महीना है जब महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर रही है. जानकार इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं.

Coronavirus Indien | Mumbai Gemüsemarkt
तस्वीर: Niharika Kulkarni/REUTERS

आरबीआई की निरंतर कोशिश रहती है कि देश में खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर ना जाए, लेकिन यह लगातार चौथा महीना है जब महंगाई दर इस स्तर से ऊपर रही है. मार्च में महंगाई दर 6.95 प्रतिशत थी.

पिछले साल की तुलना में देखें तो यह और भी बड़ा उछाल है. अप्रैल 2021 में महंगाई दर 4.23 प्रतिशत थी. इस बार महंगाई दर के इतना ऊपर जाने में बड़ी भूमिका खाने पीने की चीजों के दामों की है. उनमें 8.38 प्रतिशत महंगाई दर दर्ज की गई है, जब कि एक महीना पहले यह दर 7.68 प्रतिशत थी.

हर चीज के दाम बढ़े

लगभग हर चीज के दाम में उछाल आया है. खाने के तेल के दाम एक महीने में 17.28 प्रतिशत बढ़ गए, सब्जियों के दाम 15.41 प्रतिशत बढ़ गए, मसालों के दाम 10.56 प्रतिशत बढ़ गए और मांस-मछली के दाम 6.97 प्रतिशत बढ़ गए.

पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और रसोई गैस के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैंतस्वीर: Satyajit Shaw/DW

ईंधन के दाम 10.80 प्रतिशत बढ़ गए हैं. कपड़ों और जूते-चप्पलों के दाम भी 9.85 प्रतिशत बढ़ गए हैं. फलों के दाम भी 4.99 प्रतिशत बढ़ गए हैं. स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों के दाम 7.21 प्रतिशत बढ़ गए और यातायात और संचार से जुड़ी चीजों के दाम 10.91 प्रतिशत बढ़ गए.

महंगाई इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसी वजह से आरबीआई ने पिछले सप्ताह अचानक ब्याज दरें बढ़ा दीं ताकि अर्थव्यवस्था में नकदी की आपूर्ति पर लगाम लगा कर महंगाई दर को नीचे लाया जा सके.

क्या करेगा आरबीआई

अब आशंका जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक जून में भी ऐसी ही नीति बनाए रखेगा, जिस वजह से ब्याज दरों के और बढ़ने की संभावना है. इसके साथ डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत भी अर्थव्यवस्था की समस्याओं को बढ़ा रही है.

भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने एक ट्वीट में कहा कि रुपये के गिरते मूल्य की वजह से एक तरह से भारत में महंगाई का आयात भी हो रहा है, जिसे रोकने की जरूरत है.

विपक्षी पार्टियों ने भी बढ़ती महंगाई दर को लेकर सरकार की आलोचना की है. 

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