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भारत: बांग्लादेश के साथ सहयोग आगे ना बढ़ने का कोई कारण नहीं

१० दिसम्बर २०२४

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद पहली औपचारिक उच्च-स्तरीय बातचीत के लिए ढाका पहुंचे भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश के साथ भारत के "बेहद महत्वपूर्ण" रिश्तों पर जोर दिया है.

एक लंबी टेबल के दोनों तरफ बैठे दोनों देशों के अधिकारी
बातचीत के दौरान दोनों देशों ने अपनी अपनी चिंताएं भी सामने रखींतस्वीर: AFP

अपनी एक दिन की ढाका यात्रा के बाद जारी किए गए आधिकारिक बयान में मिस्री ने यह संकेत दिया कि उन्होंने भारत की चिंताओं को जाहिर करने और दोनों देशों के आपसी रिश्तों की अहमियत को रेखांकित करने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की.

बयान के मुताबिक मिस्री ने कहा कि वो ढाका उनके बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जशीम उद्दीन के निमंत्रण पर गए थे. इसके बाद उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के आपसी रिश्ते "बेहद महत्वपूर्ण" हैं और अगस्त में बांग्लादेश में हुए राजनीतिक बदलाव के बाद भी दोनों देशों के नेताओं के बीच संपर्क रहा है.

"सृजनात्मक रवैये" की उम्मीद

मिस्री ने यह भी रेखांकित किया कि मोहम्मद यूनुस के मुख्य सलाहकार का पद संभालने के बाद उन्हें बधाई देने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय नेता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. विदेश सचिव ने कहा कि "भारत बांग्लादेश के साथ एक सकारात्मक, सृजनात्मक और परस्पर रूप से लाभकारी संबंध चाहता है."

दोनों देशों ने आपसी रिश्तों को आगे बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया हैतस्वीर: AFP

उन्होंने आगे कहा कि यह "परस्पर लाभकारी संबंध दोनों देशों के लोगों के हित में जारी ना रहें, इसका कोई कारण नहीं है" और भारत, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ करीब से काम करना चाहता है. हालांकि, मिस्री ने जोड़ा कि ढाका में उनकी बातचीत के दौरान उन्होंने भारत की चिंताएं भी जाहिर कीं, जिनमें "अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण" से जुड़े विषय भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में कुछ सांस्कृतिक, धार्मिक और कूटनीतिक सम्पत्तियों पर हमलों को लेकर भी चर्चा हुई और भारत कुल मिला कर इन सभी मुद्दों पर एक सृजनात्मक रवैये की उम्मीद कर रहा है.

उधर जशीम उद्दीन ने ढाका में पत्रकारों को बताया कि अल्पसंख्यकों के मुद्दे को समझने में थोड़ी कमी है और उन्होंने भारतीय अधिकारियों से निवेदन किया कि वो बांग्लादेश के बारे में फैलाई जा रही झूठी मीडिया रिपोर्टों के खिलाफ कदम उठाएं.

अल्पंसख्यक बांग्लादेश का "आतंरिक मामला"

मिस्री अंतरिम सरकार के विदेशी मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन और उसके बाद मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से भी मिले. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यूनुस ने दोनों देशों के संबंधों को "बहुत ठोस" और "करीबी" बताया और भारत से कहा कि वो उन "बादलों" को हटाने में मदद करे जिन्होंने हाल में इन संबंधों पर अपनी छाया डाली है.

यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार हर नागरिक की सुरक्षा करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वो किसी भी धर्म, रंग, मूल या लिंग के हों. जशीम उद्दीन ने इस विषय पर कहा कि यह बांग्लादेश का "आंतरिक मामला है और किसी दूसरे देश का हमारे आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप ठीक नहीं है."

यूनुस के कार्यालय के प्रेस विभाग के मुताबिक उन्होंने हसीना द्वारा नई दिल्ली से दिए गए बयानों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि इनकी वजह से तनाव होता है. जशीम उद्दीन ने बताया कि उन्होंने मिस्री से कहा कि बांग्लादेश सरकार को हसीना के बयान पसंद नहीं आ रहे हैं और भारत सरकार को यह बात उनसे कह देनी चाहिए.

उनके मुताबिक इस पर मिस्री ने उनसे कहा कि यह एक गलत धारणा है कि भारत के बांग्लादेश में एक खास पार्टी के साथ संबंध हैं. मिस्री ने यह भी कहा कि हसीना की भारत में उपस्थिति का दोनों देशों के संबंधों से कोई लेना देना नहीं है और भारत सरकार बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के साथ व्यवहार करेगी. इसके अलावा दोनों देशों के बीच सीमा पर होने वाली हत्याएं, नदियों के पानी, वीजा आदि विषयों पर भी बातचीत हुई. 

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