जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक दो दिनों के दौरे पर भारत आई हुई हैं. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से कई विषयों पर बातचीत की और भारत को दुनिया भर में कई देशों के लिए एक आदर्श बताया.
अनालेना बेयरबॉक और एस जयशंकरतस्वीर: Carsten Koall/dpa/picture alliance
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बेयरबॉक ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ कई विषयों पर बातचीत की. जयशंकर ने पत्रकारों को बताया कि इन विषयों में यूक्रेन, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और सीरिया शामिल थे.
दोनों नेताओं ने औपचारिक बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच माइग्रेशन और मोबिलिटी को लेकर एक महत्वपूर्ण संधि पर हस्ताक्षर किए. इस संधि का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के लिए एक दूसरे के देश में पढ़ना, शोध करना और काम करना आसान बनाना है.
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बेयरबॉक ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस महीने की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभालने का स्वागत किया और भारत को दुनिया भर में कई देशों के लिए एक आदर्श बताया. उन्होंने यह भी कहा कि जर्मनी "भारत के साथ सुरक्षा सहयोग मजबूत करना चाहता है."
जयशंकर की मीडिया को हिदायत
यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस के साथ भारत के रिश्तों को लेकर जर्मनी और अन्य पश्चिमी देश असहज रहे हैं लेकिन बेयरबॉक और जयशंकर की पत्रकार वार्ता में इसे लेकर कोई आपसी तनाव नजर नहीं आया.
जर्मनी के पत्रकारों ने जरूर इस विषय पर कुछ पैने सवाल किए और जयशंकर ने उन सवालों का जवाब दिया. रूस से जीवाश्म ईंधनों के आयात से जुड़े एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से लेकर अभी तक यूरोपीय संघ ने रूस से इतने जीवाश्म ईंधन का आयात किया है जितना उसके बाद के 10 देशों ने मिला कर नहीं किया है.
गांधी स्मृति पर श्रद्धांजलि अर्पित करतीं अनालेना बेयरबॉकतस्वीर: Carsten Koall/dpa/picture alliance
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि अधिकांश यूरोपीय सरकारें यह समझती हैं कि हर देश अपने हित के हिसाब से अपने विकल्पों को चुनता है और यूरोपीय मीडिया को भी यह समझना चाहिए.
दोनों नेताओं के बीच चीन को लेकर भी बातचीत हुई. बेयरबॉक ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि चीन जर्मनी के लिए कई मायनों में एक प्रतियोगी और एक प्रतिद्वंदी है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत जर्मनी का पुराना और महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है.
भारतीय बच्ची अरीहा शाह का मुद्दा
जयशंकर ने बताया कि उन्होंने जर्मन विदेश मंत्री के साथ बातचीत में जर्मनी में डेढ़ साल की भारतीय बच्ची अरीहा शाह का मुद्दा भी उठाया. जर्मनी में बाल कल्याण अधिकारियों ने अरीहा के माता पिता पर बच्ची के साथ क्रूरता का आरोप लगाया है और पिछले 14 महीनों से उसे माता पिता की जगह अपने पास रखा हुआ है.
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अरीहा के परिवार के सदस्य इसके विरोध में पिछले कई दिनों से दिल्ली में जर्मनी के दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. जयशंकर ने बेयरबॉक से कहा, "हमें इस बात की चिंता है कि बच्ची को अपनी भाषाई, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण में होना चाहिए और भारत सरकार इस मुद्दे पर काम कर रही है."
बेयरबॉक ने कहा कि वो खुद दो बच्चियों की मां हैं और स्थिति को समझती हैं, लेकिन मामला इस समय जर्मनी की एक अदालत में है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि अरीहा बिलकुल सुरक्षित है और उसकी अच्छे से देखभाल की जा रही है.
बेयरबॉक मंगलवार छह दिसंबर को जर्मनी वापस लौट जाएंगी.
ये बातें करती हैं भारत और जर्मनी को एक दूसरे से जुदा
भारत में कुत्ता पालने पर कोई कर नहीं देना पड़ता लेकिन जर्मनी में कुत्ता पालने पर टैक्स देना होता है. साथ ही कुत्ते का बीमा करवाना भी जरूरी है. ऐसी और कौन सी बातें हैं जो जर्मनी में भारत से बहुत अलग हैं, आइए जानते हैं.
तस्वीर: Imago/photothek/T. Koehler
घरों में कूलर पंखे नहीं
जर्मनी में आधे साल ठंड का मौसम रहता है. बाकी साल में भी अधिकतकम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच पाता है. यहां हर घर में हीटर लगा होता है. कुछ घरों में एयर कंडीशनर हैं लेकिन यहां सीलिंग फैन या कूलर देखने को नहीं मिलते.
तस्वीर: Colourbox/waewkid
हर जगह सुरक्षा जांच नहीं
भारत में मेट्रो, रेलवे स्टेशन और मॉल हर जगह सुरक्षा जांच होती है. लेकिन जर्मनी में ऐसा नहीं है. किसी भी जगह जाने पर अलग से कोई सुरक्षा जांच नहीं होती है. एक बार जर्मनी में प्रवेश लेने पर एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच होती है. इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में सुरक्षा जांच हो सकती है.
तस्वीर: Reuters/D. Ismail
भीड़भाड़ ही नहीं है
भारत में आप किसी गली में भी चले जाइए वहां भीड़ जरूर होती है. लेकिन जर्मनी में सार्वजनिक जगहों पर भी ऐसी भीड़भाड़ देखने को नहीं मिलती है. शाम ढलने के बाद गलियों में तो किसी का दिखना भी दुर्लभ होता है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यहां सीट के लिए आमतौर पर मारामारी नहीं होती. जर्मनी की कुल जनसंख्या सवा आठ करोड़ है जो उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के आधे से भी कम है.
तस्वीर: Imago/Ralph Peters
शाकाहारी को खाना खोजना पड़ेगा
भारत में एक बड़ी आबादी शाकाहारी है जबकि जर्मनी की बड़ी आबादी मांसाहारी है. यहां शाकाहारी लोगों को खाने के लिए जगह तलाश करनी पड़ती है. अधिकांश जगह शाकाहारी खाने के नाम पर उबली हुई सब्जियां मिलती हैं. पिछले समय में वीगन रेस्तरां लोकप्रिय हो रहे हैं. अब बड़े शहरों में भारतीय रेस्त्रां भी खुलने लगे हैं.
तस्वीर: picture alliance /AP Photo/S.Moulton
बाएं नहीं दाएं चलें
भारत में सड़क पर बाईं तरफ चलने का नियम है और गाड़ियां दाईं तरफ स्टीयरिंग वाली होती हैं. जर्मनी और यूरोप में यह उल्टा है. यहां गाड़ियां बाईं तरफ स्टीयरिंग वाली और सड़क पर दाईं तरफ चलने का नियम है.
तस्वीर: Getty Images/S. Gallup
देर शाम तक सूरज चमकना
जर्मनी में जून के महीने में देर शाम तक सूरज निकलता है. सुबह करीब 5 बजे से रात 10 बजे तक सूरज निकलता है. अप्रैल के महीने में एक सामान्य दिन रात साढ़े आठ बजे तक सूरज निकलता है. भारत में मई-जून की गर्मी में भी शाम साढ़े सात बजे तक ही सूरज निकलता है. रमजान के महीने में रोजा रखने वाले लोगों के लिए ये मुश्किल का समय होता है.
तस्वीर: picture-alliance/Design Pics/C. Johnson
कुत्ता पालने पर टैक्स
भारत में कुत्ता पालने पर कोई कर नहीं देना पड़ता लेकिन जर्मनी में कुत्ता पालने पर टैक्स देना होता है. साथ ही कुत्ते का बीमा करवाना भी जरूरी है.
भारत में एक सामान्य धारणा है कि यूरोप, अरब और अमेरिकी देशों में आईफोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सस्ते मिलते हैं. लेकिन जर्मनी में ऐसा नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यहां भारत के बराबर या मंहगे दामों पर मिलते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/J. Arriens
बटन दबाइए सड़क पार करिए
भारत में जेब्रा क्रॉसिंग से सड़क पार करने का नियम है. इसके लिए जेब्रा क्रॉसिंग पर खड़े होकर वाहनों के रुकने का इंतजार करना होता है. जर्मनी में सड़क पर लगे ट्रैफिक सिग्नल में एक बटन लगा होता है. इस बटन को दबाने पर समय होने पर वाहनों के लिए लाल सिग्नल हो जाएगा और पैदल यात्री निकल सकेंगे. यहां पैदल और साइकिल यात्रियों को प्राथमिकता दी जाती है.
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टीवी के पैसे देने होंगे
भारत में अगर आपके घर में टीवी है और आप कोई ऐसी सर्विस इस्तेमाल करते हैं जिसके पैसे लगते हैं तो आपको उसका खर्च देना होता है. लेकिन जर्मनी में भले ही आपके घर में टीवी हो या ना हो आपको टीवी टैक्स देना होता है.
तस्वीर: picture-alliance/Ulrich Baumgarten
सट्टेबाजी, लॉटरी, वैश्यावृत्ति सब वैध
भारत में सट्टेबाजी पूरी तरह अवैध है. लॉटरी और वैश्यावृत्ति के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियम हैं. कहीं ये वैध हैं कही अवैध. लेकिन जर्मनी में ये तीनों वैध हैं.
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शराब के ठेके नहीं
भारत में सामान्य दुकानों में शराब नहीं बिकती है. इसके लिए अलग से ठेका दिया जाता है और शराब की अलग दुकानें होती है. लेकिन जर्मनी में ग्रोसरी की सामान्य दुकानों में शराब मिलती है. यहां जगह-जगह ठेका तलाशने की जरूरत नहीं है. साथ ही जर्मनी में खुले में शराब पीने पर कोई रोक नहीं है.
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मोबाइल रखना सस्ता नहीं
भारत में 4जी आने के बाद मोबाइल का खर्चा बेहद कम हो गया है. अब लगभग 500 रुपये में कंपनियां तीन महीने के अनलिमिटेड कॉलिंग और इंटरनेट के प्लान दे रही हैं. जर्मनी में ऐसा नहीं है. जर्मनी में दो जीबी 4जी इंटरनेट और 200 मिनट कॉलिंग के लिए 10 यूरो यानी करीब 800 रुपये खर्च करने होते हैं.